tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post2699627501385607141..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: फ़ुरसत में ... भरि नगरी में शोर !मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-10198629784936980342012-04-30T10:58:56.194+05:302012-04-30T10:58:56.194+05:30bahut sundar sansmran bahut kuchh yaad dila diya m...bahut sundar sansmran bahut kuchh yaad dila diya mujhe bhi .....Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-34687931943882638652011-07-12T11:44:39.471+05:302011-07-12T11:44:39.471+05:30भैस की सवारी..... बचपन की फरारी ......तालाब में स...भैस की सवारी..... बचपन की फरारी ......तालाब में स्नान.... खेत में मचान......वो मस्ती...वो अल्हड़ पन ......वो कीचड....वो डांट.......कितना मजा था मनोज जी ! उफ्फ़......सब खो गया. अब कभी वापस नहीं आयेंगें वो दिन. आज के बच्चे क्या जानेंगे वो दिन ......हम कितने बदल गए हैं ! अब तो खुद को पहचानना मुश्किल हो रहा है. <br />बचपन के दिनों की झलक के लिए आपका बहुत आभार ......एक बड़ी अनमोल संपदा जो दी है आपने स्मृतियों के रूपमें.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-28810378142509343442011-07-12T07:27:46.447+05:302011-07-12T07:27:46.447+05:30आदरणीय मनोज कुमार जी
नमस्कार !
ग्राम्य जीवन और प्र...आदरणीय मनोज कुमार जी<br />नमस्कार !<br />ग्राम्य जीवन और प्रकृति का सुन्दर वर्णन<br />........मनमोहक संस्मरणसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-81392475544562224622011-07-12T06:44:51.962+05:302011-07-12T06:44:51.962+05:30आवारगी ने न जाने कितना कुछ दिया है साहित्य को।आवारगी ने न जाने कितना कुछ दिया है साहित्य को।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-10703397416994835872011-07-11T11:20:14.086+05:302011-07-11T11:20:14.086+05:30उफ़... उस दिन मेरे इंटरनेट कनेक्शन में कुछ तकनीकी ...उफ़... उस दिन मेरे इंटरनेट कनेक्शन में कुछ तकनीकी पंगा था। बहुत मुश्किल से प्रतिक्रिया पोस्ट लिख भी पाया तो पोस्ट नहीं हो सका था। <br /><br />हूँ..... बाबा की सिम्पनी गाड़ी (पर्दा लगा हुआ बैल-गाड़ी) थी। मैंने तो सिर्फ़ उसके किस्से सुने हैं। हाँ... अब याद आया यह गीत तो बहुत सुना है। घर के सामने वाले गायक विनोदजी से।<br /><br />इसे पढ़कर मिजाज इतना नोस्टाल्जिया गया है कि एगो भोजपुरी गीत को तोड़कर गाने का मन कर रहा है,<br /><br />"गंडक कनारे मोरा गांव हो.... घर पहुँचाय दे देवी मैय्या..... !" गीत का लिंक नीचे है,<br /><br />http://www.youtube.com/watch?v=W61y4RFHNfEकरण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32406722046235544762011-07-10T21:36:42.695+05:302011-07-10T21:36:42.695+05:30गाँव की सोंधी सुगंध लिए ...बहुत रोचक और मनमोहक संस...गाँव की सोंधी सुगंध लिए ...बहुत रोचक और मनमोहक संस्मरणसुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-9571389378514244672011-07-10T21:31:59.363+05:302011-07-10T21:31:59.363+05:30गाँव, भैंस की सवारी ,बेल का शरवत.मेरे लिए तो जैसे ...गाँव, भैंस की सवारी ,बेल का शरवत.मेरे लिए तो जैसे सब सपने जैसा है.परन्तु आपने जिस सजीवता से चित्र खींचा है लगा शायद मैं भी वहीँ कहीं हूँ.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-46010377300142046322011-07-10T07:26:47.003+05:302011-07-10T07:26:47.003+05:30आनंददायक, लाजवाब गीत.आनंददायक, लाजवाब गीत.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-28238928925708164222011-07-10T00:32:19.236+05:302011-07-10T00:32:19.236+05:30arey waah aap gaate bhi hain...
