tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post4130114930753528217..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: स्मृति शिखर से - 6: पाँच सालमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49100531185741428592017-02-09T01:27:28.800+05:302017-02-09T01:27:28.800+05:30जड़ें जमीन में होतीं हैं तभी पेड़ हरा भरा और फलता ...जड़ें जमीन में होतीं हैं तभी पेड़ हरा भरा और फलता फूलता है . ऐसे ही हरे भरे रहो और फूलते फलते रहो सुन्दर रचनाओं के रूप में . बहुत ही दिल को छू लेने वाले उद्गार हैं .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-12334815721773010762012-02-13T11:30:51.159+05:302012-02-13T11:30:51.159+05:30चाचा द्वेय,
प्रणाम !चाचा द्वेय,<br /><br />प्रणाम !करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-26869384607593410322012-02-10T22:34:18.091+05:302012-02-10T22:34:18.091+05:30bhawon se bhari ,mithas men pagi.....ekdam shant a...bhawon se bhari ,mithas men pagi.....ekdam shant aur saral......wah.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49435468107802300022012-02-10T12:33:34.898+05:302012-02-10T12:33:34.898+05:30५ वर्ष का लेखा जोखा बहुत सलीके से समेत है ... भाभी...५ वर्ष का लेखा जोखा बहुत सलीके से समेत है ... भाभी द्वारा लिया झोला ...मुझे कृष्ण सुदामा की याद दिला गया .. गांव की मिटटी से सुवासित अच्छी प्रविष्टि .संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-39414025467277435902012-02-10T08:52:22.616+05:302012-02-10T08:52:22.616+05:30इस “कम बार की टिप्प्णी” का आशय कहीं यह तो नहीं कि ...इस “कम बार की टिप्प्णी” का आशय कहीं यह तो नहीं कि इस ब्लॉग पर टिप्पणी के लायक़ रचनाएं ही नहीं होतीं?!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-53736988305097109592012-02-10T07:07:25.517+05:302012-02-10T07:07:25.517+05:30बड़े भाई!
बच्चे को आशीर्वाद दिए हैं इसलिए और कुछ न...बड़े भाई!<br />बच्चे को आशीर्वाद दिए हैं इसलिए और कुछ नहीं कहूंगा, बस इतना कि बच्चा बच्चा है, और चच्चा चच्चा!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-61286294045117242402012-02-10T07:05:24.818+05:302012-02-10T07:05:24.818+05:30एक अत्यंत भावुक कर देने वाली पोस्ट! कई क्षण गांव क...एक अत्यंत भावुक कर देने वाली पोस्ट! कई क्षण गांव के पोखर में डूबता-उतराता रहा ... बाद में मालूम पड़ा ये सारे जलकण तो आंखों से निकल रहे हैं।<br />करण ... वन ऑफ योर बेस्ट!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-3415460094291391262012-02-09T18:44:09.953+05:302012-02-09T18:44:09.953+05:30गाँव के आबालवृद्ध आशीष और अभिवादन के साथ विदाई देत...गाँव के आबालवृद्ध आशीष और अभिवादन के साथ विदाई देते हुए तब तक देखते रहे थे जब तक उनकी आँखों से ओझल नहीं हो गया...! मैं भी तो उन्हे देखता ही रहा था...! हर सांझ यही लगता है कि वह कल ही की तो सांझ थी। <br />..sach beeten lamhon ki yaaden man mein jab tab halchal machakar bahut kuch sochne par majboor karte hain..<br />sundar prastuti..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-42185841814713729982012-02-09T18:42:44.452+05:302012-02-09T18:42:44.452+05:30करण जी ! इस खांटीपन को बनाए रखियेगा. मंगलकामनाएँ ....करण जी ! इस खांटीपन को बनाए रखियेगा. मंगलकामनाएँ .बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-69943184472145071022012-02-09T12:54:42.186+05:302012-02-09T12:54:42.186+05:30करण जी!
