tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post3386148595352999348..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: "स्मृति शिखर से... 2 : मैं हूँ मोहम्मद सगीरमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51794782657303468052012-01-11T23:36:14.507+05:302012-01-11T23:36:14.507+05:30अभी पोस्ट नहीं पढ़ी है ..फिर आउंगी पढ़ने :)अभी पोस्ट नहीं पढ़ी है ..फिर आउंगी पढ़ने :)संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-27213997214788589762012-01-11T23:35:43.659+05:302012-01-11T23:35:43.659+05:30आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार ...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12- 01 -20 12 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/2011/12/blog-post_22.html" rel="nofollow"> ...नयी पुरानी हलचल में आज... उठ तोड़ पीड़ा के पहाड़ </a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-3859392232712009452012-01-11T22:44:15.457+05:302012-01-11T22:44:15.457+05:30केशव भाई आपके इस नयी श्रंखला से एक बेफिक्र ग्रामीण...केशव भाई आपके इस नयी श्रंखला से एक बेफिक्र ग्रामीण युवा से परिचय होने के साथ साथ लोक संस्कृति की झलक भी मिल रही है... बहुत सुन्दरअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-53426556413588864332012-01-11T21:17:36.193+05:302012-01-11T21:17:36.193+05:30जहां एक ओर इसमें आपने अंचल विशेष की परंपराओं का जी...जहां एक ओर इसमें आपने अंचल विशेष की परंपराओं का जीवन्त चित्रण किया है, जो हमें उन विशेष क्षणों से रू-ब-रू कराता है, वहीं दूसरी तरफ़ एक खास मानसिकता को भी दर्शाया है जो हमें यह सोचने पर विवश करता है कि क्या हम आधुनिक कहे जाने लायक हैं?मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-75240696216378679032012-01-11T20:22:10.381+05:302012-01-11T20:22:10.381+05:30pratham ank bhi padha tha....ye ank bhi padha...ba...pratham ank bhi padha tha....ye ank bhi padha...bas shuru se ant tak ek hi baat hui jo niyantran se baahar rahi....Honth sukud hi nahi paaye. :-)अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-47941613106354812052012-01-11T19:02:50.602+05:302012-01-11T19:02:50.602+05:30करण जी! प्रसंग में किये गए मजाक के बारे में बाद मे...करण जी! प्रसंग में किये गए मजाक के बारे में बाद में कहेंगे.. लेकिन जो आप स्वागत अऊर मुंह से निकलते ही चूड़ा-दही पेस करने वाला बात लिखे हैं, ऊ सब सुनकर पुराना सादी-बियाह का ज़माना याद आ गया.. आज कल त वर्दी-पेटी में कैटरर सब खिलाता है अऊर ब्यक्तिगत प्रेम का त नामोनिसान नहीं... कौन बराती, कौन सराती.. बराती को खिलाकर खुद खाने का प्रचलन, सब समाप्त!!<br />एक बार हम भी सरदार का रूप धरे थे एन.सी.सी. कैम्प में... आज आपका ई नामकरण सुनकर मजा आया!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-15568812860063847562012-01-11T16:37:48.939+05:302012-01-11T16:37:48.939+05:30:):) बहुत रोचक प्रस्तुति.:):) बहुत रोचक प्रस्तुति.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-7646617471614086352012-01-11T15:10:35.194+05:302012-01-11T15:10:35.194+05:30रोचक संस्मरण, एक नाम से ही खलबली मच गयी।रोचक संस्मरण, एक नाम से ही खलबली मच गयी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70522640884368399232012-01-11T13:00:40.885+05:302012-01-11T13:00:40.885+05:30अनुभव की मजे दार बेहतरीन प्रस्तुति,...
