tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post8833329376329818238..comments2024-03-06T12:52:47.485+05:30Comments on मनोज: फ़ुरसत में ... दिल की उलझनमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger47125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-65613214690590173262012-07-23T13:59:17.979+05:302012-07-23T13:59:17.979+05:30सरलता का जमाना नहीं रहा?!सरलता का जमाना नहीं रहा?!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-39410548604968562102012-07-12T13:50:07.228+05:302012-07-12T13:50:07.228+05:30सरल होना सबसे कठिन है , सरल होने की मुसीबतें भी ब...सरल होना सबसे कठिन है , सरल होने की मुसीबतें भी बहुत है ...ऐसा लगता है कई बार !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-75194976111078107652012-07-09T19:19:51.832+05:302012-07-09T19:19:51.832+05:30दिमाग की बात मानना लगता सरल है पर है बहुत कठिन्…:)...दिमाग की बात मानना लगता सरल है पर है बहुत कठिन्…:)Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-61121228401340071172012-07-09T12:09:29.491+05:302012-07-09T12:09:29.491+05:30‘मास्टर जी’
‘लाजो जी’
जैसी सरलता लाना कठिन है‘मास्टर जी’ <br />‘लाजो जी’<br /><br />जैसी सरलता लाना कठिन हैBS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-41373493874867365272012-07-09T10:52:25.620+05:302012-07-09T10:52:25.620+05:30बढिया संस्मरण !बढिया संस्मरण !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-61404130796946487592012-07-09T00:57:02.488+05:302012-07-09T00:57:02.488+05:30जिंदगी रोज बखेड़े खड़े नहीं करे तो जीने में मजा कहा...जिंदगी रोज बखेड़े खड़े नहीं करे तो जीने में मजा कहाँ रह जायेगा.... <br />मनोज जी ये खरा सच कहा अपने - <br />जीना सरल है,<br />प्यार करना सरल है,<br />हारना सरल है,<br />जीतना भी सरल है,<br />--- तो कठिन क्या है?<br />“सरल” होना कठिन है।लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80775888618003303392012-07-08T20:56:29.660+05:302012-07-08T20:56:29.660+05:30यूँ ही जी लें वो क्या ज़िन्दगी , थोड़ी सुलझे बाकि ...यूँ ही जी लें वो क्या ज़िन्दगी , थोड़ी सुलझे बाकि उलझ जाये , लगे समय सुलझाने में तब ही लगता है ,ये है ज़िन्दगी ...Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-89092288124479113402012-07-08T20:05:00.759+05:302012-07-08T20:05:00.759+05:30सच कहा है अपने जीवन में 'सरल ' होना कठिन ह...सच कहा है अपने जीवन में 'सरल ' होना कठिन है. पर ये बात अगर समझ आ जाये तो फिर कोई कठिन और कटु हो ही नहीं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24902296829313420002012-07-08T18:44:57.236+05:302012-07-08T18:44:57.236+05:30“सरल” होना कठिन है।...........सत्य वचन्।“सरल” होना कठिन है।...........सत्य वचन्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-30207393640695747892012-07-08T14:47:22.226+05:302012-07-08T14:47:22.226+05:30जीवन के हाशिये पे बैठ
सच-झूठ के फैले रंगों में
ख...जीवन के हाशिये पे बैठ <br />सच-झूठ के फैले रंगों में <br />खोजता हूँ कुछ सहज रंग<br />जिनमे न हो <br />सच की भ्रमित सी कर देने वाली ख़ामोशी<br />न हो झूठ का दिल को रोंदता चित्कार <br /><br />बस सहजता <br />झूठ और सच साथ-साथ <br />झूठ, मानो शरारत को उकसा बचपन <br />सच, जैसे हर परिस्थिति में उसका संग <br /><br />न हार में निराशा <br />न जीत में घमंड <br />बस एक सहज भाव <br />मानो दो ओर से बंधी<br />समर्पण को जाती <br />नदी का बहाव ..<br /> ( एक पुरानी कविता का अंश )CHANDERhttps://www.blogger.com/profile/03387513227843491545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51505729154582553752012-07-08T14:46:51.576+05:302012-07-08T14:46:51.576+05:30जीवन के हाशिये पे बैठ
सच-झूठ के फैले रंगों में
ख...जीवन के हाशिये पे बैठ <br />सच-झूठ के फैले रंगों में <br />खोजता हूँ कुछ सहज रंग<br />जिनमे न हो <br />सच की भ्रमित सी कर देने वाली ख़ामोशी<br />न हो झूठ का दिल को रोंदता चित्कार <br /><br />बस सहजता <br />झूठ और सच साथ-साथ <br />झूठ, मानो शरारत को उकसा बचपन <br />सच, जैसे हर परिस्थिति में उसका संग <br /><br />न हार में निराशा <br />न जीत में घमंड <br />बस एक सहज भाव <br />मानो दो ओर से बंधी<br />समर्पण को जाती <br />नदी का बहाव ..<br /> ( एक पुरानी कविता का अंश )CHANDERhttps://www.blogger.com/profile/03387513227843491545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11000317379875176222012-07-08T14:07:27.811+05:302012-07-08T14:07:27.811+05:30जीना सरल है,
प्यार करना सरल है,
हारना सरल है,
जीतन...जीना सरल है,<br />प्यार करना सरल है,<br />हारना सरल है,<br />जीतना भी सरल है,<br />--- तो कठिन क्या है?<br />“सरल” होना कठिन है।<br />..aaj ke haalaton mein sach saral bene rahna bahut hi kathin hai..<br />bahut sundar prastutiकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-50240208496795356452012-07-08T13:30:49.528+05:302012-07-08T13:30:49.528+05:30बहुत सरल और सहज शब्दों में बहुत बड़ी बात कह दी है |...बहुत सरल और सहज शब्दों में बहुत बड़ी बात कह दी है |आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-65085629094955754022012-07-08T12:17:47.946+05:302012-07-08T12:17:47.946+05:30बहुत ही अच्छी बात कही है आपने...
