tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post153479260227075368..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: श्रद्धा की मधुशालामनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-89128447514631427192010-01-23T23:37:54.606+05:302010-01-23T23:37:54.606+05:30नमस्कार राय साहब,
यह ब्लाग (मनोज) तो आप ही के ज...नमस्कार राय साहब,<br /><br />यह ब्लाग (मनोज) तो आप ही के ज़रिये आज पढ़ने को मिल रहा है. सच कहूँ तो आपकी इस रचना का बड़ा इंतज़ार था. शायद शुरू के दो-तीन लोगों में मैं रहा हूँगा जिसे यह रचना आपने लिखते ही सुनाई थी. आज जैसे ही रचना देखी लगा आप सामने सोफे पर आमने-सामने बैठे रचना सुना रहे हों. सारी स्मृतियॉं एक चलचित्र बनकर ऑंखों के आगे चल रही हैं. संभवत: रचना सुनाने का समय भी इतनी ही रात्रि का रहा होगा. मुझे याद है यह रचना आपने रेल यात्रा करते समय लिखी थी. वह भी शायद बच्चन जी की पुण्यतिथि पर. मेरे अब तक की साहित्यिक गतिविधियों के दौरान शायद ही इतनी सटीक रचना बच्चन जी की मधुशाला या उनके जीवन के फलसफे पर किसी ने लिखी होगी. यह कहूँगा कि हम सब मिलकर जैसी श्रद्धांजलि बच्चन जी को देना चाहते थे वह आपने इसे लिखकर दे दी है. हम सब इस खास रचना के लिए आभारी हैं. मैं इस ब्लाग के माध्यम से लिखना चाहूँगा कि भले ही कम रचनाएं आपने लिखीं होंगी पर उन रचनाओं का शिल्प, कथ्य और गांभीर्य पाठक में एक पात्रता की मॉंग करता हैं. रचनाएं पढ़कर पाठक को लगता है कि मेरा भी क्लास ऊँचा हो गया है. बहुत तीव्र अनुभूतियॉं आपके काव्य में मैंने महसूस की हैं, बल्िक कहूँगा कि आधुनिक काव्य में शास्त्रीय ढंग से बिम्बों का प्रयोग बहुत कम ही कवि इतने ढंग से कर पाते हैं. मुझे याद है आप कविता समझने का तरीका भी बताया करते थे. यह कोरी प्रशंसा नहीं अपितु दशाधि वर्षों से भी अधिक समय से आप से जुड़े रहने और कई घण्टों व दिनों की चर्चाओं के बाद यह कह रहा हूँ. मुनासिब बात कहना और मुनासिब व्यवहार करना यह आपका स्वभाव है जो आपकी रचनाएं बोलती हैं. जब कविता बोलने लग जाए तो समझने के लिए कुछ अधिक शेष नहीं रह जाता. रह जाता है तो बस उसे अपनाना.<br /><br /><br />आपकी और भी रचनाओं, खासकर अन्यान्य विषयों पर लेखों की प्रतीक्षा है. आशा है आप अपने विचारों से हमें लाभान्वित करते रहेंगे. मनोज कुमार जी को भी बधाई कि बहुत सराहनीय कार्य यह ब्लाग आरंभ कर उन्होंने किया है. यह उनका ब्लाग नहीं बल्िक हम सबका ई-चबूतरा है जिस पर हमसब साथ नहीं बैठते बल्कि हमारे लिखे विचार बैठ बतियाते हैं.<br /><br /><br />होमनिधि शर्माHOMNIDHI SHARMAhttps://www.blogger.com/profile/14851071856706443401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-29893545733450130672010-01-19T18:01:45.755+05:302010-01-19T18:01:45.755+05:30क्रूर काल साकी कितना हूँ
भर दे विस्मृति का हाला
खा...क्रूर काल साकी कितना हूँ<br />भर दे विस्मृति का हाला<br />खाली कर न सकेगा फिर भी<br />लोगों की स्मृति का प्याला<br />इस जगती पर परिवर्तन के<br />आएँ झंझावात भले<br />अमर रहेंगे साकी बच्चन<br />अमर रहेगी मधुशाला <br />बहुत सुन्दर रचना ! हर एक पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी !रीताhttps://www.blogger.com/profile/17969671221868500198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11266274108461953462010-01-19T17:55:35.972+05:302010-01-19T17:55:35.972+05:30वहाँ मिलेंगे साकी तुमको
स्वर्ण कलश में ले हाला
इच्...वहाँ मिलेंगे साकी तुमको<br />स्वर्ण कलश में ले हाला<br />इच्छा की ज्वाला उठते ही<br />छलकेगा स्वर्णिम प्याला<br />करें वहॉ स्वागत बालाएँ<br />होठों का चुम्बन देकर<br />होगे तुम बस पीने वाले<br />स्वर्ग बनेगा मधुशाला <br />Bahut hi sundar likhi hai....bahut bahut sundar !आशीष कुमारhttps://www.blogger.com/profile/17498213426349309611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-31287424208406056682010-01-19T17:54:38.649+05:302010-01-19T17:54:38.649+05:30mdhushaala ko main kayi baar padh chuka hun aur su...mdhushaala ko main kayi baar padh chuka hun aur sun chuka hun... bachchan sahab mere sabse priya kaviyon mein agrani hai aur meri prerna bhi... unko meri or se sahriday shradhanjli...<br /><br />manoj ji bahut bahut dhanyavaad aapka...<br /><br />kabhi samay nikaal kar apna bahumulya samay mere blog ko v dene ka kast karein... main kritarth rahunga aapka...Crazy Codeshttps://www.blogger.com/profile/13403617601253452747noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-42152439749936455982010-01-19T17:53:15.316+05:302010-01-19T17:53:15.316+05:30छूट गए सब जग के साकी
