tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post7953243335684968908..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: मेरे छाता की यात्रा कथा और सौ जोड़ी घूरती आंखें!! भाग- 4 :: नज़रियामनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger39125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-82764427146466857112010-08-04T00:59:05.706+05:302010-08-04T00:59:05.706+05:30कुत्ते व नौकर घर में रहे हैं। नौकर से ऐसा व्यवहार ...कुत्ते व नौकर घर में रहे हैं। नौकर से ऐसा व्यवहार कैसे मनुष्य करते हैं नहीं जानती। परन्तु कुत्ते व नौकर एक दूसरे को सदा ही प्रेम करते थे। <br />बहुत अच्छा हुआ कि नौकर ने कुत्ते को मारा नहीं। मेहता परिवार जैसा भी रहा हो कुत्ता तो भला ही था।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-26712057485894926012010-07-07T08:55:44.813+05:302010-07-07T08:55:44.813+05:30Indranil Bhattacharjee ........."सैल" की...Indranil Bhattacharjee ........."सैल" की टिप्पणी : <br /><br />सच है ... समझने वाली बात है ... जो बात मालिक में नहीं है वो नौकर में है ...मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-78309256457436667542010-07-07T08:55:08.426+05:302010-07-07T08:55:08.426+05:30हरीश प्रकाश गुप्त की टिप्पणी :
रामू के अन्दर क्र...हरीश प्रकाश गुप्त की टिप्पणी : <br /><br />रामू के अन्दर क्रोध के आवेश में बदले के भाव पनपना सामान्य मनुष्य का स्वभाव है लेकिन उस बदले की भावना को कार्यरूप में परिणत करने से पूर्व मानवीय चेतना का जागृत होना रीमू के चरित्र को श्रेष्ठ बनाता है उन तथाकथित बड़े लोगों से। मानवीय संवेदना की पराकाष्ठा। <br /><br />उत्तम प्रस्तुति।<br /><br />बधाई स्वीकार करें।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-34237783542265749302010-07-07T08:54:31.585+05:302010-07-07T08:54:31.585+05:30चला बिहारी ब्लॉगर बनने की टिप्पणी :
गजब का कथानक...चला बिहारी ब्लॉगर बनने की टिप्पणी : <br /><br />गजब का कथानक है..एक तरफ आदमी के साथ कुत्ता के जईसा ब्यवहार हो रहा है अऊर दोसरा तरफ ऊ आदमी कुत्ता से आदमी जईसा ब्यवहार कर रहा है... पढा लिखा मेहता जी से ऊ रामुए न अच्छा है...ई बड़ा आदमी लोग सच्चो ताड़ खजूर जईसन होता है न छाए दे सकता है न फल... आप त सचमुच देखा दिए कि एक्के परमात्मा बसता है सब का अंदर...मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-33636379251921008342010-07-07T08:54:01.473+05:302010-07-07T08:54:01.473+05:30Apanatva ने की पोस्ट टिप्पणी :
bahut acchee pras...Apanatva ने की पोस्ट टिप्पणी : <br /><br />bahut acchee prastuti.......मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-48728526097674182572010-07-07T08:53:31.399+05:302010-07-07T08:53:31.399+05:30संगीता स्वरुप ( गीत ) की टिप्पणी :
सच में रामू क...संगीता स्वरुप ( गीत ) की टिप्पणी : <br /><br />सच में रामू का कद बहुत बड़ा हो गया ...मेहता साहब लोगों जैसों का तो कोई कद ही नहीं है....<br /><br />बहुत अच्छी प्रस्तुति...मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-66414183019844066802010-07-07T08:52:47.953+05:302010-07-07T08:52:47.953+05:30संगीता स्वरुप ( गीत ) ने की टिप्पणी :
मंगलवार 06...संगीता स्वरुप ( गीत ) ने की टिप्पणी : <br /><br />मंगलवार 06 जुलाई को आपकी रचना ..तेरी अनुकम्पा से ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है आभार <br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/<br /><br /><br />इस पोस्ट को बाद में पढ़ती हूँ..मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-28463421373662081712010-07-07T08:52:17.697+05:302010-07-07T08:52:17.697+05:30संगीता स्वरुप ( गीत ) की टिप्पणी :
मंगलवार 06 जु...संगीता स्वरुप ( गीत ) की टिप्पणी : <br /><br />मंगलवार 06 जुलाई को आपकी रचना ..तेरी अनुकम्पा से ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है आभारमनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-60982379894134659192010-07-07T08:52:15.454+05:302010-07-07T08:52:15.454+05:30संगीता स्वरुप ( गीत ) की टिप्पणी :
मंगलवार 06 जु...संगीता स्वरुप ( गीत ) की टिप्पणी : <br /><br />मंगलवार 06 जुलाई को आपकी रचना ..तेरी अनुकम्पा से ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है आभारमनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-30827241097634411982010-07-07T08:48:50.639+05:302010-07-07T08:48:50.639+05:30प्रेम सरोवर ने की टिप्पणी :
मानवीय सम्वेदनाओं को...प्रेम सरोवर ने की टिप्पणी : <br /><br />मानवीय सम्वेदनाओं को समेटे बहुत सुंदर रचना।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-85489659677957793152010-07-07T08:48:16.052+05:302010-07-07T08:48:16.052+05:30जुगल किशोर की टिप्पणी :
रचना का संदेश बड़ा ही दि...जुगल किशोर की टिप्पणी : <br /><br />रचना का संदेश बड़ा ही दिल छूने वाला है।<br />आपके पेश करने का अंदाज़ अलग-सा है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-40626361146156602022010-07-07T08:47:39.561+05:302010-07-07T08:47:39.561+05:30सम्वेदना के स्वर की टिप्पणी:
