tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post2977917658873625784..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: आँच-28 :: पर 'मेरा आकाश'मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72290594091694992222010-07-31T14:04:03.134+05:302010-07-31T14:04:03.134+05:30@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी,
आपको समीक्षा पसन्द आई। धन...@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी,<br />आपको समीक्षा पसन्द आई। धन्यवाद।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-53301925483343766692010-07-31T14:03:13.105+05:302010-07-31T14:03:13.105+05:30@ करण जी,
आपकी प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक रहती है। आभ...@ करण जी,<br />आपकी प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक रहती है। आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-84954191019795825042010-07-31T14:02:35.430+05:302010-07-31T14:02:35.430+05:30@ जुगल किशोर जी,
@ प्रेम सरोवर जी,
@ रीता जी,
...@ जुगल किशोर जी,<br />@ प्रेम सरोवर जी,<br />@ रीता जी,<br />@ वाणी गीत जी,<br />आपको समीक्षा पसन्द आई। धन्यवाद।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-22356891449605995922010-07-31T13:59:51.707+05:302010-07-31T13:59:51.707+05:30@ हास्यफुहार जी,
आपको समीक्षा पसन्द आई। धन्यवाद।@ हास्यफुहार जी,<br />आपको समीक्षा पसन्द आई। धन्यवाद।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-2005607870564575952010-07-31T13:57:51.732+05:302010-07-31T13:57:51.732+05:30@ राजभाषा हिंदी
आपकी प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक है।...@ राजभाषा हिंदी <br />आपकी प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक है। आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-711300005195674782010-07-31T13:54:56.967+05:302010-07-31T13:54:56.967+05:30@ मनोज जी,
आपके शब्दों के लिए मैं अधिक क्या कहूँ। ...@ मनोज जी,<br />आपके शब्दों के लिए मैं अधिक क्या कहूँ। आप एक अतिसहृदय व्यक्ति हैं जो आपने दर्शाए गए संकेतों को बहुत सरलता और सहजता से स्वीकार किया है। यह आपके हृदय की विशालता है। आपका स्नेह है। उठाए गए विन्दु शिकायत नहीं हैं। यह कोई पूर्ण या श्रेष्ठ समीक्षा भी नहीं है, वरन यह मेरे अपने विचार हैं। मैं अभी भी आप जैसे लोगों से सीख रहा हूँ। रचना पर दृष्टि डालते समय केवल रचना सामने रहती है, रचनाकार कौन है इससे सरोकार नहीं रहता। अपनी सीमाओं के बावजूद प्रयास करता हूँ कि अपना कार्य ईमानदारी, निष्पक्षता व निष्ठा से करूँ, कोई व्यक्तिगत आग्रह न रहे। सफल कितना हूँ यह पाठकगण तय करेंगे।<br />प्रतिक्रिया के लिए आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-79022147493985440972010-07-31T13:54:11.045+05:302010-07-31T13:54:11.045+05:30@ ताऊ रामपुरिया जी,
आपका प्रोत्साहन प्रेरणा देता...@ ताऊ रामपुरिया जी,<br /> <br />आपका प्रोत्साहन प्रेरणा देता है। <br />आपको आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24616805575190788622010-07-31T13:52:49.654+05:302010-07-31T13:52:49.654+05:30@ आदरणीय राय जी,
आपका मार्गदर्शन हमारी प्रेरणा है।...@ आदरणीय राय जी,<br />आपका मार्गदर्शन हमारी प्रेरणा है।<br />आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80807794102576939122010-07-31T13:51:45.057+05:302010-07-31T13:51:45.057+05:30@ अनामिका जी,
चर्चामंच पर सम्मान देने के लिए आपका ...@ अनामिका जी,<br />चर्चामंच पर सम्मान देने के लिए आपका आभारी हूँ।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-41847951183689569502010-07-31T13:51:17.625+05:302010-07-31T13:51:17.625+05:30@ संगीता स्वरूप जी,
@ अर्पित श्रीवास्तव जी,
@ कवित...@ संगीता स्वरूप जी,<br />@ अर्पित श्रीवास्तव जी,<br />@ कविता रावत जी,<br /><br /> <br />आपका प्रोत्साहन हमें प्रेरणा देता है। <br />आपको आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32209044273092312152010-07-30T11:45:48.407+05:302010-07-30T11:45:48.407+05:30मनोज जी, आपका विश्लेषण तार्किक ही नहीं व्यवहारिक भ...मनोज जी, आपका विश्लेषण तार्किक ही नहीं व्यवहारिक भी है।<br />…………..<br /><a href="http://ss.samwaad.com/" rel="nofollow">पाँच मुँह वाला नाग?</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80840395570228226222010-07-30T10:48:59.002+05:302010-07-30T10:48:59.002+05:30बहुत ही अच्छी समीक्षा है यह. बहुत कुछ सीखने को मिल...बहुत ही अच्छी समीक्षा है यह. बहुत कुछ सीखने को मिला. कवि और समीक्षक दोनों को धन्यवाद !करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-82707992515889801612010-07-30T09:00:09.535+05:302010-07-30T09:00:09.535+05:30कविता की परिभाषा और कविता की बहुत ही सार्थक,सटीक व...कविता की परिभाषा और कविता की बहुत ही सार्थक,सटीक व्याख्या ...<br />आभार ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-27957727359607481812010-07-30T08:45:57.555+05:302010-07-30T08:45:57.555+05:30समीक्षा आपके अनुभव पर आधारित है,और इसकी शैली की मध...समीक्षा आपके अनुभव पर आधारित है,और इसकी शैली की मधुरता सरस है इसलिए इसमें अद्भुत ताजगी है।रीताhttps://www.blogger.com/profile/17969671221868500198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-37746586627866140022010-07-30T08:43:35.263+05:302010-07-30T08:43:35.263+05:30इस समीक्षा में आपने कविता को लेकर कोई सपाट बयानी न...इस समीक्षा में आपने कविता को लेकर कोई सपाट बयानी नहीं की है। आपकी समीक्षा की आंच में सिंधी हुई ये समीक्षा हमें आंच की गर्माहट प्रदान करती है ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-50750654300099873012010-07-30T08:40:43.203+05:302010-07-30T08:40:43.203+05:30इस समीक्षा की अलग मुद्रा है, अलग तरह का स्वर। अद्...इस समीक्षा की अलग मुद्रा है, अलग तरह का स्वर। अद्भुत मुग्ध करने वाली, विस्मयकारी।जुगल किशोरhttps://www.blogger.com/profile/13301162594819383710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-36699391717329149312010-07-30T08:04:33.370+05:302010-07-30T08:04:33.370+05:30यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागरूकता भी स्पष्ट है।यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागरूकता भी स्पष्ट है।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-78555515034170131472010-07-30T07:47:43.126+05:302010-07-30T07:47:43.126+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।
राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्र...बहुत अच्छी प्रस्तुति।<br />राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-35582711094458388762010-07-29T21:56:36.744+05:302010-07-29T21:56:36.744+05:30आलोचना या समालोचना का अर्थ है देखना, समग्र रूप में...आलोचना या समालोचना का अर्थ है देखना, समग्र रूप में परखना। किसी कृति की सम्यक व्याख्या या मूल्यांकन को आलोचना कहते हैं। यह कवि और पाठक के गीच की कड़ी है। इसका उद्देश्य है रचना कर्म का प्रत्येक दृष्टिकोण से मूल्यांकन कर उसे पाठक के समक्ष प्रस्तुत करना, पाठक की रूचि परिष्कार करना और उसकी साहित्यिक गतिविधि की समझ को विकसित और निर्धारित करना। <br />इस दृष्टिकोण से आपकी यह समीक्षा एक पूर्ण समीक्षा कही जा सकती है। समीक्षा पाठक के मन को छू लेती है और आपकी विषय पर समझ, सामर्थ्य और कलात्मक शक्ति से परिचय कराती है। इस समीक्षा को पढ़ते हुए ऐसा लगता है कि आप समीक्षा करने के पहले कविता को उसकी विस्तृति में बूझने का यत्न करने वाले समीक्षक हैं। भाषा की सादगी, सफाई, प्रसंगानुकूल शब्दों का खूबसूरत चयन, जिनमें सटीक शब्दो का प्राचुर्य है।<br />समीक्षा महज समीक्षक का बयान भर नहीं है। इस समीक्षा में समीक्षक की भावनाएं सीधे साधे सच्चे शब्दों में बेहद ईमानदारी से अभिव्यक्त की गई है। इसमें कविता में मौजूद कई कमियां ईमानदारी से बताए गए हैं। समीक्षक द्वारा अपनी शिकायत दर्ज कराई गई है।<br />समीक्षा इतनी सटीक है कि इसे बार-बार पढने, पढते रहने, का मन करता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-56963320586334898852010-07-29T20:39:54.281+05:302010-07-29T20:39:54.281+05:30बहुत ही सार्थक और सटीक.
रामराम.बहुत ही सार्थक और सटीक.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-40662704526226632452010-07-29T19:36:26.481+05:302010-07-29T19:36:26.481+05:30Harish ji "Mera Akash" kavita par sarvan...Harish ji "Mera Akash" kavita par sarvangin sundar samiksha adbhut hai.आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-83827766344805116962010-07-29T19:11:13.311+05:302010-07-29T19:11:13.311+05:30Saathak sameeksha.
Manoj ji ko haardik shubhkamnay...Saathak sameeksha.<br />Manoj ji ko haardik shubhkamnayneकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-90929062464832039132010-07-29T18:57:26.225+05:302010-07-29T18:57:26.225+05:30bahut badiya parstutikaranbahut badiya parstutikaranArpit Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/16397259582661788791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-78039269688028940472010-07-29T18:55:30.921+05:302010-07-29T18:55:30.921+05:30बहुत सार्थक समीक्षा......बहुत सार्थक समीक्षा......संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com