छूट गई जग की हाला
छूट गए हैं ...छूट गए सब जग के साकी<br />छूट गई जग की हाला<br />छूट गए हैं पीने वाले<br />छूट गया जग का प्याला<br />बचा न कुछ भी, सब कुछ छूटा<br />जग की मधुबाला छूटी<br />छोड़ गए तुम अपनी यादें<br />प्यारी सी यह मधुशाला<br />डा. हरिबंश राय बच्चन को कोटि-कोटि नमन।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-30869478774731757242010-01-19T17:48:12.266+05:302010-01-19T17:48:12.266+05:30श्री बच्चन जी के लिए आपके ये श्रद्धा के सुमन अच्छे...श्री बच्चन जी के लिए आपके ये श्रद्धा के सुमन अच्छे लगे। सुन्दर प्रस्तुति...!!हर्षिताhttps://www.blogger.com/profile/04799029469213410208noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-78090311419036452742010-01-19T16:50:01.892+05:302010-01-19T16:50:01.892+05:30Behad achhee rachna hai..sach, Harivanshrai Bachha...Behad achhee rachna hai..sach, Harivanshrai Bachhan ji ajaraamar hain...!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-54235503130243496792010-01-19T16:43:01.388+05:302010-01-19T16:43:01.388+05:30पर बढती तासीर सुरा की समय साथ के बढ़ने से .......
...पर बढती तासीर सुरा की समय साथ के बढ़ने से .......<br />अभी रहेगी युगों-युगों तक चिर-यौवना मधुशाला...... !!!<br /><br />मधुशाला के प्रथम प्रतिष्ठाता को हाला भर कर श्रद्धा की अंजलि <br />और 'अभिनव बच्चन को प्याला भर कर शुक्रिया....................!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11825427334645547322010-01-19T16:04:26.160+05:302010-01-19T16:04:26.160+05:30अंजलि का प्याला लाया हूँ श्रद्धा की भरकर हाला भारी...अंजलि का प्याला लाया हूँ श्रद्धा की भरकर हाला भारी मन है मुझ साकी का ऑखों में ऑसू हाला मदपायी का मतवालापन ठहर गया क्यूँ पाता नहीं! अंजलि में लेकर बैठा हूँ, श्रद्धा की यह मधुशाला ।। 10 ।।<br />बहुत अच्छी लगी राय जी की यह रचना । शुभकामनाएंप्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-77589378324909129412010-01-19T16:02:32.240+05:302010-01-19T16:02:32.240+05:30श्री बच्चन जी के लिए आपके ये श्रद्धा सुमन ...अच्छे...श्री बच्चन जी के लिए आपके ये श्रद्धा सुमन ...अच्छे लगे...<br />सुन्दर प्रस्तुति...!!शमीमhttps://www.blogger.com/profile/17758927124434136941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57160303553771445952010-01-19T16:00:02.203+05:302010-01-19T16:00:02.203+05:30बहुत अच्छी लगी राय जी की यह रचना । शुभकामनाएंबहुत अच्छी लगी राय जी की यह रचना । शुभकामनाएंचंदन कुमारhttps://www.blogger.com/profile/14430392381129493546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-89456634375771227932010-01-19T15:58:41.817+05:302010-01-19T15:58:41.817+05:30भारी मन है मुझ साकी का
ऑखों में ऑसू हाला
मदपायी का...भारी मन है मुझ साकी का<br />ऑखों में ऑसू हाला<br />मदपायी का मतवालापन<br />ठहर गया क्यूँ पाता नहीं!<br />अंजलि में लेकर बैठा हूँ,<br />श्रद्धा की यह मधुशाला ।। <br />Achi prastuti...Rachna Karnahttps://www.blogger.com/profile/01778833565266862817noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-5752565086323568982010-01-19T13:32:20.812+05:302010-01-19T13:32:20.812+05:30शुक्रिया
"खाली कर न सकेगा फिर भी
