tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post248654151501934401..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: देखो बह न जाएं कहीं ये अश्क के मोतीमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-18758822229254255972010-07-01T22:48:03.521+05:302010-07-01T22:48:03.521+05:30आप की इस रचना को शुक्रवार, 2/7/2010 के चर्चा मंच क...आप की इस रचना को शुक्रवार, 2/7/2010 के चर्चा मंच के लिए लिया जा रहा है. <br /><br />http://charchamanch.blogspot.com <br /><br />आभार <br /><br />अनामिकाअनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-23810876049044611582010-07-01T08:17:18.127+05:302010-07-01T08:17:18.127+05:30@ हरकीरत जी,
मैं कोई प्रतिष्ठित रचनाकार तो हूँ नही...@ हरकीरत जी,<br />मैं कोई प्रतिष्ठित रचनाकार तो हूँ नहीं, अतः भ्रम होना स्वाभाविक है।<br />आपकी प्रतिक्रिया का मैं आदर करता हूँ।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-54426839587505376422010-07-01T08:10:01.070+05:302010-07-01T08:10:01.070+05:30@ करण जी,
आपकी भावनाओं का मैं आदर करता हूँ।
गीत के...@ करण जी,<br />आपकी भावनाओं का मैं आदर करता हूँ।<br />गीत के सन्दर्भ में आप द्वारा कहे गए चन्द शेर गीत की आभा में श्रीवृद्धि कर रहे हैं।<br />आभार,हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-90746041985868490132010-06-30T18:44:22.605+05:302010-06-30T18:44:22.605+05:30कोई चाहे न चाहे,इस कविता से गुजरते हुए भावुक हो ही...कोई चाहे न चाहे,इस कविता से गुजरते हुए भावुक हो ही जाएगा।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-7762985956554467492010-06-30T18:11:06.512+05:302010-06-30T18:11:06.512+05:30बहुत सुंदर रचना!बहुत सुंदर रचना!राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-89716187470041197352010-06-30T18:09:46.854+05:302010-06-30T18:09:46.854+05:30वेदना को व्यक्त करते हैं आँसू
सुन्दर रचनावेदना को व्यक्त करते हैं आँसू<br />सुन्दर रचनाहास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-18279615313146717142010-06-30T18:08:57.419+05:302010-06-30T18:08:57.419+05:30बहुत अच्छी लगी आपकी यह रचनाबहुत अच्छी लगी आपकी यह रचनारीताhttps://www.blogger.com/profile/17969671221868500198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-76165063941075332912010-06-30T15:58:58.322+05:302010-06-30T15:58:58.322+05:30बहुत सुन्दर कविता. कोमल अभिव्यक्ति.बहुत सुन्दर कविता. कोमल अभिव्यक्ति.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-82374324872845146622010-06-30T14:37:25.605+05:302010-06-30T14:37:25.605+05:30खूबसूरत भावाभिव्यक्ति...साधुवाद.खूबसूरत भावाभिव्यक्ति...साधुवाद.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-74721073664278156652010-06-30T13:05:13.504+05:302010-06-30T13:05:13.504+05:30बहुत अच्छी लगी आपकी यह रचना..बधाई.
