tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post5304696436939231342..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: आँच-46 (समीक्षा) :: माँ की संदूकचीमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger60125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-59245712077459516892010-12-03T23:45:22.786+05:302010-12-03T23:45:22.786+05:30@ अनुपमा पाठक जी,
समीक्षा पर आपकी भावपूर्ण प्रतिक...@ अनुपमा पाठक जी,<br /><br />समीक्षा पर आपकी भावपूर्ण प्रतिक्रिया से प्रसन्नता हुई। आभार।<br /><br />- हरीशहरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-63847700743489381712010-12-03T21:01:40.683+05:302010-12-03T21:01:40.683+05:30समीक्षा बहुत अच्छी लगी!
रचना के भिन्न पहलुओं को जा...समीक्षा बहुत अच्छी लगी!<br />रचना के भिन्न पहलुओं को जानना अच्छा लगा!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-53667295740575654202010-12-03T14:46:52.955+05:302010-12-03T14:46:52.955+05:30@ डॉ नूतन नीति जी,
समीक्षा आपको पसंद आई, मुझे प्र...@ डॉ नूतन नीति जी,<br /><br />समीक्षा आपको पसंद आई, मुझे प्रसन्नता हुई। <br />आप की सादगी पूर्ण प्रतिक्रिया ने मेरी प्रसन्नता द्विगुणित कर दी। आभार।<br /><br />पुनःश्च, चर्चामंच पर सम्मान प्रदान करने के लिए आपका आभारी हूँ।<br /><br />- हरीशहरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-45148209983725124912010-12-03T08:54:21.469+05:302010-12-03T08:54:21.469+05:30निर्मला जी की यह सुन्दर रचना..माँ की संदुकची उनके ...निर्मला जी की यह सुन्दर रचना..माँ की संदुकची उनके ब्लॉग में भी पढ़ी | और इस की इतनी सुन्दर समीक्षा .. आपकी पप्रस्तुत समीक्षा आज दिनाक ३ दिसंबर को चर्चामंच पर रखी गयी है ... http://charchamanch.blogspot.comडॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-53520256302917618452010-12-03T08:35:05.575+05:302010-12-03T08:35:05.575+05:30@ साधना वैद जी,
इस कविता के भाव पाठकों के हृदय को...@ साधना वैद जी,<br /><br />इस कविता के भाव पाठकों के हृदय को स्पर्श करते हैं। समीक्षा पर आप की भाव भीनी प्रतिक्रिया के लिए आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-23716950552369274032010-12-03T08:28:41.937+05:302010-12-03T08:28:41.937+05:30निर्मला जी की बहुत भावपूर्ण और सुन्दर कविता की बहु...निर्मला जी की बहुत भावपूर्ण और सुन्दर कविता की बहुत ही निष्पक्ष और नियंत्रित समीक्षा के लिये आपको बहुत बहुत बधाई ! इस कविता का सन्देश और भावपक्ष इतना सशक्त है कि कमियों की ओर ध्यान ही नहीं जाता ! आपकी सूक्ष्म दृष्टि को मेरा नमन !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-22387489749974887042010-12-03T08:27:37.888+05:302010-12-03T08:27:37.888+05:30@ प्रेम सरोवर जी,
समीक्षा पर आप की भाव भीनी प्रति...@ प्रेम सरोवर जी,<br /><br />समीक्षा पर आप की भाव भीनी प्रतिक्रिया के लिए आभारी हूँ।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-53786649804394271502010-12-03T08:24:50.140+05:302010-12-03T08:24:50.140+05:30@ naughty boy एवं छुटकी,
प्यार सहित आभार ।@ naughty boy एवं छुटकी,<br /><br />प्यार सहित आभार ।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-82166033631924222842010-12-03T07:12:47.497+05:302010-12-03T07:12:47.497+05:30Man ki sandukchi-Is par samiksha ka swarup sabhi m...Man ki sandukchi-Is par samiksha ka swarup sabhi manako par khara utara hai.Post mein manav hriday ki jatitaon aur samvednaon ko itne sundar tarike se prastut kiya gaya hai jo iski samagrata par koi prashna chinh nahi uthata hai. Mul tathyon ko bhi achhe tarike se ghanibhut kiya gaya hai.Dhanyavad.प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32645088621853231032010-12-03T00:48:33.386+05:302010-12-03T00:48:33.386+05:30सब लोगों ने प्रशंसा की इसलिए तो और भी अच्छी है पो...सब लोगों ने प्रशंसा की इसलिए तो और भी अच्छी है पोस्ट।<br /><br />सभी को बधाई।छुटकीhttps://www.blogger.com/profile/15161236212724723161noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70044769347001303522010-12-03T00:44:34.625+05:302010-12-03T00:44:34.625+05:30पोस्ट का प्रस्तुतीकरण बहुत ही अच्छा रहा।
बधाई।पोस्ट का प्रस्तुतीकरण बहुत ही अच्छा रहा।<br /><br />बधाई।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/15988235447716563801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-59117302129895855252010-12-03T00:37:56.433+05:302010-12-03T00:37:56.433+05:30@ अनामिका जी,