लोगों की स्...शुक्रिया<br /><br />"खाली कर न सकेगा फिर भी<br />लोगों की स्मृति का प्याला"<br /><br />वाकई में ’मधुशाला’ एक सुन्दर रचना हैं, श्री हरिवंश राय बच्चन साहब की.dipayanhttps://www.blogger.com/profile/07385176375960362837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-59412419915443511722010-01-19T13:20:35.917+05:302010-01-19T13:20:35.917+05:30हरिवंश राय बच्चन जी को दी गयी श्रधांजलि बहुत अच्छी...हरिवंश राय बच्चन जी को दी गयी श्रधांजलि बहुत अच्छी लगी ! श्रद्धा की मधुशाला पढवाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद! बहुत सुन्दर रचना ! हर एक पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-63116004024360807062010-01-19T11:17:06.214+05:302010-01-19T11:17:06.214+05:30मधुशाला के रचयिता को नमन ,और आपका आभार इस प्रस्तुत...मधुशाला के रचयिता को नमन ,और आपका आभार इस प्रस्तुति के लियेअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-88597051837333734012010-01-19T08:59:29.836+05:302010-01-19T08:59:29.836+05:30bahut sunder tareeka shruddhanjalee dene ka !sunde...bahut sunder tareeka shruddhanjalee dene ka !sunder bhav ke sath utanee hee sunder aapkee abhivyaktee!Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-45563817847206585722010-01-19T08:44:42.113+05:302010-01-19T08:44:42.113+05:30बहुत सुंदर रचना के साथ बच्चन जी को दी गई यह श्रद्ध...बहुत सुंदर रचना के साथ बच्चन जी को दी गई यह श्रद्धांजलि अद्बितीय है। डा. हरिबंश राय बच्चन को कोटि-कोटि नमन।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80193949622116546482010-01-19T00:19:51.602+05:302010-01-19T00:19:51.602+05:30Isse sundar aur shraddhnajali aur kya ho sakti hai...Isse sundar aur shraddhnajali aur kya ho sakti hai bhala....Waah !!!<br /><br />Bahut hi sundar likhi hai....bahut bahut sundar !!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-39125849077063795162010-01-19T00:18:30.203+05:302010-01-19T00:18:30.203+05:30श्री बच्चन जी के लिए आपके ये श्रद्धा सुमन ...अच्छे...श्री बच्चन जी के लिए आपके ये श्रद्धा सुमन ...अच्छे लगे...<br />सुन्दर प्रस्तुति...!!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-12482080717462201582010-01-18T23:32:50.504+05:302010-01-18T23:32:50.504+05:30बहुत सुंदर लगी श्रद्धा की मधुशाला ....बहुत सुंदर लगी श्रद्धा की मधुशाला ....राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-23789895494654589422010-01-18T21:49:05.993+05:302010-01-18T21:49:05.993+05:30-- परशुराम राय जी डा. हरिबंश राय बच्चन की पुण्य ति...-- परशुराम राय जी डा. हरिबंश राय बच्चन की पुण्य तिथि पर आपकी तरफ़ से यह श्रद्धा की मधुशाला !! काफ़ी सटीक और सच्ची श्रद्धांजलि है। डा. हरिबंश राय बच्चन को कोटि-कोटि नमन।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-14818682319311861312010-01-18T21:16:01.133+05:302010-01-18T21:16:01.133+05:30छूट गए सब जग के साकी
छूट गई जग की हाला
छूट गए है...छूट गए सब जग के साकी<br /><br />छूट गई जग की हाला<br /><br />छूट गए हैं पीने वाले<br /><br />छूट गया जग का प्याला<br /><br />बचा न कुछ भी, सब कुछ छूटा<br /><br />जग की मधुबाला छूटी<br /><br />छोड़ गए तुम अपनी यादें<br /><br />प्यारी सी यह मधुशाला ...........<br />vaah,adbhut .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-39489204512885280172010-01-18T21:15:36.918+05:302010-01-18T21:15:36.918+05:30"मधुशाला" पढ़वाने के लिए आभार."मधुशाला" पढ़वाने के लिए आभार.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-40579441540592088252010-01-18T21:06:52.947+05:302010-01-18T21:06:52.947+05:30श्रद्धा की मधुशाला अच्छी लगी , आभार !!श्रद्धा की मधुशाला अच्छी लगी , आभार !!Kusum Thakurhttps://www.blogger.com/profile/02345756853367472461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-54302005729285894352010-01-18T20:46:27.545+05:302010-01-18T20:46:27.545+05:30बहुत अच्छी लगी राय जी की यह रचना । शुभकामनाएंबहुत अच्छी लगी राय जी की यह रचना । शुभकामनाएंज़मीरhttps://www.blogger.com/profile/03363292131305831723noreply@blogger.com