वृक्ष की शाखाएं भले ही चहुँदिश फ़ैल जाएँ उस...करण जी!<br />वृक्ष की शाखाएं भले ही चहुँदिश फ़ैल जाएँ उसकी जड़ें मिट्टी में ही होती हैं. आपने जड़ों से जुड़े होने को प्रमाणित किया है और सिद्ध किया है कि वन-कुसुम गमले में भी लगाया जाए तो उसकी सुगंध में वही आनंद होता है!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-38154893440039325762012-02-09T10:30:31.790+05:302012-02-09T10:30:31.790+05:30आगत-अनागत, प्रत्यक्षाप्रत्यक्ष सभी पाठकों-शुभचिंतक...आगत-अनागत, प्रत्यक्षाप्रत्यक्ष सभी पाठकों-शुभचिंतको को हार्दिक धन्यवाद...! अभिवादन एवं आभार !करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24349149235298490022012-02-09T10:29:22.947+05:302012-02-09T10:29:22.947+05:30प्रणाम !प्रणाम !करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-50720159571694534262012-02-09T08:46:49.841+05:302012-02-09T08:46:49.841+05:30खूब लिखा है इस जीवंत संस्मरण को करण जी ने.खूब लिखा है इस जीवंत संस्मरण को करण जी ने.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-63083951113953573362012-02-09T06:06:59.732+05:302012-02-09T06:06:59.732+05:30जीवन संघर्ष के सिवा और है भी क्या ? ...जो संघर्ष क...जीवन संघर्ष के सिवा और है भी क्या ? ...जो संघर्ष करना जानते हैं वह जीत जाते हैं .....बाकी तो आप जानते ही हैं ......!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-23787960289983326522012-02-08T23:59:45.063+05:302012-02-08T23:59:45.063+05:30आपकी प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी,आपके बारे इतना कुछ ज...आपकी प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी,आपके बारे इतना कुछ जानकार खुशी हुई,...बधाई <br /><br />MY NEW POST<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/02/blog-post_08.html#links" rel="nofollow">...मेरे छोटे से आँगन में...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-54574091626190342192012-02-08T22:15:18.310+05:302012-02-08T22:15:18.310+05:30जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। भगवान राम ही न...जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। भगवान राम ही नहीं, हर व्यक्ति अपनी जन्मभूमि से दूर जाता है तो वह सदा अपनी पहिचान अपनी जन्म-भूमि परिप्रेक्ष्य में ही देखता है। काम के बोझ में दबा होने के कारण यदि उतनी देर तक वह भूल भी जाय, तो राहत की साँस लेते ही वह अपनी जन्मभूमिगत परिवेश में पहुँच जाता है। बहुत ही जीवन्त वर्णन है। आभार।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72012165677740578402012-02-08T21:53:33.109+05:302012-02-08T21:53:33.109+05:30करण समस्तीपुरी जी, आपका पोस्ट बहुत ही रोचक लगा । आ...करण समस्तीपुरी जी, आपका पोस्ट बहुत ही रोचक लगा । आपका पोस्ट पढ़ कर मन में यह बात घर कर गयी कि आपने अपनी स्मृतियों को काफी तरजीह दिया है जिसके कारण प्रस्तुति भी अपनी सुरभि को हम सब तक पहुंचाने में सार्थक रही । मेरे अनुसार स्मृति वह डायरी है जिसे हम अपने साथ लेकर चलते हैं । यह उन चीजों से जड़ने का तरीका है जिन्हे हम प्रेम करते हैं और कभी खोना नही चाहते । स्मृतियों का नही होना मानव हृदय और दिमाग, दोनों की शून्यता का संकेत है । अगर स्मृतियां नही हों तो समस्याओं को सुलझाने से लेकर तार्किक सोच रखने में हम अक्षम साबित होंगे । इस लिए ये मानव मन में थोड़ी सी जगह आसानी से पा जाती हैं ।