tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post263159669541470097..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: आओ बात करें बस हिन्दुस्तान कीमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-52001787921855849232010-08-25T08:09:24.848+05:302010-08-25T08:09:24.848+05:30भावना प्रधान गीत है लेकिन गेयता के सम्बन्ध में करण...भावना प्रधान गीत है लेकिन गेयता के सम्बन्ध में करण समस्तीपुरी और हरीश जी से सहमत हूँ।<br />धन्यवाद।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-55195214293599531532010-08-24T07:37:22.731+05:302010-08-24T07:37:22.731+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकाम...बहुत अच्छी प्रस्तुति।<br />रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-73773766879740956732010-08-24T00:43:32.209+05:302010-08-24T00:43:32.209+05:30बहुत सुन्दर रचना...
रक्षाबंधन पर पर हार्दिक बधाई ...बहुत सुन्दर रचना... <br />रक्षाबंधन पर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाये.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-8374568677323883162010-08-23T23:21:11.000+05:302010-08-23T23:21:11.000+05:30आदर्श नागरिक ही सजग राष्ट्र के प्राण होते हैं। हमा...आदर्श नागरिक ही सजग राष्ट्र के प्राण होते हैं। हमारे भीतर मूल्यों का जिस क़दर क्षरण हुआ है,उसकी ओर सामयिक संकेत और आग्रह करते हुए आपने विवशता और व्याकुलता का सुंदर समन्वय किया है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-8389823732794069632010-08-23T23:09:55.600+05:302010-08-23T23:09:55.600+05:30राष्ट्रप्रेम और शाश्वत मूल्यों पर बल देना हर युग क...राष्ट्रप्रेम और शाश्वत मूल्यों पर बल देना हर युग की ज़रूरत रही है।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-74608518846519264402010-08-23T21:14:40.008+05:302010-08-23T21:14:40.008+05:30मर्मज्ञ जी, ई कबिता का सबसे बड़ा बिसेसता इसका सरलता...मर्मज्ञ जी, ई कबिता का सबसे बड़ा बिसेसता इसका सरलता है... बचपन में जईसे इस्कूल में बच्चा लोग को पढा दिया जाता था वैसे ही ई कबिता भी राष्ट्रप्रेम का भावना से ओतप्रोत त हइये है, साथ ही गेय भी है. हमको लगता है आप मन ही मन गाते गाते कोई धुन के आधार पर ई कबिता लिखे हैं. इसलिए ई गीत जादा लगता है हमको. बहुत अच्छा संदेस देने वाला कबिता अऊर आसानी से जुबान पर चढ जाने वाला है..चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-88358343980785355972010-08-23T20:38:34.575+05:302010-08-23T20:38:34.575+05:30सच बात है, बात हिन्दुस्तान की ही होनी चाहिये।सच बात है, बात हिन्दुस्तान की ही होनी चाहिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-89356347847440226462010-08-23T20:04:45.416+05:302010-08-23T20:04:45.416+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति.धन्यवादबहुत सुंदर प्रस्तुति.धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-5534831913545246772010-08-23T17:45:58.953+05:302010-08-23T17:45:58.953+05:30सुंदर गीत पढवाने के लिये आभार आपका.
