tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post943855692446686158..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: बच्चन जी के जन्मदिन परमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24543848647762420102011-11-28T21:41:08.997+05:302011-11-28T21:41:08.997+05:30मिटटी का तन मस्ती का मन
क्षण भर जीवन मेरा परिचय.....मिटटी का तन मस्ती का मन <br />क्षण भर जीवन मेरा परिचय....<br /><br />कवि श्रेष्ठ को सादर नमन...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-85843073744918415392011-11-28T20:29:46.999+05:302011-11-28T20:29:46.999+05:30आज भी याद है साठ के दशक में,श्रद्धेय,बच्चन जी की इ...आज भी याद है साठ के दशक में,श्रद्धेय,बच्चन जी की इस कलजई<br />रचना ने जन्मानस को जीवन की मधुशाला से सरोबार कर दिया था,<br />आज भी सिलसिला जरी है.मेरी ओर से भी,भावभीनी श्रद्धांजलि.मन के - मनकेhttps://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-44386395349715682832011-11-28T20:16:30.655+05:302011-11-28T20:16:30.655+05:30श्रद्धा की मधुशाला के रचनाकार को मेरा सादर नमन ।श्रद्धा की मधुशाला के रचनाकार को मेरा सादर नमन ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-40525943962498339242011-11-28T13:06:07.124+05:302011-11-28T13:06:07.124+05:30@ चला बिहारी & राधारमण जी,
हाँ, चचा जी ठीके कह...@ चला बिहारी & राधारमण जी,<br />हाँ, चचा जी ठीके कह रहे हैं। मैं ने कोई साल-दो साल पहले आचर्यजी के आदेश से उनकी ’श्रद्धा की मधुशाला’अमीताभ बच्च्नजी के ब्लाग पर पोस्ट किया था। किन्तु न तो वे कभी प्रकाशित हुई न ही कोई प्रतिक्रिया।<br /><br />आदरणीय आचार्यजी,<br /><br />फिर से मधुशाला का मधुरस पान करवाने के लिये शुक्रिया।करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-68773447398730370932011-11-27T23:30:57.977+05:302011-11-27T23:30:57.977+05:30राधारमण जी!
उसका कोई लाभ नहीं.. उन्हीं के कारण मैं...राधारमण जी!<br />उसका कोई लाभ नहीं.. उन्हीं के कारण मैं ब्लॉग-जगत में हूँ...चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-83162278911072810572011-11-27T23:19:27.318+05:302011-11-27T23:19:27.318+05:30इसे बिग-बी के ब्लॉग पर पोस्ट किया जाए।इसे बिग-बी के ब्लॉग पर पोस्ट किया जाए।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49728814587036734752011-11-27T23:03:36.692+05:302011-11-27T23:03:36.692+05:30इस जगती पर परिवर्तन के
आएँ झंझावात भले,
अम...इस जगती पर परिवर्तन के<br />आएँ झंझावात भले,<br />अमर रहेंगे साकी बच्चन,<br />अमर रहेगी मधुशाला <br /><br />आनंद आ गया जितना पढो उतना कम है ..... ....<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-14024522666649285942011-11-27T21:39:11.701+05:302011-11-27T21:39:11.701+05:30आपका ये फॉर्म पहले देखने को नहीं मिला था...बच्चन ज...आपका ये फॉर्म पहले देखने को नहीं मिला था...बच्चन जी की यादों को जीवंत कर दिया...सहज-सरल भाषा में अपनी बात कहने में उनका कोई सानी नहीं था...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57238016149363769452011-11-27T21:04:57.997+05:302011-11-27T21:04:57.997+05:30हरिवंषराय बच्चन जी को नमन..श्रद्धा की मधुशाला लाजब...हरिवंषराय बच्चन जी को नमन..श्रद्धा की मधुशाला लाजबाब...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-92138186879733714602011-11-27T20:15:32.698+05:302011-11-27T20:15:32.698+05:30हरिवंषराय बच्चन को प्रणाम!हरिवंषराय बच्चन को प्रणाम!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-64293679198861400492011-11-27T19:32:58.739+05:302011-11-27T19:32:58.739+05:30बच्चन मेरे पसंदीदा कवि हैं आज उनकी याद में यह पोस्...बच्चन मेरे पसंदीदा कवि हैं आज उनकी याद में यह पोस्ट स्मरणीय रही.और श्रद्धा की मधुशाला लाजबाब.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24095133497412363472011-11-27T18:09:51.472+05:302011-11-27T18:09:51.472+05:30बच्चन जी की मधुशाला तो हम टी-टोटलर को मदहोश कर देत...बच्चन जी की मधुशाला तो हम टी-टोटलर को मदहोश कर देती है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51408576781262959942011-11-27T16:54:32.600+05:302011-11-27T16:54:32.600+05:30बच्चन जी को कभी भी बुला पाना मुश्किल है ! उनकी रचन...बच्चन जी को कभी भी बुला पाना मुश्किल है ! उनकी रचनाएँ पढ़ कर एक जोश सा आ जाता है !<br />अच्छी रही श्रद्धा की मधुशाला !!कुमार संतोषhttps://www.blogger.com/profile/15801341922407900125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-31924093530471715122011-11-27T15:07:59.926+05:302011-11-27T15:07:59.926+05:30श्रद्धा की मधुशाला... बहुत सुन्दर!श्रद्धा की मधुशाला... बहुत सुन्दर!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-106005521706176122011-11-27T14:27:34.515+05:302011-11-27T14:27:34.515+05:30आचार्य परशुराम राय जी ,
