tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post4964571431324840642..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: लघुकथा -- दोष किसका..... ?मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-6696592990819811362010-08-25T18:46:16.396+05:302010-08-25T18:46:16.396+05:30बेहद सटीक ..मुझे भी यही सवाल कचोटते हैं आखिर इतनी ...बेहद सटीक ..मुझे भी यही सवाल कचोटते हैं आखिर इतनी सीधी सी बात क्यों नहीं समझ में आती लोगों को .shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24399608413211103422010-08-25T18:46:16.214+05:302010-08-25T18:46:16.214+05:30बेहद सटीक ..मुझे भी यही सवाल कचोटते हैं आखिर इतनी ...बेहद सटीक ..मुझे भी यही सवाल कचोटते हैं आखिर इतनी सीधी सी बात क्यों नहीं समझ में आती लोगों को .shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-88875642715938558862010-08-25T08:32:21.665+05:302010-08-25T08:32:21.665+05:30समाज का यथार्थ। समस्या प्रधान कथा की प्रस्तुति के ...समाज का यथार्थ। समस्या प्रधान कथा की प्रस्तुति के लिए सत्येन्द्र जी को धन्यवाद।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-189941742484386642010-08-25T08:29:03.027+05:302010-08-25T08:29:03.027+05:30समाज का तीखा सच। व्यवस्था परिवर्तन को आगे बढ़े पग ...समाज का तीखा सच। व्यवस्था परिवर्तन को आगे बढ़े पग कभी-कभी व्यवस्था की जकड़ से बाहर नहीं निकल पाते। हम दोष यदि व्यवस्था में देखते हैं तो दृढ़ संकल्प में कमी भी एक पहलू है। कमजोरी के चलते व्यवस्थाएं नहीं बदला करतीं।<br />समस्या प्रधान सुन्दर कथा के लिए सतेयेन्द्र को बधाई।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-17451474045338343932010-08-24T23:10:40.525+05:302010-08-24T23:10:40.525+05:30आप को राखी की बधाई और शुभ कामनाएंआप को राखी की बधाई और शुभ कामनाएंराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-85859018656239225692010-08-24T22:44:12.633+05:302010-08-24T22:44:12.633+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।
समस्या गंभीर है।बहुत अच्छी प्रस्तुति।<br />समस्या गंभीर है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-68164932001898140132010-08-24T21:22:54.300+05:302010-08-24T21:22:54.300+05:30ऐसी दुनिया है तो आखिर ऐसी दुनिया क्यों है...ऐसी दुनिया है तो आखिर ऐसी दुनिया क्यों है...दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57776341422406987612010-08-24T19:52:03.229+05:302010-08-24T19:52:03.229+05:30गलती कहीं नहीं हुई। दोष उस व्यवस्था का है,जो परिवर...गलती कहीं नहीं हुई। दोष उस व्यवस्था का है,जो परिवर्तन का धुर-विरोधी है। ऐसे विवाहों से ही,जातिविहीन और प्रेमोन्मुख समाज का जन्म होगा जहां सिर्फ मनुष्यवाद की अहमियत होगी।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-62698897244736455022010-08-24T19:47:17.306+05:302010-08-24T19:47:17.306+05:30कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता।कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-31339069094458983212010-08-24T19:30:46.350+05:302010-08-24T19:30:46.350+05:30बहुत सटीक रचना, रक्शःआबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.