जहां तक गंवई या देशी शब्दों के प्रयोग की बात है- इस विषय पर मेरी अपनी मान्यता है कि जो अपनी माटी, अपने लोगों से, उनकी भवनाओं से नही जुड़ता, वह मनुष्य किसी भी चीज से नही जुड़ता है । अंत में वह बिखर सा जाता है । इन बेशकीमती स्मृतियों को संजोकर रखिए । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-46394468437866637212012-02-08T20:43:35.045+05:302012-02-08T20:43:35.045+05:30आपका गंवई आपके साथ जब तक बना रहेगा, हमारा साथ भी ब...आपका गंवई आपके साथ जब तक बना रहेगा, हमारा साथ भी बना रहेगा.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-47303751927955756252012-02-08T20:34:54.742+05:302012-02-08T20:34:54.742+05:30जानकर बहुत अच्छा लगा| धन्यवाद।जानकर बहुत अच्छा लगा| धन्यवाद।Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51773036623894450112012-02-08T20:07:38.584+05:302012-02-08T20:07:38.584+05:30करण जी,
संभवतः बहुत कम बार टिप्पणी की होगी यहाँ, ल...करण जी,<br />संभवतः बहुत कम बार टिप्पणी की होगी यहाँ, लेकिन इस मिठास पर बधाई बनती है। :)Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-59622406375721990472012-02-08T19:43:08.258+05:302012-02-08T19:43:08.258+05:30एक सौ ग्यारह देसिल बयना...बहुत बड़ी उपलब्धि है...ब...एक सौ ग्यारह देसिल बयना...बहुत बड़ी उपलब्धि है...बधाइयाँ स्वीकार कीजिये...आपकी शैली का ओज निश्चय ही प्रभावशाली है...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-16682395721199714132012-02-08T16:15:00.681+05:302012-02-08T16:15:00.681+05:30समस्तीपुर मेरा जन्म स्थान है और मैं भी बिहार के मि...समस्तीपुर मेरा जन्म स्थान है और मैं भी बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र से ही हूँ .<br />आपके बारे में सब कुछ पढकर बहुत अच्छा लगा ,आपके व्यक्तित्व से गंवई कभी भी अलग न हो .<br />ऐसे ही अपनी मिट्टी से हमेशा जुड़े रहें .रेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-62498257111803739562012-02-08T15:38:09.504+05:302012-02-08T15:38:09.504+05:30इंसान का व्यवहार परिस्थिति वश बदल जाता है पर स्वभा...इंसान का व्यवहार परिस्थिति वश बदल जाता है पर स्वभाव नहीं..<br />हम तो बस मन्त्र मुग्ध से पढ़ रहे हैं.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-89827177315781731132012-02-08T15:33:50.639+05:302012-02-08T15:33:50.639+05:30आपके बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा, किसे नये स्थान...आपके बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा, किसे नये स्थान में अपने हिस्से का आकाश ढूढ़ लेना जीवटता का प्रमाण है, जमे रहिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-81283034980454473842012-02-08T15:22:16.507+05:302012-02-08T15:22:16.507+05:30करण जी! आज आपने खामोश कर दिया अपने चचा को. इतनी शि...करण जी! आज आपने खामोश कर दिया अपने चचा को. इतनी शिद्दत से याद किया है आपने अपने गाँव और रेवाखंड को कि मुझे भी आपके देसिल बयना की हर बात, घटना और पात्र स्मरण हो आया.. आज की पोस्ट से मुझे प्रमाण मिल गया मेरी ही बात का, सत्यापन हो गया उस बात का कि आपके देसिल बयना की भाषा में जो मिठास है, वो मेरी "चला बिहारी" की भाषा में नहीं..! मेरा तो सिर्फ दिल ही अपने प्रांत की बोली से पगा है, मगर आपकी आत्मा सुवासित है उस प्रांतीय बोली से!!<br />यह पोस्ट दिल से निकली है! और परमात्मा से प्रार्थना है कि वो आपके उस प्रेम को अक्षुण्ण रखे!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com