tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post7487638726918860403..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: काव्यशास्त्र- वाच्यार्थ और लक्षणामनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-2079148259883129152010-10-19T10:14:17.808+05:302010-10-19T10:14:17.808+05:30एक बार फिर आपकी लेखनी को नमन! सप्ताह दर सप्ताह आपक...एक बार फिर आपकी लेखनी को नमन! सप्ताह दर सप्ताह आपके इन आलेखों से ज्ञान वर्धन हो रहा है।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-30511380590251075552010-10-18T20:38:30.773+05:302010-10-18T20:38:30.773+05:30Kavya Shastra sahitya se anbhigyan logon ko abhigy...Kavya Shastra sahitya se anbhigyan logon ko abhigyan banane ka karyakarta hai.Koi bhi vigyan ho ya shastra ho lalitya se hatkar hota hai aur bar bar uske abhyas ki jaroorat hoti hai, Dr.Shyam gupt ji ke vichar swagat karne yogya hain...dhanyaswaad.आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-1382921849447035542010-10-18T13:37:41.408+05:302010-10-18T13:37:41.408+05:30सुन्दर. अब शास्त्र के अनुशीलन के लिए निरंतर अध्ययन...सुन्दर. अब शास्त्र के अनुशीलन के लिए निरंतर अध्ययन की आवश्यकता तो होगी ही. धन्यवाद !करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-12127644318418480412010-10-18T10:32:05.309+05:302010-10-18T10:32:05.309+05:30"शिक्षामित्र ने कहा…
खेदसहित कहना है कि ..."शिक्षामित्र ने कहा…<br /><br /> खेदसहित कहना है कि व्याख्या कठिन है। जो विद्वज्जन हैं,उन्हें समझाने की ज़रूरत नहीं और जो अनभिज्ञ हैं,उनके लिए यह सहज ग्राह्य नहीं है।"<br />---पूर्ण सत्य है, पर शास्त्रों व कठिन को समय समय पर द्रष्टि में लाते रहना चाहिये, ’रस्सी आवत जात ते .....” shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-22939090211814794462010-10-18T08:33:43.466+05:302010-10-18T08:33:43.466+05:30साहित्य के क्षेत्र में आपका प्रयास सराहनीय है। इसस...साहित्य के क्षेत्र में आपका प्रयास सराहनीय है। इससे रचनाकार और पाठक को बेहतर समझ में सहायता मिल सकेगी। <br />आभार,हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70213976477221258812010-10-18T08:17:16.213+05:302010-10-18T08:17:16.213+05:30विजयादशमी की बहुत बहुत बधाईविजयादशमी की बहुत बहुत बधाईCoralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-77106173913700772642010-10-18T07:40:18.178+05:302010-10-18T07:40:18.178+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्र...<b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।</b><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/10/blog-post_18.html" rel="nofollow">बेटी .......प्यारी सी धुन</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32588473479361965042010-10-18T03:31:27.718+05:302010-10-18T03:31:27.718+05:30यहं एक बहुत ही गहन विषय को आप हमारे जैसे ब्लॉगरों ...यहं एक बहुत ही गहन विषय को आप हमारे जैसे ब्लॉगरों को समझा रहे हैं इसका आपको अनेक धन्यवाद । विजयादशमी की शुभ कामनाएँ । इस पोस्ट को एक बार और समय लगा कर पढूंगी ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-61091956527946204292010-10-17T23:34:37.805+05:302010-10-17T23:34:37.805+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति .
विजयादशमी की हार्दिक शुभकाम...बहुत अच्छी प्रस्तुति .<br />विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं .ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-1695887642229073312010-10-17T22:11:57.087+05:302010-10-17T22:11:57.087+05:30काव्यशास्त्र भाषा-साहित्य का एक अनिवार्य किंतु थोड...काव्यशास्त्र भाषा-साहित्य का एक अनिवार्य किंतु थोड़ा क्लिष्ट-सा भाग है। प्रायः,छात्र उदाहरणों को रट कर ही परीक्षा पास करते रहे हैं। आपके सद्प्रयासों से,भूले-बिसरे तथ्य फिर से ताज़ा हो रहे हैं।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-36632152675900364842010-10-17T20:41:40.055+05:302010-10-17T20:41:40.055+05:30भाषा के पाठकों के लिए
बहुत ही उत्कृष्ट पोस्ट है य...भाषा के पाठकों के लिए <br />बहुत ही उत्कृष्ट पोस्ट है यह!<br />--<br />असत्य पर सत्य की विजय के पावन पर्व<br />विजयादशमी की आपको और आपके परिवार को <br />बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-62128605710251525102010-10-17T19:50:21.058+05:302010-10-17T19:50:21.058+05:30सम्वेदना के स्वर जी आपके सम्मानजनक टिप्पणी के लिये...सम्वेदना के स्वर जी आपके सम्मानजनक टिप्पणी के लिये धन्यवाद और विजया दशमी की शुभकामनायें..आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-47558163926487414042010-10-17T19:48:06.388+05:302010-10-17T19:48:06.388+05:30मनोज कुमार जी आपके सम्मानजनक टिप्पणी के लिये धन्यव...मनोज कुमार जी आपके सम्मानजनक टिप्पणी के लिये धन्यवाद और विजयादशमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं!आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-9265317678619041192010-10-17T19:30:27.410+05:302010-10-17T19:30:27.410+05:30खेदसहित कहना है कि व्याख्या कठिन है। जो विद्वज्जन ...खेदसहित कहना है कि व्याख्या कठिन है। जो विद्वज्जन हैं,उन्हें समझाने की ज़रूरत नहीं और जो अनभिज्ञ हैं,उनके लिए यह सहज ग्राह्य नहीं है।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70562793234883705632010-10-17T18:24:07.683+05:302010-10-17T18:24:07.683+05:30आचार्य जी, आज बहुत शांति के साथ यह पोस्ट पढी मैंने...आचार्य जी, आज बहुत शांति के साथ यह पोस्ट पढी मैंने और सचमुच ऐसा अनुभव हुआ मानो बरसों बाद कक्षा में बैठकर पढाई कर रहा हूँ.. छात्र का प्रणाम स्वीकार करें!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-15430863582843329852010-10-17T18:01:02.034+05:302010-10-17T18:01:02.034+05:30बहुत सुंदर लेख,
विजयादशमी की बहुत बहुत बधाईबहुत सुंदर लेख,<br />विजयादशमी की बहुत बहुत बधाईराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-81459257232364599552010-10-17T12:58:18.380+05:302010-10-17T12:58:18.380+05:30अच्छी प्रस्तुति
विजया दशमी की शुभकामनायें..अच्छी प्रस्तुति<br />विजया दशमी की शुभकामनायें..शमीमhttps://www.blogger.com/profile/17758927124434136941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-34426100839311808442010-10-17T10:02:01.140+05:302010-10-17T10:02:01.140+05:30भारतीय काव्यशास्त्र को समझाने का चुनौतीपूर्ण कार्य...भारतीय काव्यशास्त्र को समझाने का चुनौतीपूर्ण कार्य कर आप एक महान कार्य कर रहे हैं। इससे रचनाकार और पाठक को बेहतर समझ में सहायता मिल सकेगी। सदा की तरह आज का भी अंक बहुत अच्छा लगा।<b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br />सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।<br />भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोsस्तु ते॥<br />विजयादशमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!</b><br /><a href="http://manojiofs.blogspot.com/2010/10/blog-post_17.html" rel="nofollow">काव्यशास्त्र<br /></a>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com