...बहुत सटीक रचना, रक्शःआबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70016230784969838282010-08-24T18:44:05.327+05:302010-08-24T18:44:05.327+05:30झा जी की पिछली लघुकथा पढी थी मैंने और कथा का जो इम...झा जी की पिछली लघुकथा पढी थी मैंने और कथा का जो इम्पैक्ट था वो महसूस करने की बात है. लघुकथा की यह विशेषता यहाँ भी देखने को मिलती है.एक जर्जर परम्परा और उसके मानने वाले, दोष किसका,यह तो पता लगाना ही होगा...सचमुच एक वैचारिक मंथन का विषय सुझाती लघु कथा...सत्येंद्र जी और केशव जी दोनों ही धन्यवाद के पात्र हैं.सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-87072977347710160492010-08-24T17:27:19.714+05:302010-08-24T17:27:19.714+05:30बहुत सटीक कटाक्ष।बहुत सटीक कटाक्ष।रीताhttps://www.blogger.com/profile/17969671221868500198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-88662492384182864272010-08-24T17:24:52.992+05:302010-08-24T17:24:52.992+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकाम...बहुत अच्छी प्रस्तुति।<br />रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.जुगल किशोरhttps://www.blogger.com/profile/13301162594819383710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-75529738059159724832010-08-24T17:21:22.222+05:302010-08-24T17:21:22.222+05:30बहुत सटीक कटाक्ष।बहुत सटीक कटाक्ष।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-56756670352592022452010-08-24T17:20:32.437+05:302010-08-24T17:20:32.437+05:30जीवन के यथार्थ का एक पहलू को दर्शाती समस्या प्रधान...जीवन के यथार्थ का एक पहलू को दर्शाती समस्या प्रधान रचना।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-25098911540205730002010-08-24T16:25:09.909+05:302010-08-24T16:25:09.909+05:30सच है कभी कभी जो इंसान खुद करता है वो ही अगर उसली ...सच है कभी कभी जो इंसान खुद करता है वो ही अगर उसली औलाद करे तो अच्छा नही मानता ... ये दोहरा मानदंड समझ से परे है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-19724423883398020772010-08-24T16:00:15.677+05:302010-08-24T16:00:15.677+05:30बहुत शानदार लघुकथा. रक्षाबन्धन पर्व पर हार्दिक शु...बहुत शानदार लघुकथा. रक्षाबन्धन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-68799250347446781402010-08-24T13:58:25.041+05:302010-08-24T13:58:25.041+05:30सटीक...परिस्थितिजन्य घटनाएं ...सटीक...परिस्थितिजन्य घटनाएं ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-30747421173125619292010-08-24T11:50:46.202+05:302010-08-24T11:50:46.202+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकाम...बहुत अच्छी प्रस्तुति।<br />रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-19974235295201615812010-08-24T11:40:14.371+05:302010-08-24T11:40:14.371+05:30जीवन के यथार्थ का एक पहलू...
रक्षाबंधन पर्व की सभी...जीवन के यथार्थ का एक पहलू...<br />रक्षाबंधन पर्व की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-52853478102916683442010-08-24T11:31:15.596+05:302010-08-24T11:31:15.596+05:30रक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
बह...रक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!<br /> बहुत खूब लिखा है आपने! बिल्कुल सही बात कहा है !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-30402938660004903782010-08-24T11:11:49.679+05:302010-08-24T11:11:49.679+05:30समाज में ऐसा ही होता है .. रक्षाबंधन की बधाई और शु...समाज में ऐसा ही होता है .. रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72113613026292358932010-08-24T10:35:02.149+05:302010-08-24T10:35:02.149+05:30हूँ.... ! बहुत गंभीर बात है. आखिर दोष किसका है और ...हूँ.... ! बहुत गंभीर बात है. आखिर दोष किसका है और गलती कहाँ हुई ? जवाब तो खोजना पड़ेगा.... वरना यह दोष कई पीढ़ियों तक तबाह करेगी !!! अच्छी समस्या प्रधान कथा !!! समाधान अब पाठक समाज पर !!!! लेखक को धन्यवाद !!!!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-66582458132878099632010-08-24T09:28:35.655+05:302010-08-24T09:28:35.655+05:30भाई-बहिन के पावन पर्व रक्षा बन्धन की हार्दिक शुभका...भाई-बहिन के पावन पर्व रक्षा बन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!<br />--<br />आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है!<br />http://charchamanch.blogspot.com/2010/08/255.htmlडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-14545916060390514542010-08-24T07:32:46.339+05:302010-08-24T07:32:46.339+05:30अच्छी प्रस्तुति.
शुभकामनाएँ.अच्छी प्रस्तुति. <br />शुभकामनाएँ.ज़मीरhttps://www.blogger.com/profile/03363292131305831723noreply@blogger.com