tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post6950536292267332880..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: नवगीत : चढ़ गई बिजुरिया मेघों का जीनामनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70743883620780967192011-06-28T13:27:44.980+05:302011-06-28T13:27:44.980+05:30बहुत सुन्दर पोस्ट...एकदम मौसमीबहुत सुन्दर पोस्ट...एकदम मौसमीचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-6424920857638422162011-06-28T06:50:12.483+05:302011-06-28T06:50:12.483+05:30मौसम का नजारा और पी की जुदाई ...
सुन्दर नवगीत !मौसम का नजारा और पी की जुदाई ...<br />सुन्दर नवगीत !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-8499804850590652212011-06-28T01:22:46.039+05:302011-06-28T01:22:46.039+05:30श्याम नारायण मिश्र जी का नवगीत नव -उमंग भर गया -
त...श्याम नारायण मिश्र जी का नवगीत नव -उमंग भर गया -<br />तुम ने की होगी बयार आँचल से पौंछ कर पसीना ,<br />आ गया आषाढ़ का महिना .शुक्रिया .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49863941767618780442011-06-27T23:31:56.363+05:302011-06-27T23:31:56.363+05:30bahut achchi lagi.bahut achchi lagi.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-36986408501975298492011-06-27T21:08:35.771+05:302011-06-27T21:08:35.771+05:30तुम बिन पी कौन कसे जीवन की बीना...मौसम का तकाज़ा ह...तुम बिन पी कौन कसे जीवन की बीना...मौसम का तकाज़ा है...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-2147306167007639282011-06-27T21:02:07.621+05:302011-06-27T21:02:07.621+05:30@ surendrshuklabhramar5
यह एक प्रकार की बंसुरी या ...@ surendrshuklabhramar5<br />यह एक प्रकार की बंसुरी या वाद्य यंत्र है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-3074393470229923852011-06-27T20:34:37.886+05:302011-06-27T20:34:37.886+05:30चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुत...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 28 - 06 - 2011<br />को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..<br /><br /><a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> साप्ताहिक काव्य मंच-- 52 ..चर्चा मंच <br /></a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51115527434976004732011-06-27T20:32:40.947+05:302011-06-27T20:32:40.947+05:30सरल और सहज गीत है यह तो।सरल और सहज गीत है यह तो।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-30728687690375211102011-06-27T20:29:42.093+05:302011-06-27T20:29:42.093+05:30गीत में पूरा आषाढ़ साकार हो उठा है। यह गीत पढ़कर ए...गीत में पूरा आषाढ़ साकार हो उठा है। यह गीत पढ़कर एद्दूमैलारम की कवि-गोष्ठियाँ याद आ गयीं। आभार।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-75836003121240316492011-06-27T19:36:25.705+05:302011-06-27T19:36:25.705+05:30बहुत सुन्दर गीत। शुभकामनायें।बहुत सुन्दर गीत। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-665744659161194872011-06-27T19:29:36.442+05:302011-06-27T19:29:36.442+05:30सोमवार को मिश्र जी के नव गीत की ऐसी आदत पड़ गई है ...सोमवार को मिश्र जी के नव गीत की ऐसी आदत पड़ गई है कि इस गीत को भी पहले उनका ही गीत समझ कर पढ़ा फिर देखा कि ये तो आपका गीत है... गांधी जी पर गंभीर आलेख लिखते हुए हिरदय इतना सहज, मृदुल हो सकता है कई बार आश्चर्य लगता है.... आषाढ़ में पहली फुहार... पसीना भी साथ लाता है... और फिर आँचल से पसीना पोछने का दृश्य... मन में तो एक गोरी जीवंत हो उठती है... सुन्दर नवगीत...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-56936301719530015392011-06-27T19:08:20.373+05:302011-06-27T19:08:20.373+05:30मनोज जी बढ़िया नव गीत ..