tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post9217110347041366500..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: भारत और सहिष्णुता-अंक-18मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-16833116065150065772011-09-07T20:24:43.324+05:302011-09-07T20:24:43.324+05:30इतिहास के दुर्लभ तथ्यों के प्रकाशन के लिए साधुवाद!...इतिहास के दुर्लभ तथ्यों के प्रकाशन के लिए साधुवाद! <br />सिकंदर था तो यूनान का पर उसका शासन था अलेक्जेंड्रिया में . भारत आक्रमण के समय वह वहीं था. भारत से वापस जाते समय वह अपने साथ भारतीय वैद्यों और सपेरों को भी ले गया. अलेक्जेंड्रिया पहुँच कर उसने वहाँ की स्थानीय चिकित्सा पद्यति को समृद्ध करने के उद्देश्य से अपने साथ ले जाए गए वैद्यों से आयुर्वेद के संहिता ग्रंथों का स्थानीय भाषा में अनुवाद कराया.इसी परिवर्धित चिकित्सा पद्यति को यूनानी चिकित्सा पद्यति के नाम से जाना जाता है. यूनानी पद्यति पर आयुर्वेद का बहुत प्रभाव है. आयुर्वेद ने तो वहाँ की केवल कुछ जडी-बूटियों का ही समावेश अपने में किया है. जबकि यूनानी ने आयुर्वेद के मौलिक सिद्धांत से लेकर शल्यचिकित्सा तक को अपनाया है. यूरोप (जर्मनी) में जब यूनानी चिकित्सा का प्रचार-प्रसार हुआ तो एक नयी चिकित्सा पद्यति का जन्म हुआ जिसे होम्योपैथी के नाम से जाना गया. भारत में होम्योपैथी बहुत बाद में आयी. सिकंदर के समय तो इसका जन्म भी नहीं हुआ था. <br />सुधी पाठक कृपया अधिक जानकारी के लिए चौखम्बा प्रकाशन की काश्यप संहिता के उपोद्धात का अवलोकन कर सकते हैं.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-16241301365080282292011-09-07T08:50:37.693+05:302011-09-07T08:50:37.693+05:30इतिहास की रोचक गाथा डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया सा ही आन...इतिहास की रोचक गाथा डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया सा ही आनंद दे रही है ...<br />उपयोगी श्रृंखला !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-59889942229199826492011-09-07T04:41:56.813+05:302011-09-07T04:41:56.813+05:30बहुत जानकारीपूर्ण पोस्ट रही...आभार.बहुत जानकारीपूर्ण पोस्ट रही...आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-55270295126609878142011-09-06T23:00:08.610+05:302011-09-06T23:00:08.610+05:30इतिहास की जानकारी प्रदान करने के लिए आभार!इतिहास की जानकारी प्रदान करने के लिए आभार!vidhyahttps://www.blogger.com/profile/04419215415611575274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24326397315859938762011-09-06T21:35:33.959+05:302011-09-06T21:35:33.959+05:30अतीत में जड़ें तलाशने कोशिश जरूरी है. सुंदर जानकार...अतीत में जड़ें तलाशने कोशिश जरूरी है. सुंदर जानकारी. अगली कड़ी और भी ज्ञानवर्धक रहेगी ऐसा लगता है. इन्तेज़ार रहेगा.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-19720078180935929412011-09-06T20:20:56.596+05:302011-09-06T20:20:56.596+05:30इंतज़ार रहेगा अगली कड़ी काइंतज़ार रहेगा अगली कड़ी काwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-40774523058644258172011-09-06T20:04:06.665+05:302011-09-06T20:04:06.665+05:30इतिहास की जानकारी प्रदान करने के लिए आभार!इतिहास की जानकारी प्रदान करने के लिए आभार!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com