tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post5988448128650658712..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: भारतीय काव्यशास्त्र – 108मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-350283702159547212012-04-17T08:14:25.450+05:302012-04-17T08:14:25.450+05:30सार्थक
आभार.सार्थक <br /><br />आभार.हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-19874335714060884422012-04-16T08:50:47.841+05:302012-04-16T08:50:47.841+05:30सार्थक जानकारी .......बहुत सुन्दर वाह!सार्थक जानकारी .......बहुत सुन्दर वाह!udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-18117571799054054732012-04-15T23:16:51.191+05:302012-04-15T23:16:51.191+05:30आप बिना पढ़े अच्छी कविताई कर लेते हैं और मैं इसे ज...आप बिना पढ़े अच्छी कविताई कर लेते हैं और मैं इसे जानते हुए कविताई नहीं कर पाता। इसलिए आप अच्छे हैं। पहले कविताएँ ही लिखी गयी हैं। शास्त्र प्रणयन तो बाद में हुआ है। यदि कविता न होती तो यह शास्त्र नहीं होता. आभार.आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-10333329029649509012012-04-15T23:01:57.201+05:302012-04-15T23:01:57.201+05:30हम लोग बिना यह सब विचारे ग़लत-सलत लिख जाते हैं।
आ...हम लोग बिना यह सब विचारे ग़लत-सलत लिख जाते हैं। <br />आभार इन सब से हमारा परिचय कराने के लिए।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-47819094720998766902012-04-15T22:56:50.034+05:302012-04-15T22:56:50.034+05:30कमाल का शास्त्र है यह भी!! बड़ा क्षोभ होता है खुदपर...कमाल का शास्त्र है यह भी!! बड़ा क्षोभ होता है खुदपर कि कुछ भी नहीं सीखा और कविताई करने लगता हूँ!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-81781742075693038172012-04-15T21:51:04.051+05:302012-04-15T21:51:04.051+05:30सार्थक जानकारी .......सार्थक जानकारी .......निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-83717165943235082022012-04-15T19:31:11.647+05:302012-04-15T19:31:11.647+05:30बेहतरीन पोस्टबेहतरीन पोस्टSMhttps://www.blogger.com/profile/08421656022621802223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-68591230811365540032012-04-15T17:38:31.417+05:302012-04-15T17:38:31.417+05:30.बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई.बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाईRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49888187468364100662012-04-15T16:20:31.311+05:302012-04-15T16:20:31.311+05:30बहुत सुन्दर वाह!
आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिन...बहुत सुन्दर वाह!<br />आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 16-04-2012 को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"><b>सोमवारीय चर्चामंच-851</b></a> पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-31839886074923598582012-04-15T16:18:03.787+05:302012-04-15T16:18:03.787+05:30बहुत सुन्दर वाह!
आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिन...बहुत सुन्दर वाह!<br />आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 16-04-2012 को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"><b>सोमवारीय चर्चामंच-851</b></a> पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11997145731090790612012-04-15T15:35:39.686+05:302012-04-15T15:35:39.686+05:30सार्थक सुंदर जानकारी ...बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई ...सार्थक सुंदर जानकारी ...बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई <br />.<br />MY RECENT POST...<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/04/blog-post_11.html#comment-form" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-30079610064789398582012-04-15T15:14:07.151+05:302012-04-15T15:14:07.151+05:30आभार ।।
सादर ।।आभार ।।<br /><br />सादर ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-38050897741263835682012-04-15T14:23:00.010+05:302012-04-15T14:23:00.010+05:30इसी प्रकार विरोधी रसों के नैरन्तर्य (निरन्तरता) से...इसी प्रकार विरोधी रसों के नैरन्तर्य (निरन्तरता) से बचने के लिए एक रस को दूसरे से अलग कर देना चाहिए, अर्थात् बीच में किसी अविरोधी रस का समावेश कर देना चाहिए। ऐसा करने से विरोध समाप्त हो जाता है।<br />सार्थक जानकारी ..आभार.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.com