सुन्दर तुलना प्रेम की अद्भ...मनोज जी बढ़िया नव गीत ..सुन्दर तुलना प्रेम की अद्भुत और चरम ..<br />आंचल से पोंछकर पसीना...महक गए माटी तुलसी पोदीना<br /><br />अलगोजे मादल।---?? कृपया समझाएंSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5https://www.blogger.com/profile/11163697127232399998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-66069582964634381422011-06-27T16:37:19.749+05:302011-06-27T16:37:19.749+05:30वाह सर जी लगता है गांव के अषाढ़ के झमाझम बारिस की ...वाह सर जी लगता है गांव के अषाढ़ के झमाझम बारिस की याद में ये पंक्तियां निकली है।<br /><br />बहुत सुन्दर।Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-73605129476524956832011-06-27T14:21:54.150+05:302011-06-27T14:21:54.150+05:30तुमने की होगी बयार
आंचल से पोंछकर पसीना,
...तुमने की होगी बयार<br /><br /> आंचल से पोंछकर पसीना,<br /><br /> आ गया आषाढ़ का महीना।<br /><br />अहा,इस नवगीत के तो मुखड़े के भावों में ही बड़ा नयापन है.<br />ग़ज़ब का पूरा नवगीत. आभार.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-41514484207224234142011-06-27T13:51:55.000+05:302011-06-27T13:51:55.000+05:30तुमने की होगी बयार
आंचल से पोंछकर पसीना,
आ गया आषा...तुमने की होगी बयार<br />आंचल से पोंछकर पसीना,<br />आ गया आषाढ़ का महीना। <br /><br />मधुरतम भावों से भीगा हुआ मधुरतम नवगीत...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-12476934565948286752011-06-27T11:05:01.617+05:302011-06-27T11:05:01.617+05:30गीत की प्रारम्भिक पंक्तियों ने मन मोह लिया.. और आग...गीत की प्रारम्भिक पंक्तियों ने मन मोह लिया.. और आगे की पंक्तियों ने तो दृश्य उपस्थित कर दिया आँखों के सामने!!<br /><br />मिश्र जी के नवगीतों को हर बार पढकर एक नया ही अनुभव प्राप्त होता है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-90096337797437474252011-06-27T10:43:43.071+05:302011-06-27T10:43:43.071+05:30अहहह..... काश इस नवगीत का सस्वर पाठ सुन पाता.........अहहह..... काश इस नवगीत का सस्वर पाठ सुन पाता......... ! बहुत सुन्दर! एक-एक शब्द में माधुर्य किलोल करता हुआ....... ! बहुत खूब !!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-75181354930315090972011-06-27T10:19:22.290+05:302011-06-27T10:19:22.290+05:30बहुत खूबसूरत गीतबहुत खूबसूरत गीतसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-14237121648278764042011-06-27T09:49:15.892+05:302011-06-27T09:49:15.892+05:30bahut sundar
chhotawritersblogspot.combahut sundar <br /><a href="http://chhotawritersblogspot.com%22" rel="nofollow">chhotawritersblogspot.com</a>Adminhttps://www.blogger.com/profile/11424126516517764265noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-74821910447021055202011-06-27T09:25:50.099+05:302011-06-27T09:25:50.099+05:30अहा, सोंधी बयार सी प्रस्तुति।अहा, सोंधी बयार सी प्रस्तुति।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-45072871521139006412011-06-27T09:07:16.202+05:302011-06-27T09:07:16.202+05:30लो, नभ में उमड़ चले
भाव भरे बादल।
पुरवा की ...लो, नभ में उमड़ चले <br /> भाव भरे बादल।<br />पुरवा की छाती से <br />सरक गया आंचल।<br /> चढ़ गई बिजुरिया मेघों का जीना।<br /> क्या बात है ! सुंदर अतिसुन्दर , बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-78217599611626508022011-06-27T09:05:47.965+05:302011-06-27T09:05:47.965+05:30बढ़िया सामायिक गीत के लिए आभार आपका !बढ़िया सामायिक गीत के लिए आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.com