बहुत बढ़िया,,,
सर...बहुत ही अच्छी बात कही है आपने...<br />बहुत बढ़िया,,,<br />सरल होना कठिन है...<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57164979685420722432012-07-08T09:50:35.145+05:302012-07-08T09:50:35.145+05:30जीना सरल है,
प्यार करना सरल है,
हारना सरल है,
जीतन...जीना सरल है,<br />प्यार करना सरल है,<br />हारना सरल है,<br />जीतना भी सरल है,<br />--- तो कठिन क्या है?<br />“सरल” होना कठिन है।<br /><br />अत्यंत आत्मीय संस्मरण.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-79345357054055287682012-07-08T08:26:38.274+05:302012-07-08T08:26:38.274+05:30काश घडी में एक काँटा फुर्सत का भी होता....
पढ़ के ल...काश घडी में एक काँटा फुर्सत का भी होता....<br />पढ़ के लगा सबकी जिन्दगी मेरी ही तरह होती है.... हा हा हा.....!!<br />बहुत सुन्दर..!Dipanshu Ranjanhttps://www.blogger.com/profile/15185830505151210285noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32756371415408451572012-07-08T08:01:02.613+05:302012-07-08T08:01:02.613+05:30बिना उलझन के बदरंग होने लगती है कई बार जिंदगी.बिना उलझन के बदरंग होने लगती है कई बार जिंदगी.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-1434825578597867912012-07-08T07:45:05.123+05:302012-07-08T07:45:05.123+05:30अब लाजो जी कहाँ हैं? अब भी देर नहीं हुयी है -सुबह ...अब लाजो जी कहाँ हैं? अब भी देर नहीं हुयी है -सुबह जब हो जाय तभी सवेरा <br />बाकी जब दिल पर दिमाग की खुर्चाली शुरू हो जाती है तो वह व्यक्ति अनूप हो जाता है <br />अच्छा रहा आप अनूप होने से बच गए नहीं तो यह संस्मरण यहाँ न दिखता..<br />आपके संस्मरण इस अर्थ में संक्रामक होते हैं कि वे पाठकों को उनकी याद करा देते हैं ...<br />एक सहज निश्छल पोस्ट!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-76670715877966419522012-07-08T06:47:14.037+05:302012-07-08T06:47:14.037+05:30कथा प्रभावित कर गई, मुकुनी रोटी स्वाद |
जिभ्या आनं...कथा प्रभावित कर गई, मुकुनी रोटी स्वाद |<br />जिभ्या आनंदित हुई, पाया सरल प्रसाद |<br />पाया सरल प्रसाद, पेट भी भरा-भरा सा |<br />दिल को भाया साथ, खुला पट किन्तु जरा सा |<br />जीवन जद्दो-जहद, दिमागी खुराफात ने |<br />दिया अडंगा डाल, सरल सी मुलाक़ात में ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11673944590951458092012-07-08T01:06:32.057+05:302012-07-08T01:06:32.057+05:30एक पुराना पन्ना खोला बड़े आहिस्ते से ......कुछ-कुछ ...एक पुराना पन्ना खोला बड़े आहिस्ते से ......कुछ-कुछ चूंगा डाला धीरे-धीरे.... लिट्टी-चोखा की दावत उड़ा गये फ़टाफ़ट। और आख़िर में कह गये एक पते की बात। भई वाह वाह! क्या बात! क्या बात!बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-74134666150710063362012-07-07T23:07:34.595+05:302012-07-07T23:07:34.595+05:30आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल रविवार को...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल रविवार को 08 -07-2012 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/" rel="nofollow"> .... आज हलचल में .... आपातकालीन हलचल .</a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-18174634564947498482012-07-07T22:38:02.423+05:302012-07-07T22:38:02.423+05:30कितना सही कहा आपने ...हम खुद ही अपनी उलझन बढ़ाते ह...कितना सही कहा आपने ...हम खुद ही अपनी उलझन बढ़ाते है और उसमे उलझ कर निकलने का रास्ता खोजते है क्यों नहीं सादा जीवन जीते दिखावे से दूरReena Panthttps://www.blogger.com/profile/00567958984543097787noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-26699525440404018162012-07-07T22:26:42.238+05:302012-07-07T22:26:42.238+05:30आपने यह लेख जितनी सरलता से लिखा है मनोजजी.. वह भी ...आपने यह लेख जितनी सरलता से लिखा है मनोजजी.. वह भी कठिन है.. अनौपचारिक नोट पर, कहे बिना रहा नहीं जा रहा है कि सत्तू परांठा और बैंगन का चोखा मेरा भी फेवरिट है:)दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-4323930447206561762012-07-07T21:13:08.823+05:302012-07-07T21:13:08.823+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल रवि...बहुत अच्छी प्रस्तुति!<br />इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (08-07-2012) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी होगी!<br />सूचनार्थ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80796173087825826662012-07-07T20:30:31.249+05:302012-07-07T20:30:31.249+05:30जीवन सुंदर और सरल है,हम लेते उलझाय,
जटिल बनाकर स्व...जीवन सुंदर और सरल है,हम लेते उलझाय,<br />जटिल बनाकर स्वम ही, फिर पीछे पछताय,,,,<br />बधाई,,,,मनोज जी,,,,,<br /><br />RECENT POST<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/07/blog-post_05.html" rel="nofollow">...: दोहे,,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.com