मनोज जी, बेहतरीन मा...सम्वेदना के स्वर की टिप्पणी: <br /><br />मनोज जी, बेहतरीन मानवीय सम्वेदनाओं को समेटे यह पोस्ट... एक पल को जब आपने छाते से उस पशु को मारने की बात कही तो मुझे लगा कथानक “विष के दाँत” की तरफ जा रहा है, किंतु अगले ही पल आपकी छाप दिख गई. आपकी छतरी का प्रसार और विस्तार ऐसे ही फैलता रहे, यही हमारी कामना है!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-77459121726134766652010-07-07T08:44:02.590+05:302010-07-07T08:44:02.590+05:30हर्षिता की टिप्पणी :
अच्छी प्रस्तुति है।हर्षिता की टिप्पणी : <br /><br />अच्छी प्रस्तुति है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-64461777952728466502010-07-07T08:43:31.087+05:302010-07-07T08:43:31.087+05:30संगीता पुरी की टिप्पणी :
बहुत अच्छा लिख रहे हैं...संगीता पुरी की टिप्पणी : <br /><br />बहुत अच्छा लिख रहे हैं आप .. बधाई !!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-48161623538838544272010-07-07T08:42:55.594+05:302010-07-07T08:42:55.594+05:30Parashuram Rai की टिप्पणी:
visham paristhiti mei...Parashuram Rai की टिप्पणी: <br /><br />visham paristhiti mein bhi Ramu ki shudh chetana ka adig hona aur aapke chate ke andar aloukik sukh ki anubhuti sarahniya hai.मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-847644301729200442010-07-07T08:42:00.596+05:302010-07-07T08:42:00.596+05:30निर्मला कपिला की टिप्पणी :
छाते की पूरी कथा अद्भ...निर्मला कपिला की टिप्पणी : <br /><br />छाते की पूरी कथा अद्भुत रही। बधाईमनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-22428214045754401462010-07-07T08:41:23.829+05:302010-07-07T08:41:23.829+05:30महफूज़ अली ने की टिप्पणी :
माफ़ी चाहता हूँ.... आ...महफूज़ अली ने की टिप्पणी : <br /><br />माफ़ी चाहता हूँ.... आजकल टाइम ही नहीं मिल पा रहा है.... पोस्ट पढ़ पाने का.... और आपको कॉल नहीं कर पाया इसकी भी माफ़ी चाहता हूँ.... अबी आपकी पूरी सिरीज़ पढ़ता हूँ....मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-6152175682237810052010-07-07T08:40:26.617+05:302010-07-07T08:40:26.617+05:30डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक की टिप्पणी :
छाते के...डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक की टिप्पणी : <br /><br />छाते के माध्यम से <br />सभी कुछ तो उजागर कर दिया आपने!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24132010887947185432010-07-07T08:39:41.143+05:302010-07-07T08:39:41.143+05:30कल पता नहीं क्या हो गया था कि कई टिप्पणियां प्रकाश...कल पता नहीं क्या हो गया था कि कई टिप्पणियां प्रकाशित ही नहीं हि पाइं। उन्हें पुनः प्रकाशित कर दे रहा हूं। <br />आप सब सुधि जनों का आभार .. इस छाता यात्रा में मेरा संगी होने के लिए।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-33612499039112029972010-07-06T17:00:35.915+05:302010-07-06T17:00:35.915+05:30संवेदना के स्तर पर भावुक कर देने वाली कथा... शिल्प...संवेदना के स्तर पर भावुक कर देने वाली कथा... शिल्प में पिछली कड़ी के जोरदार स्ट्रोक के बाद यह हलके हाथों से खेला गया शोट प्रतीत होता है !! इतनी सुन्दर विचार श्रृंखला शुरू करने के लिए धन्यवाद !!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-21497872283383821102010-07-06T15:37:36.682+05:302010-07-06T15:37:36.682+05:30संवेदना के स्तर पर भावुक कर देने वाली कथा.... शिल्...संवेदना के स्तर पर भावुक कर देने वाली कथा.... शिल्प के मामले में पिछली कड़ी के जोरदार स्ट्रोक के बाद हलके हाथों से खेला गया शोट लगा.... ! धन्यवाद !!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-19614498157811454212010-07-06T14:16:11.281+05:302010-07-06T14:16:11.281+05:30मानवीय सम्वेदनाओं को समेटे बहुत सुंदर रचना।मानवीय सम्वेदनाओं को समेटे बहुत सुंदर रचना।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32875850201981483012010-07-06T14:11:29.763+05:302010-07-06T14:11:29.763+05:30रचना का संदेश बड़ा ही दिल छूने वाला है।
आपके पेश क...रचना का संदेश बड़ा ही दिल छूने वाला है।<br />आपके पेश करने का अंदाज़ अलग-सा है।जुगल किशोरhttps://www.blogger.com/profile/13301162594819383710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-28268772871171483362010-07-06T14:09:42.712+05:302010-07-06T14:09:42.712+05:30पेश करने का अंदाज़ कुछ अलग सा है। पर है बहुत अच्छा...पेश करने का अंदाज़ कुछ अलग सा है। पर है बहुत अच्छा। रचना का संदेश दिल छूने वाला है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80716423309711530482010-07-06T14:00:31.169+05:302010-07-06T14:00:31.169+05:30सच है ... समझने वाली बात है ... जो बात मालिक में न...सच है ... समझने वाली बात है ... जो बात मालिक में नहीं है वो नौकर में है ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.com