tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post8177583188173429023..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: भारतीय काव्यशास्त्र – 109मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-12393771760908328022012-04-23T10:44:24.348+05:302012-04-23T10:44:24.348+05:30मनोज भाई के कथन से सहमत हूँ ....
आभार आपका !मनोज भाई के कथन से सहमत हूँ ....<br />आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80412895229447614312012-04-22T23:10:24.422+05:302012-04-22T23:10:24.422+05:30संक्षिप्त सुन्दर और पचनीय विश्लेषण हमारे जैसे विज्...संक्षिप्त सुन्दर और पचनीय विश्लेषण हमारे जैसे विज्ञान साहित्य छात्र भी बूझ सके .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-18085449430433494022012-04-22T21:40:44.185+05:302012-04-22T21:40:44.185+05:30गिरिजा जी, काव्यशास्त्र का यह 109वाँ अंक है और काव...गिरिजा जी, काव्यशास्त्र का यह 109वाँ अंक है और काव्य के विभिन्न अंगों पर चर्चा करने के बाद काव्यदोषों का प्रकरण चल चल रहा है, जो लगभग समाप्त होनेवाला है। रसदोषों पर चर्चा के दौरान यह चर्चा उनके निराकरण के उपायों पर चल रही है। विशेष जानकारी के लिए इस शृंखला के पुरानी पोस्टों को देखें।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-41520113016908850742012-04-22T21:15:15.806+05:302012-04-22T21:15:15.806+05:30आप तो निःसंदेह ज्ञान का भंडार हैं। हम सब लाभ उठा र...आप तो निःसंदेह ज्ञान का भंडार हैं। हम सब लाभ उठा रहे हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-79915687190144775892012-04-22T20:01:08.335+05:302012-04-22T20:01:08.335+05:30इस पार प्रिये तुम हो मधु है ,उस पार न जाने क्या हो...इस पार प्रिये तुम हो मधु है ,उस पार न जाने क्या होगा ---हमारे गुरुजी इस पंक्ति को दोहराते हुए रस-दोष समझाया करते थे । काव्यशास्त्र के ऐसे सिद्धान्त यहाँ पढने मिलते हैं यह एक उपलब्धि है । कभी साधारणीकरण पर भी सामग्री आए तो अच्छा हो ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-20333207859236824342012-04-22T17:30:44.951+05:302012-04-22T17:30:44.951+05:30ज्ञानवर्धक लेख
आभार,..... !
MY RECENT POST...काव...ज्ञानवर्धक लेख <br />आभार,..... !<br /><br />MY RECENT POST...<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/04/dheerendradheer.html" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...:गजल...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-61485276752919178582012-04-22T14:15:15.897+05:302012-04-22T14:15:15.897+05:30प्रणाम आचार्य ।प्रणाम आचार्य ।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70064201032527350672012-04-22T13:33:08.887+05:302012-04-22T13:33:08.887+05:30बहुत जानकारीपरक और ज्ञानवर्धक.
राय साहब ज्ञान का भ...बहुत जानकारीपरक और ज्ञानवर्धक.<br />राय साहब ज्ञान का भण्डार हैं.आभार.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-55188158013917343512012-04-22T12:12:09.599+05:302012-04-22T12:12:09.599+05:30भारतीय साहित्य की गूढतम जानकारी देता प्रभावी लेखभारतीय साहित्य की गूढतम जानकारी देता प्रभावी लेखvikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51115594777657656612012-04-22T11:51:23.042+05:302012-04-22T11:51:23.042+05:30दोष के साथ ही दोषों के परिहार की भी श्रृंखला.. एक ...दोष के साथ ही दोषों के परिहार की भी श्रृंखला.. एक नया अध्याय!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com