रामरामसुंदर गीत पढवाने के लिये आभार आपका.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-54633368466677232102010-08-23T16:27:42.112+05:302010-08-23T16:27:42.112+05:30ना हिन्दू ना सिख ना मुसलमान की,
आओ बात करें बस हिन...ना हिन्दू ना सिख ना मुसलमान की,<br />आओ बात करें बस हिन्दुस्तान की।<br />अपनी मिट्टी से अपनी पहचान की,<br />आओ बात करें बस हिन्दुस्तान की।।<br /><br /> बिलकुल सही सहमत आपसे !<br /><br />अच्छी रचना!!!!!!!!!!!!! क्या अंदाज़ है बहुत खूब <br /><br />रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकानाएं !<br />समय हो तो अवश्य पढ़ें यानी जब तक जियेंगे यहीं रहेंगे !<br />http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_23.htmlشہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-85426798536826325232010-08-23T16:15:22.969+05:302010-08-23T16:15:22.969+05:30हम भी पढ़ चले।हम भी पढ़ चले।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32577177549297454552010-08-23T15:20:25.696+05:302010-08-23T15:20:25.696+05:30वाह! बेहतरीन!वाह! बेहतरीन!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-37919226638890468772010-08-23T13:18:34.208+05:302010-08-23T13:18:34.208+05:30कविता रामधारी सिंह दिनकर के समय की ओजपूर्ण कविताओं...कविता रामधारी सिंह दिनकर के समय की ओजपूर्ण कविताओं की याद दिलाती है... मंचीय कविता के भी गुण हैं इनमे.. बहुत सुंदर प्रस्तुतिअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-5244797832081278342010-08-23T12:50:49.988+05:302010-08-23T12:50:49.988+05:30राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत भावपूर्ण गीत है। यह गीत...राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत भावपूर्ण गीत है। यह गीत जन-मन में देशप्रेम की भावना जगाने में सफल होगा, ऐसी आशा है। कहीं कम कहीं अधिक मात्राएं प्रवाह में बाधक हैं। हालाकि गायन में स्वर को अधिक लम्बाई देकर इसे खपाया जा सकता है तथापि यह काव्यगत दोष तो है ही। फिर भी, ज्ञानचन्द जी की भावनाएं तो हम सब तक सम्प्रेषित हो ही रही हैं। मैं आपकी भावनाओं का आदर करता हूँ। आशा है आप मेरी टिप्पणी को अन्यथा नहीं लेंगे।<br /><br />आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-2002558450860931952010-08-23T12:25:28.191+05:302010-08-23T12:25:28.191+05:30बहुत सुन्दर भाव से सजी अच्छी कविता ...बहुत सुन्दर भाव से सजी अच्छी कविता ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-8055190022025672202010-08-23T11:22:17.054+05:302010-08-23T11:22:17.054+05:30देश प्रेम की भावना से ओत्-प्रोत रचना।देश प्रेम की भावना से ओत्-प्रोत रचना।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-27046794531280191292010-08-23T11:19:51.049+05:302010-08-23T11:19:51.049+05:30कहीं-कहीं मात्रादोष के बावजूद कविता में रवानगी है....कहीं-कहीं मात्रादोष के बावजूद कविता में रवानगी है. सन्देश बहुत ही सार्थक और समीचीन हैं, जो पाठकों के मनः-मष्तिष्क में राष्ट्रीयता की भावना को उद्वेलित करते हैं. मैं स्वयं को कुछ अधिक भाग्यवान महसूस कर रहा हूँ क्योंकि उम्मीद है कि प्रस्तुत कविता श्री मर्मज्ञ जी के सुरीले कंठ से मुझे सुनने को भी मिलेगी !!! ब्लॉग पर सहयोग और इतनी अच्छी रचना से पाठकों के अमूल्य समय के साथ न्याय करते हुए मनोरंजन करने के लिए कोटिशः साधुवाद !!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-75690358501358756392010-08-23T11:14:24.550+05:302010-08-23T11:14:24.550+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-43702653853783598132010-08-23T10:36:47.735+05:302010-08-23T10:36:47.735+05:30बहुत खूब भईया ।बहुत खूब भईया ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24838937790757021222010-08-23T08:03:29.313+05:302010-08-23T08:03:29.313+05:30बहुत ओजपूर्ण गीत। रचनाओं राष्ट्रीय भावना से ओत-प्र...बहुत ओजपूर्ण गीत। रचनाओं राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत है।<br /><br />सुंदर प्रस्तुति!<br />राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है।राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-54050284193436533982010-08-23T07:39:24.479+05:302010-08-23T07:39:24.479+05:30आपका संदेश फैलता जाये,फैलता जाये ।आपका संदेश फैलता जाये,फैलता जाये ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-50252384774868318662010-08-23T07:17:33.575+05:302010-08-23T07:17:33.575+05:30ज्ञानचन्द ’मर्मज्ञ’ ने बहुत बढ़िया गीत रचा है !
इस...ज्ञानचन्द ’मर्मज्ञ’ ने बहुत बढ़िया गीत रचा है !<br />इसे पढ़वाने के लिए आपका आभार!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-67116828089780119162010-08-23T07:01:22.781+05:302010-08-23T07:01:22.781+05:30सुन्दर प्रस्तुति.सुन्दर प्रस्तुति.शमीमhttps://www.blogger.com/profile/17758927124434136941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-9039000119445600662010-08-23T06:53:26.845+05:302010-08-23T06:53:26.845+05:30बहुत ही अच्छी कविता . आभार....बहुत ही अच्छी कविता . आभार....ज़मीरhttps://www.blogger.com/profile/03363292131305831723noreply@blogger.com