tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post6359428684006214432..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: देसिल बयना – 76 : तेल न कराही , तलने चले मिठाईमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-87976303360202497962011-04-15T15:29:16.418+05:302011-04-15T15:29:16.418+05:30aisaa lag raha tha ki mai swayam gaon me mouzood h...aisaa lag raha tha ki mai swayam gaon me mouzood hoo aur ye sab saamne ghat raha hai....<br />ekdam jeevant varnan hai.......<br />apanee shadee me dhyan rakhana...kadaee ghee tel sabheeka Manoj jee se kahna poora intzam pahile se karle....:)<br /><br />aasheeshApanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-41598989633010912112011-04-14T00:19:48.843+05:302011-04-14T00:19:48.843+05:30आपके देशी बयने से बहुत कुछ सिखने को मिला | आपका अ...आपके देशी बयने से बहुत कुछ सिखने को मिला | आपका अंदाज निराला और समसामयिक है |Hemant Kumar Dubeyhttps://www.blogger.com/profile/03105494147732905978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-81120897084410061932011-04-14T00:14:59.109+05:302011-04-14T00:14:59.109+05:30हंसते हंसते पेटवा मा दरद होई रहा है | आपहु बहु...हंसते हंसते पेटवा मा दरद होई रहा है | आपहु बहुत कमाल का लिखत हैं | इ कहावातिया 'तेल न कराही, तलने चले मिठाई’ बहुते अच्छी लगी | इतने अच्छे हास्य-व्यंग्य रचना के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद |Hemant Kumar Dubeyhttps://www.blogger.com/profile/03105494147732905978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-61871833690607208772011-04-14T00:14:34.104+05:302011-04-14T00:14:34.104+05:30बहुत सुन्दर और सामयिक देसिल बयना है ।
रामनवमी की...बहुत सुन्दर और सामयिक देसिल बयना है ।<br /> <br />रामनवमी की हार्दिक बधाई,करें।good_donehttps://www.blogger.com/profile/15110617932419017381noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80996829404032899732011-04-13T14:33:54.501+05:302011-04-13T14:33:54.501+05:30लेखनी के माध्यम से पूरा चित्र उतार देने की कला को...लेखनी के माध्यम से पूरा चित्र उतार देने की कला कोई आपसे सीखे... बधाई स्वीकारें.. इतना सुरुचिपूर्ण तरीके से लोकनीतिशास्त्र का उद्धार करने के लिए।asheesh.dubenoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-60168094734781225632011-04-13T14:32:45.865+05:302011-04-13T14:32:45.865+05:30लेखनी के माध्यम से पूरा चित्र उतार देने की कला को...लेखनी के माध्यम से पूरा चित्र उतार देने की कला कोई आपसे सीखे... बधाई स्वीकारें.. इतना सुरुचिपूर्ण तरीके से लोकनीतिशास्त्र का उद्धार करने के लिए।आशीष "अंशुमाली"https://www.blogger.com/profile/07525720814604262467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-9294240881806055192011-04-13T14:32:03.745+05:302011-04-13T14:32:03.745+05:30लेखनी के माध्यम से पूरा चित्र उतार देने की कला को...लेखनी के माध्यम से पूरा चित्र उतार देने की कला कोई आपसे सीखे... बधाई स्वीकारें.. इतना सुरुचिपूर्ण तरीके से लोकनीतिशास्त्र का उद्धार करने के लिए।आशीष "अंशुमाली"https://www.blogger.com/profile/07525720814604262467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-68159501037775372202011-04-13T14:31:47.384+05:302011-04-13T14:31:47.384+05:30लेखनी के माध्यम से पूरा चित्र उतार देने की कला को...लेखनी के माध्यम से पूरा चित्र उतार देने की कला कोई आपसे सीखे... बधाई स्वीकारें.. इतना सुरुचिपूर्ण तरीके से लोकनीतिशास्त्र का उद्धार करने के लिए।आशीष "अंशुमाली"https://www.blogger.com/profile/07525720814604262467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-770892150479086772011-04-13T13:48:02.525+05:302011-04-13T13:48:02.525+05:30बहुत बढ़िया!
यह तो वही बात हुई न!
"घर में नही...बहुत बढ़िया!<br />यह तो वही बात हुई न!<br />"घर में नहीं दाने,<br />अम्मा चली भुनाने!"डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-60596633241494778802011-04-13T13:33:27.236+05:302011-04-13T13:33:27.236+05:30रामनवमी के बहाने गाँव और समाज का देसज शब्दों में स...रामनवमी के बहाने गाँव और समाज का देसज शब्दों में सुन्दर चित्रण .. बेहतरीन देसिल बयाना में एक और इजाफा ...सुभाष चन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/00163673662608636927noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-47647641050794351292011-04-13T13:28:04.802+05:302011-04-13T13:28:04.802+05:30रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
सामयिक घटनाक्रम में...रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।<br />सामयिक घटनाक्रम में देसिल बयना को पिरोना आपके लेखन की विशेषता है। करण जी आपकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। आपको शुभकामनाएं।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-87189464181500300232011-04-13T12:16:04.111+05:302011-04-13T12:16:04.111+05:30बहुत बढ़िया देसिल बयना ..बहुत बढ़िया देसिल बयना ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-53929217627403417602011-04-13T11:35:52.924+05:302011-04-13T11:35:52.924+05:30अयोध्या रामलला की जाय !
बालरूप भगवान की जय !!
र...अयोध्या रामलला की जाय ! <br />बालरूप भगवान की जय !!<br /><br /><br />रामनवमी की हार्दिक बधाई.....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-36119851693840510662011-04-13T10:46:06.131+05:302011-04-13T10:46:06.131+05:30आंचलिक परिवेश के जीवंत चित्रण से देसिल बयना का अर्...आंचलिक परिवेश के जीवंत चित्रण से देसिल बयना का अर्थ और भी स्पष्ट हो गया है। लेखनी की जादू एक बार फिर से चमत्कार उत्पन्न करने में सक्षम है। लगता है सारे दृश्य आंखों के सामने घूम रहे हों।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-15198864422830377642011-04-13T10:05:57.883+05:302011-04-13T10:05:57.883+05:30रामनवमी के उत्सव के साथ कथानक और कहावत तक पहुँचन...रामनवमी के उत्सव के साथ कथानक और कहावत तक पहुँचने की यात्रा बड़ी सुखद रही !<br />मैंने पहले भी कई बार कहा है और आज फिर कहता हूँ ' करन जी, आपकी लेखनी का ज़वाब नहीं !<br />इसकी मिठास और सम्प्रेषण का अनुभव करना सुखद होता है !<br />आभार !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-48907240771567640192011-04-13T08:43:43.987+05:302011-04-13T08:43:43.987+05:30भगवान राम की जय.बहुत सुन्दर और सामयिक लिखा है आपने...भगवान राम की जय.बहुत सुन्दर और सामयिक लिखा है आपने. <br />रामनवमी की हार्दिक बधाई,करण जी.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80145913589098499882011-04-13T07:23:01.262+05:302011-04-13T07:23:01.262+05:30आपका देशिल बयना जब भी पढ़ता हूं बहुत ही अच्छा लगता...आपका देशिल बयना जब भी पढ़ता हूं बहुत ही अच्छा लगता है।देशज शव्दों का प्रयोग इसे रूचिकर बना देता है।धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com