bahut sunder lok g...arey waah aap gaate bhi hain...<br />bahut sunder lok geet sunaya.<br />aur gaanv ka prasang bahut hi acchha laga jisme aapke prayog ki gayi shabdaawli se aapki saahityik ruchi ka bhi pata chalta hai.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-18106520222138996752011-07-09T23:04:58.891+05:302011-07-09T23:04:58.891+05:30गांव के आत्मीय अंकन और ’नॉस्टैल्जिया’ से भरे इस स्...गांव के आत्मीय अंकन और ’नॉस्टैल्जिया’ से भरे इस स्मृति-चित्र को पढ़ कर आनन्द का अनुभव हुआ . आभार !Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-29869870828325373442011-07-09T22:02:49.238+05:302011-07-09T22:02:49.238+05:30ग्रामीण समाज का ऐसा सजीव चित्रण दुर्लभ है ...शुभका...ग्रामीण समाज का ऐसा सजीव चित्रण दुर्लभ है ...शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-33940075101744490642011-07-09T22:00:44.665+05:302011-07-09T22:00:44.665+05:30प्रोफाइल में रूचि वाले कॉलम में,गायन का कहीं ज़िक्...प्रोफाइल में रूचि वाले कॉलम में,गायन का कहीं ज़िक्र नहीं है। कभी मुलाकात होने पर,फिर आपसे सुनना चाहेंगे।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-81043475624661196102011-07-09T20:08:45.902+05:302011-07-09T20:08:45.902+05:30संस्मरण
रोचक तो है ही
लेकिन कुछ ऐसी जानकारी भी लि...संस्मरण<br />रोचक तो है ही<br />लेकिन कुछ ऐसी जानकारी भी लिए है<br />जिससे कि कुछ पाठक लगभग अपरिचित ही थे<br />आपके यहाँ आना सुखद लगता है<br />अभिवादन स्वीकारें .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-48718003138375165002011-07-09T19:57:16.035+05:302011-07-09T19:57:16.035+05:30भाई साहब हम तो आपके ब्लॉग पर गाँव की दर्शनीय छटा क...भाई साहब हम तो आपके ब्लॉग पर गाँव की दर्शनीय छटा का मुग्ध भाव लिए विवरण पढ़ते जब बाल गोपालों की तस्वीरों तक पहुंचे तो मन्त्र मुग्ध हो गए उस प्राकृत सौन्दर्य को देखके .गीत का अपना नाद सौन्दर्य और भाव मुखरित रहा .अब वो दिन कहाँ अब तो समर केम्प हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-42106738561350385892011-07-09T19:29:12.426+05:302011-07-09T19:29:12.426+05:30@ अरुण जी,
आपकी दूसरी टिप्पणी (बल्कि इसे वैल्यू ऐड...@ अरुण जी,<br />आपकी दूसरी टिप्पणी (बल्कि इसे वैल्यू ऐडिशन कहना चाहिए) के बाद मेरे मन से निकला ...<br />ये हुआ न!<br />बिना इस कमेंट के त रस ही नहीं आ रहा था इस पोस्ट में...!!! :)मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-44407215333028538472011-07-09T19:26:05.727+05:302011-07-09T19:26:05.727+05:30मनोज जी ये गीत सुना के मन में हिलोर उठने लगा... मे...मनोज जी ये गीत सुना के मन में हिलोर उठने लगा... मेरी चार मामियां हैं और सब के सब गोरी हैं.... मुझे मेरे चाचा सब यही गीत सुना के खिलोद करते थे.... जब मेरे उपनयन में मामियां आई थी मेरे गाँव तो लट्टू थे मेरे चाचा सब.... और गीत के ये बोल सुनाते थे.... वाकई मौसियाँ मुह जोर होती हैं... इस गीत का रस तो मिथिला के मिटटी में ही है....अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80128092412445323632011-07-09T19:20:37.501+05:302011-07-09T19:20:37.501+05:30@ अरुण जी
... या हमने रहने नहीं दिया।