____________...बहुत अच्छी लगी आपकी यह रचना..बधाई. <br /><br /><br />___________________________<br />'पाखी की दुनिया' में स्कूल आज से खुल गए...आप भी देखिये मेरा पहला दिन.Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-16797181630958695372010-06-30T12:01:16.156+05:302010-06-30T12:01:16.156+05:30अरे ये हरीश जी की है ....मैंने सोचा आपकी है .........अरे ये हरीश जी की है ....मैंने सोचा आपकी है ......!!<br /><br />बहुत सुंदर .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-40231340462005203782010-06-30T11:40:56.865+05:302010-06-30T11:40:56.865+05:30एहसासों को खूबसूरत शब्दों में ढला है....सुन्दर रचन...एहसासों को खूबसूरत शब्दों में ढला है....सुन्दर रचना ....चित्रों ने और सुन्दर बना दिया..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-76740792060173260232010-06-30T11:20:06.222+05:302010-06-30T11:20:06.222+05:30sunder abhivykti....sunder abhivykti....Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-60306031976091379322010-06-30T10:57:45.235+05:302010-06-30T10:57:45.235+05:30वेदना, करुणा और दुःखानुभूति का अच्छा चित्रण।वेदना, करुणा और दुःखानुभूति का अच्छा चित्रण।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-83724293266361128162010-06-30T10:53:04.548+05:302010-06-30T10:53:04.548+05:30कविता इतनी मार्मिक है कि सीधे दिल तक उतर आती है।कविता इतनी मार्मिक है कि सीधे दिल तक उतर आती है।जुगल किशोरhttps://www.blogger.com/profile/13301162594819383710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-36466336128967088772010-06-30T10:41:39.102+05:302010-06-30T10:41:39.102+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-43217057669583065112010-06-30T10:32:01.566+05:302010-06-30T10:32:01.566+05:30कविता पढने के उपरान्त बहुत देर तक पता नहीं मैं मुझ...कविता पढने के उपरान्त बहुत देर तक पता नहीं मैं मुझ से कहाँ दूर चला गया था... जब लौटा तो तीन शे'र याद आये,<br /><br />'दर्द को दिल में जगह दे अकबर !<br />इल्म से शायरी नहीं आती !!<br /><br />मेरे सीने में हो या कि तेरे सीने में !<br />हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए !!<br /><br />अब ये भी नहीं अच्छा कि हर ग़म ही मिटा दें,<br />कुछ ग़म तो सीने से लगाने के लिए भी हैं !!<br /><br />अगर आशुतोष ने कालकूट को ग्रीवास्थ नहीं किया होता तो सृष्टि में जीवन का हास कैसे आता ! देखो बह न जाएं कहीं<br />ये अश्क के मोती............. बिखेरो खुशबुओं के साथ, चम्पा और चमेली के.......... !! बहुत सुन्दर रचना... !!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-73170821800327159022010-06-30T08:27:48.651+05:302010-06-30T08:27:48.651+05:30@ मनोज जी,
कविता की सफलता है कि वह भावों के स्तर ...@ मनोज जी,<br />कविता की सफलता है कि वह भावों के स्तर पर, संवेदना के स्तर पर पाठक के अन्तर्मन को स्पर्श करे। इस कविता ने आप सहित सभी पाठकगण में यह अवुभूति जगाई, इसकी मुझे खुशी है और मैं सबका आभारी हूँ।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-29151526365059496382010-06-29T23:33:53.499+05:302010-06-29T23:33:53.499+05:30बहुत सुंदर रचना जीबहुत सुंदर रचना जीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-84138383922135252272010-06-29T21:34:08.235+05:302010-06-29T21:34:08.235+05:30हृदय की पीर से
उपजी है धारा
कौन ये समझे,
वेदनाओं क...हृदय की पीर से<br />उपजी है धारा<br />कौन ये समझे,<br />वेदनाओं के उदधि <br /><br />वेदना को व्यक्त करते हैं आँसू<br />सुन्दर रचनाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-25382176291835111852010-06-29T21:30:46.467+05:302010-06-29T21:30:46.467+05:30Bahut sundar...Bahut sundar...sanu shuklahttps://www.blogger.com/profile/18043545346226529947noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-81956816853758683982010-06-29T21:14:06.446+05:302010-06-29T21:14:06.446+05:30हरीश जी इस कविता में बहुत बेहतर, बहुत गहरे स्तर पर...हरीश जी इस कविता में बहुत बेहतर, बहुत गहरे स्तर पर एक बहुत ही छुपी हुई करुणा और गम्भीरता है। आपने इस कविता में अपने-आपको बहुत अच्छी तरह से बखूबी ढ़ाला है, और ऐसा लग रहा है कि आप बोल रहें हो या नहीं, आपकी कविता ज़रूर बोल रही है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-17469387206063138052010-06-29T21:02:09.164+05:302010-06-29T21:02:09.164+05:30उद्वेगों के समन्दर में
व्यथाओं का
हुआ मंथन
शिरा...उद्वेगों के समन्दर में<br /><br />व्यथाओं का<br /><br />हुआ मंथन<br /><br />शिराएं जब हुईं आहत<br /><br />बहीं/बन-<br />गहरे एहसास, सुन्दर अभिव्यक्ति। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-61005247134260368062010-06-29T20:22:37.182+05:302010-06-29T20:22:37.182+05:30अंतर्मन भीग गया!!अंतर्मन भीग गया!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-1902615686525249512010-06-29T20:17:19.676+05:302010-06-29T20:17:19.676+05:30सुन्दर अभिव्यक्ति ।सुन्दर अभिव्यक्ति ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com