welcome to ...अनुभव की मजे दार बेहतरीन प्रस्तुति,...<br />welcome to new post <a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/blog-post_09.html#links" rel="nofollow">--काव्यान्जलि--यह कदंम का पेड़--</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-28231943605810331752012-01-11T12:11:26.088+05:302012-01-11T12:11:26.088+05:30आगत-अनागत सभी पाठकों को धन्यवाद। यह संस्मरण लिखते ...आगत-अनागत सभी पाठकों को धन्यवाद। यह संस्मरण लिखते समय लग रहा था कि पात्र का नाम बदल दूँ किन्तु फिर मुझे लगा कि संस्मरण में कृत्रिमता की गुंजाइश शायद नहीं होती है। इसीलिये मैं ने कोशिश की है कि वह घटनाक्रम यथावत उद्धृत हो। <br /><br />@ राजेश उत्साही जी,<br />सर, संस्मरण बेशक मेरा है किन्तु मैंने किसी सम्प्रदाय विशेष के प्रति कोई निजी राय जाहिर नहीं किया है। मेरा उद्देश्य पोलिटिकली करेक्ट होना नहीं बल्कि वह प्रस्तुत करना है जो मैंने अपने व्यक्तिगत-पारिवारिक-सामाजिक जीवन में देखा है। आखिर महज एक नाम (तथाकथित संप्रदाय) बदल जाने से क्या आफ़त आ जाती है? यही तो मैं आज तक नहीं समझ पाया और आखिर की पंक्ति में लिखा भी है।<br />पुनश्च, आपके सुझाव के लिये मैं आपका आभार प्रकट करता हूँ। कोशिश करूँगा कि आगामी लेखन में आपकी सलाह का समायोजन भी हो सके। धन्यवाद !करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-27131274486288563782012-01-11T10:03:09.282+05:302012-01-11T10:03:09.282+05:30करण जी का अनुभव तो मजेदार रहा इसमें कोई शक नहीं। प...करण जी का अनुभव तो मजेदार रहा इसमें कोई शक नहीं। पर शायद एक बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस तरह की घटना के वर्णन से आप एक संप्रदाय विशेष के प्रति अपनी राय भी जाहिर कर रहे हैं।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-67293358652101060112012-01-11T09:31:19.270+05:302012-01-11T09:31:19.270+05:30वाह ! मजेदार !!
जोधपुर में हमारे एक मित्र का घरेलु...वाह ! मजेदार !!<br />जोधपुर में हमारे एक मित्र का घरेलु नौकर मुस्लिम था खाना भी वही बनाता था, हमने उसका नाम महेंद्र रख दिया था ताकि कभी कोई पंडावादी तत्व खाना खाने आ जाय तो उसे उसके हाथ का खाना खाने में झिझक ना हो!!Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-34923645025301423182012-01-11T08:36:27.834+05:302012-01-11T08:36:27.834+05:30वाह भाई..............! मोहमद सगीर भाई .........हा ...वाह भाई..............! मोहमद सगीर भाई .........हा हा हा हा हा अभी -अभी सुबह टहल कर आया हूँ और प्रज्ञा पेय पीते हुए लैपटॉप ऑन किया प्रातःकालीन शुभ:संदेश के साथ स्टेटस अपडेट किया ! पहली पोस्ट पदम सिंह जी की देखी और पढ़ कर बहुत अच्छा लगी " मै हूँ मोहम्मद सगीर " <br />अभिव्यक्ति ......... हा हा हा ... गज़ब है भाई गज़ब !! <br /> धन्यवाद !Dr. J. P. Vermahttps://www.blogger.com/profile/15308779334615962847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72478226372120404192012-01-11T08:08:21.673+05:302012-01-11T08:08:21.673+05:30बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति| धन्यवाद|बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति| धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-34200281195676042832012-01-11T07:36:56.440+05:302012-01-11T07:36:56.440+05:30हा हा हा ,... आज सुबह सुबह ब्लॉग पढ़ना सार्थक हो गय...हा हा हा ,... आज सुबह सुबह ब्लॉग पढ़ना सार्थक हो गया ... अकेले बैठ कर हंस रहा हूँ... पत्नी जी उचक कर देख रही हैं इन्हें क्या हो गया !!!... हा हा हा ... गज़ब है भाई गज़ब !!Padm Singhhttps://www.blogger.com/profile/17831931258091822423noreply@blogger.com