आपकी भावनाएं आत्मीयता से ओतप्रोत है...@ अनामिका जी,<br /><br />आपकी भावनाएं आत्मीयता से ओतप्रोत हैं और यही आत्मीयता मेरे लिए ऊर्जा का स्रोत है।<br /><br />प्रोत्साहन के लिए आपका आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-31384112157082772752010-12-03T00:32:22.476+05:302010-12-03T00:32:22.476+05:30@ रूपचन्द शास्त्री जी,
आप-से प्रोत्साहित करने वाल...@ रूपचन्द शास्त्री जी,<br /><br />आप-से प्रोत्साहित करने वाले पाठक मिलेगे तो आपका मंतव्य अवश्य सफल होगा।<br /><br />प्रोत्साहन के लिए आपका आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-56717285281082940382010-12-03T00:28:21.358+05:302010-12-03T00:28:21.358+05:30@ उपेन्द्र जी,
प्रोत्साहन के लिए आपका आभारी हूँ।...@ उपेन्द्र जी,<br /><br /><br />प्रोत्साहन के लिए आपका आभारी हूँ।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-8772130510980425782010-12-03T00:26:16.349+05:302010-12-03T00:26:16.349+05:30@ सलिल एवं चैतन्य जी,
पहले तो मैं चौंक गया निम्मो...@ सलिल एवं चैतन्य जी,<br /><br />पहले तो मैं चौंक गया निम्मो दी पढ़कर। फिर आपका निर्मला जी के प्रति अपनत्व का भाव देखकर खुशी हुई। आपकी भावनाएं पढ़कर खुशी और बढ़ गई।<br /> <br />प्रोत्साहन के लिए आपका आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-60706611540255815192010-12-03T00:18:16.092+05:302010-12-03T00:18:16.092+05:30@ झरोखा जी,
आपको पोस्ट पसन्द आई इससे मुझे प्रसन्न...@ झरोखा जी,<br /><br />आपको पोस्ट पसन्द आई इससे मुझे प्रसन्नता हुई। आपका आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-39035015903424074062010-12-03T00:14:37.356+05:302010-12-03T00:14:37.356+05:30@ जमीर जी,
प्रोत्साहन के लिए आपका आभारी हूँ।@ जमीर जी,<br /><br /><br />प्रोत्साहन के लिए आपका आभारी हूँ।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-79761972286750007162010-12-03T00:13:04.746+05:302010-12-03T00:13:04.746+05:30@ मनोज जी,
आभारी हम सब आपके हैं क्योंकि चर्चा का ...@ मनोज जी,<br /><br />आभारी हम सब आपके हैं क्योंकि चर्चा का यह मंच आपने ही उपलब्द कराया है।<br /><br />प्रोत्साहन के लिए आपका आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-54667292277065778042010-12-03T00:09:28.647+05:302010-12-03T00:09:28.647+05:30@ अपनत्व जी,
समीक्षा पसंद करने के लिए आपका आभार।@ अपनत्व जी,<br /><br />समीक्षा पसंद करने के लिए आपका आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11936972360172007632010-12-03T00:07:58.458+05:302010-12-03T00:07:58.458+05:30@ करण जी,
सजग और प्रेरक प्रतिक्रिया के लिए आपको स...@ करण जी,<br /><br />सजग और प्रेरक प्रतिक्रिया के लिए आपको साधुवाद।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-19960918012847569102010-12-03T00:04:30.544+05:302010-12-03T00:04:30.544+05:30@ उदय जी,
प्रोत्साहन के लिए आपका आभार।@ उदय जी,<br /><br />प्रोत्साहन के लिए आपका आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-55467041330084984522010-12-03T00:02:18.437+05:302010-12-03T00:02:18.437+05:30हरीश प्रकाश गुप्त ने कहा…
@ अमरेन्द्र जी,
बहुत सी...हरीश प्रकाश गुप्त ने कहा…<br />@ अमरेन्द्र जी,<br /><br />बहुत सी अच्छी रचनाए भी मंच के अभाव में साहित्य के विशाल आकाश में बिना चर्चा के खो जाती हैं और नए रचनाकार हतोत्साहित हो मुख्यधारा से दूर हो जाते हैं। यह एक प्रयास है हम लोगों का। <br /><br />प्रोत्साहन के लिए आपका आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-90743272501023428922010-12-02T23:57:06.656+05:302010-12-02T23:57:06.656+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-50188195404535665862010-12-02T23:47:40.384+05:302010-12-02T23:47:40.384+05:30@ शिखा जी,
आप लोग इसी तरह मुझे उत्साहित करती रहें...@ शिखा जी,<br /><br />आप लोग इसी तरह मुझे उत्साहित करती रहें, मुझे अपने कार्य के लिए ऊर्जा मिलती रहेगी। आपका आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-75942970509985278782010-12-02T23:39:31.719+05:302010-12-02T23:39:31.719+05:30@ मोहसिन जी,
आपके आने से प्रसन्नता हुई। आभार।@ मोहसिन जी,<br /><br /> आपके आने से प्रसन्नता हुई। आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.com