tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post6156564541034854213..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: देसिल बयना 24 : जल नहीं जाए जीभमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57333141704439235672010-04-01T18:05:47.473+05:302010-04-01T18:05:47.473+05:30रंजना जी,
मेरे लेखन में तो हास्य है पर आपकी प्रतिक...रंजना जी,<br />मेरे लेखन में तो हास्य है पर आपकी प्रतिक्रया से आँख में आंसू आ गए..... सच में यही तो है मिथिला की संस्कृति... ! यही है भारत की संस्कृति.......... "अतिथि देवो भवः" !! आभारी हूँ आपका........ मेरी कहानी में जो कमी रह गयी थी उसे आपने अपने महती प्रतिक्रिया से पूरा कर दिया....... !!! बहुत-बहुत धन्यवाद...... !!!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-43147367682500843172010-04-01T16:48:35.708+05:302010-04-01T16:48:35.708+05:30आ हा हा हा.....मन तृप्त हो गया....
लगा उन सब के सं...आ हा हा हा.....मन तृप्त हो गया....<br />लगा उन सब के संगे संग खडखडिया सायकिल पर हम भी वहां पहुँच गए हैं और सबके साथ फूल वाला थाली में जेवनार खा आये हैं...<br />ननिहाल में रहने के दरम्यान लगभग रोज ही देखा करती थी कि आस पड़ोस की गरीब स्त्रियाँ आँचल के नीचे खाली कटोरी छुपाये नानी के कानों में आकर फुसफुसाया करती थी और अविलम्ब भरी कटोरी के साथ अपने घर को लौट जाया करती थी,पाहून जो घर आये हुए होते थे उनके....खुद भले तीन दिन से भरपेट ना खाया हो,पर पाहून आने पर कम से कम तीन तरकारी तिलौदी पापड अचार और रहड़ी के दाल में घी डाल पाहून को चौका लगाकर पंखा झल कर जरूर खिलाया जाता है आज भी...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-29520376626080185642010-04-01T16:39:10.290+05:302010-04-01T16:39:10.290+05:30क्या खूब देसिल बयना लिखा इस बार. लहरू भाई के ससुरा...क्या खूब देसिल बयना लिखा इस बार. लहरू भाई के ससुराल में मजा आ गया जा कर. वाह वाह ... का खूब है. हँसते हँसते पेट में बल पड़ गया.SANDEEP KUMARhttps://www.blogger.com/profile/01037024489150067588noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-33128327538046378442010-04-01T16:33:43.281+05:302010-04-01T16:33:43.281+05:30इतना बढ़िया लेखन है की हम तो निशब्द हो गए! इस बेह...इतना बढ़िया लेखन है की हम तो निशब्द हो गए! इस बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-56078689216765273712010-04-01T13:42:31.516+05:302010-04-01T13:42:31.516+05:30सभी पाठकों को नमन और धन्यवाद !
@ विभा जी, आप पहली...सभी पाठकों को नमन और धन्यवाद ! <br />@ विभा जी, आप पहली बार हमारे ब्लॉग पर आयीं....... अभिनन्दन और आभार ! उम्मीद है आपकी नजर-ए-इनायत बनी रहेगी !!<br />@ संगीता पूरी जी, ब्लॉग-लेखकों के उत्साह-बर्धन के लिए आपकी नियमित टिप्पणियाँ एक मिसाल है ! आपकी टिपण्णी के बिना पोस्ट अधुरा सा लगता है............ लेकिन इस बार आपने जो आत्मीय टिपण्णी दी है उसे मैं रचनात्मक जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानता हूँ. परशराम सार्थक होने की अनुभूति का आनंद सर्वथा अनिर्वचनीय होता है......... आपका आभार भी मैं कसे व्यक्त करुण !!!! आपकी माता जी को मेरा शत-शत नमन....... देसिल बयना उन्हें पसंद आया.......... जानकार आह्लादित हूँ ! <br />@ डिम्पल जी, हमारे ब्लॉग पर आपकी पहली टिपण्णी के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया........ ! टिपण्णी का सन्दर्भ थोड़ा अस्पष्ट है...... उम्मीद है आप हमारे ब्लॉग पर बार-बार आयेंगी और अपनी प्रतिक्रियाओं से हमारा मार्गदर्शन करेंगी !!! धन्यवाद !!!!! <br />@ रचना जी, टिपण्णी के मामले मे मुझे लग रहा है कि आप सबसे नियमित हैं..... हृदय से धन्यवाद ! और का कहें......... याद आ गए न हमरे लहरू भाई......... हमको भी आपका फोटुआ देख के याद आया.......... आप भी तो हुएं थी न........... उनके ससुराल में ..... हा..