मेट्रोवाले ज...@ अरुण जी<br />... या हमने रहने नहीं दिया।<br />मेट्रोवाले जो हो गए हैं हम।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-33060949159343026252011-07-09T19:18:18.972+05:302011-07-09T19:18:18.972+05:30हमलोग भैंस को महीश कहते थे....और कमला की धार उसी क...हमलोग भैंस को महीश कहते थे....और कमला की धार उसी की पीठ पर बैठ कर पार करते थे.... अब गाँव भी ऐसे नहीं रहे...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-65551383655584280472011-07-09T19:06:30.198+05:302011-07-09T19:06:30.198+05:30गाँव का दृश्य, गर्मी की छुट्टी.. का का याद दिला दि...गाँव का दृश्य, गर्मी की छुट्टी.. का का याद दिला दिए भाई जी!<br />साथ में बोनस मिला ठुमक चलत रामचंद्र वाला गीत और ननिहाल को दिया जाने वाला उलाहना!<br />कुल मिलाकर फुर्सत में लिखा हुआ पोस्ट..दिन बना देने वाला!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-92176306382801415842011-07-09T18:05:19.884+05:302011-07-09T18:05:19.884+05:30सजीव चित्रण से ग्राम्य जीवन का वर्णन अत्यन्त रोचक ...सजीव चित्रण से ग्राम्य जीवन का वर्णन अत्यन्त रोचक और ग्राम के प्रति अनुरक्त करनेवाला है। और मैथिलि बाल गीत का तो कोई जबाब नहीं। बहुत-बहुत साधुवाद।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-62556540637671174792011-07-09T18:05:04.235+05:302011-07-09T18:05:04.235+05:30eh...bhaijee......bahut bahut sundar
lagal ee post...eh...bhaijee......bahut bahut sundar<br />lagal ee post.......mon mast bhai gel<br />.........<br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-48125729914394314662011-07-09T16:12:57.457+05:302011-07-09T16:12:57.457+05:30भाई साब इसे पढ़ कर मुझे तो लगा कि ये मेरी राम कहान...भाई साब इसे पढ़ कर मुझे तो लगा कि ये मेरी राम कहानी है| सच में, भारतीय मध्यवर्गीय परिवार खास कर पिछले 2-3 दशकों के एक जैसे ही रहे हैं| यादों के झरोखों में झाँकने का अवसर देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद|<br />और हाँ बैलगाड़ी वाला किस्सा भी जरूर ही जबर्दस्त और रोचक रहेगा, मैं अभी से उस का काल्पनिक रसास्वादन कर रहा हूँ|<br /><br /><a rel="nofollow">बेहतर है मुक़ाबला करना</a>www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-1302690902090991712011-07-09T15:27:17.331+05:302011-07-09T15:27:17.331+05:30आज आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
...आज ...आज आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....<br /><br /><br /><a href="http://tetalaa.nukkadh.com/2011/07/blog-post_09.html" rel="nofollow"> ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर </a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-39360498363547195282011-07-09T10:54:36.936+05:302011-07-09T10:54:36.936+05:30गाँव का दृश्य और और आप द्वारा गाया जाने वाला गीत म...गाँव का दृश्य और और आप द्वारा गाया जाने वाला गीत मज़ेदार लगा.आपको जानकर ताज्जुब होगा की मैंने गाँव सिर्फ पिक्चरों में देखा है.मेरा न कोई गाँव है न कोई वहां रहने का तजुर्बा.इसलिए गाँव का वर्णन मुझे सुनने और पढ़ने में अच्छा लगता है.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-29796231453372694392011-07-09T10:45:41.897+05:302011-07-09T10:45:41.897+05:30आप बचपन में कम शैतान नहीं थे!
मैथिली गीत बहुत प्या...आप बचपन में कम शैतान नहीं थे!<br />मैथिली गीत बहुत प्यारा है।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.com