हरिवंश राय बच्चन से परि...आचार्य परशुराम राय जी , <br /><br />हरिवंश राय बच्चन से परिचय तो था ही ...और उनकी मधुशाला से भी ..मेरी प्रिय पुस्तक है ..<br />पर जो आपने श्रद्धा मधुशाला लिखी है वो अत्यंत मन को मोहने वाली है .. इतनी सुन्दर प्रस्तुति मैंने कहीं नहीं देखी ..बहुत सुन्दर .. जिसे बार बार पढने का मन होगा .. आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-6905998454799752722011-11-27T10:35:53.630+05:302011-11-27T10:35:53.630+05:30आचार्य जी,
बच्चन जी का संक्षिप्त परिचय और उनकी रचन...आचार्य जी,<br />बच्चन जी का संक्षिप्त परिचय और उनकी रचनाओं का परिचय अत्यंत सुखद अनुभव रहा.. बच्चन जी की काव्य रचनाओं के अतिरिक्त उनके द्वारा शेक्स्पियेर के नाटकों हैमलेट, ऑथेलो और मैकबेथ का गद्य-पद्यानुवाद अब तक के किसी भी अनुवाद में अद्वितीय है... पढते हुए ऐसा लगता है मानो शेक्स्पियेर ने यह नाटक हिन्दी में लिखे हैं..<br />मधुशाला एक कालजयी रचना है... और हर व्यक्ति ने जीवन के हर मोड़ पर इसे अपने साथ पाया है... और अभिव्यक्त किया है.. जैसे अंत में आपकी रचना एक महान रचनाकार को एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है!!!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-68642142277098402712011-11-27T10:20:32.414+05:302011-11-27T10:20:32.414+05:30प्रभावी रचना, उपयुक्त श्रद्धांजलि.प्रभावी रचना, उपयुक्त श्रद्धांजलि.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-4827447799955354982011-11-27T09:50:20.911+05:302011-11-27T09:50:20.911+05:30होगे तुम बस पीने वाले
आपकी यह श्रद्धा की मधुशाला ...होगे तुम बस पीने वाले<br /><br />आपकी यह श्रद्धा की मधुशाला भी बहुत ज़बरदस्त हैwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-87338518382453796292011-11-27T09:48:47.131+05:302011-11-27T09:48:47.131+05:30इस महान सम्वेदना के धनी कवि की स्मृति को नमनइस महान सम्वेदना के धनी कवि की स्मृति को नमनArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-47726182307808857152011-11-27T09:11:19.934+05:302011-11-27T09:11:19.934+05:30मेरा पसंदीदा रचनाकार ! आत्मकथा पढ़ने की शुरुआत उन्...मेरा पसंदीदा रचनाकार ! आत्मकथा पढ़ने की शुरुआत उन्हीं से की थी,बहुत ही आकर्षक लेखन था उनका,वैसी ही उनकी मधुशाला !<br /><br />उन्हें नमन !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-40925883021485648582011-11-27T08:58:31.529+05:302011-11-27T08:58:31.529+05:30मधुशाला के सृजनकर्ता को नमन।मधुशाला के सृजनकर्ता को नमन।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72213860087529473312011-11-27T08:37:17.467+05:302011-11-27T08:37:17.467+05:30अंजलि में लेकर बैठा हूँ
श्रद्धा की यह मधुशाला ......अंजलि में लेकर बैठा हूँ<br />श्रद्धा की यह मधुशाला ....<br />bachchan ji ko yaaad karti sundar rachna..रजनीश तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/10545458923376138675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-86166950802659715322011-11-27T07:57:01.319+05:302011-11-27T07:57:01.319+05:30सहजता और संवेदनशीलता हरिवंश राय बच्चन जी की कविता ...सहजता और संवेदनशीलता हरिवंश राय बच्चन जी की कविता का एक विशेष गुण है। यह सहजता और सरल संवेदना कवि की अनुभूतिमूलक सत्यता के कारण उपलब्ध हो सकी । बच्चन जी ने बडे साहस, धैर्य और सच्चाई के साथ सीधी-सादी भाषा और शैली में सहज कल्पनाशीलता और जीवन्त बिम्बों से सजाकर सँवारकर अनूठे गीत हिन्दी को दिए 1 “आज उनका जन्म दिन है एवं उनको याद करने के बहाने ही सही एक उनकी एक कविता “दिन जल्दी –जन्दी ढलता है” ,प्रस्तुत कर रहा हूँ ।<br /><br />दिन जल्दी-जल्दी ढलता है - हरिवंशराय बच्चन<br />हो जाय न पथ में रात कहीं,<br />मंज़िल भी तो है दूर नहीं -<br />यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!<br />दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!<br />बच्चे प्रत्याशा में होंगे,<br />नीड़ों से झाँक रहे होंगे -<br />यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!<br />दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!<br />मुझसे मिलने को कौन विकल?<br />मैं होऊँ किसके हित चंचल? -<br />यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!<br />दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!<br />मेरे पोस्ट पर आपकी उपस्थिति मेरे लिए प्रेरणा स्रोत होगी । बच्चन जी पर मेरा पोस्ट है । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com