हा..हा... !! <br />हमारा प्रयास यदि एक पाठक को भी हंसा सका......... तो इस से बड़ी सफलता और क्या हो सकती है !!!!<br />एक बार फिर सभी पाठकों को धन्यवाद ! आभार !! स्तुति !!!<br />आशा है, भविष्य में भी आपका सहयोग और प्रोत्साहन इसी प्रकार बना रहेगा !!!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-91634770462588334002010-04-01T10:50:58.183+05:302010-04-01T10:50:58.183+05:30ka ho Karan Ji ...ka likhe hai ap..aa ha ha ...maj...ka ho Karan Ji ...ka likhe hai ap..aa ha ha ...maja aa gaya....aur to aur humko b Lahru Bhai yad aa gaye...aur ab to hum Lahru bhai auro unke sasural ko bhuliye ni sakte hai...bhore bhor man prasan ho gaya e desil bayna padhkar... :)Rachna Karnahttps://www.blogger.com/profile/01778833565266862817noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-75732965736418818682010-04-01T07:54:35.727+05:302010-04-01T07:54:35.727+05:30बहुत बढ़िया प्रस्तुति....लोकोक्तियाँ ऐसे ही नहीं बन...बहुत बढ़िया प्रस्तुति....लोकोक्तियाँ ऐसे ही नहीं बनी हैं.प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32317093437265440322010-04-01T07:33:08.335+05:302010-04-01T07:33:08.335+05:30बेहतरीन। लाजवाब।बेहतरीन। लाजवाब।जुगल किशोरhttps://www.blogger.com/profile/13301162594819383710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-55723876700258376142010-03-31T23:07:27.321+05:302010-03-31T23:07:27.321+05:30जय श्री कृष्ण..आपको बधाई ....आपने बेहद खुबसूरत लि...जय श्री कृष्ण..आपको बधाई ....आपने बेहद खुबसूरत लिखी हैं....मन को छू देने वाली....सरल और सहज.....और आपका आभार...बस इसी प्रकार अपनी दुआएं साथ रखियेगा.....हम और ज्यादा अच्छा और दिल से लिखने का प्रयास करते रहेंगे....!!!!<br />---डिम्पलDimple Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/14066816391236429122noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-54436272725059094292010-03-31T21:20:37.870+05:302010-03-31T21:20:37.870+05:30बहुत बढिया लगा .. कमाल का लेखन है .. मेरी माताजी ज...बहुत बढिया लगा .. कमाल का लेखन है .. मेरी माताजी जाले से आयी हुई हैं .. उन्हें हर सप्ताह मैं आपकी देसिल बयना सुनाती हूं .. आजकल मुझे भी इसका इंतजार रहने लगा है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-59559726546710328202010-03-31T21:06:52.666+05:302010-03-31T21:06:52.666+05:30बहुत बढ़िया प्रस्तुति....लोकोक्तियाँ ऐसे ही नहीं बन...बहुत बढ़िया प्रस्तुति....लोकोक्तियाँ ऐसे ही नहीं बनी हैं....बहुत खूबसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49159964038611491062010-03-31T20:18:30.403+05:302010-03-31T20:18:30.403+05:30इस देसिल बयना में यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागरूकत...इस देसिल बयना में यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागरूकता भी स्पष्ट है। एक बार फिर आपकी अद्भुत लेखनी का कमाल देखने को मिला।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-68122678761107337592010-03-31T19:36:46.950+05:302010-03-31T19:36:46.950+05:30ise kahate hai bigadee baat banana...........
jism...ise kahate hai bigadee baat banana...........<br />jisme mahilae mahir hotee hai aise hee na vo grahasthee chalatee hai har haal me ghar kee ijjat banae rakhtee hai............Anonymousnoreply@blogger.com