tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post3518228713995780550..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: भारतीय काव्यशास्त्र-57मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-52422192432609653192011-03-07T13:10:34.159+05:302011-03-07T13:10:34.159+05:30सभी रसों पर सारगर्भित जानकारी...
बहुत ज्ञानवर्धक ...सभी रसों पर सारगर्भित जानकारी... <br />बहुत ज्ञानवर्धक ...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80685381380592212172011-03-07T11:43:51.003+05:302011-03-07T11:43:51.003+05:30.
अहा !! आनंदवर्षा हो गयी.
गुरुदेव ने दर्शन दिये....<br /><br />अहा !! आनंदवर्षा हो गयी. <br />गुरुदेव ने दर्शन दिये!!<br /><br />.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-22044442901663344152011-03-07T11:29:22.086+05:302011-03-07T11:29:22.086+05:30प्रतुल जी, क्लास समय से लगता है। अपने प्रश्न पर वि...प्रतुल जी, क्लास समय से लगता है। अपने प्रश्न पर विशेष चर्चा अगले अंक में देखें। आभार।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-83990841975029940562011-03-07T11:03:41.674+05:302011-03-07T11:03:41.674+05:30बेहतरीन प्रस्तुति ।बेहतरीन प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-40184212171544107902011-03-07T10:05:57.295+05:302011-03-07T10:05:57.295+05:30.
तनुजा को 'तनुता' पढ़ें .... अभी ध्यान ग....<br /><br />तनुजा को 'तनुता' पढ़ें .... अभी ध्यान गया. <br />क्या पाठशाला में आचार्य जी विलम्ब से आयेंगे? <br /><br />.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-23104515824695214732011-03-06T17:38:42.846+05:302011-03-06T17:38:42.846+05:30.
आचार्य वर, प्रणाम.
शृंगार के अंतर्गत वियोग की ....<br /><br />आचार्य वर, प्रणाम. <br />शृंगार के अंतर्गत वियोग की दस दशाएँ मानी जाती हैं – अभिलाषा, चिंता, स्मरण, गुणकथन, उद्वेग, उन्माद, प्रलाप, व्याधि, जड़ता और मरण. <br />जबकि आप 'मरण' दशा को संचारी भावों में नहीं गिन रहे. <br />क्या 'दशा' रूप में और भाव रूप में अंतर है? जो शब्द 'दशा' रूप में शृंगार परिवार में शामिल है वही भाव रूप में क्यों नहीं है? <br /><br />महाकवि 'देव' का वियोग शृंगार को पुष्ट करने के लिये 'मरण' अवस्था का एक उदाहरण मेरी पंजिका में संग्रहित है : <br />साँसन ही सों समीर गयो अरु <br />आँसुन ही सब नीर गयो ढ़रि. <br />तेज गयो गुन लै अपनों अरु <br />भूमि गई तनु की तनुजा करि. <br />'देव' जियै मिलिबेई की आस कि <br />आसहु पास आकास रह्यो भरि. <br />जा दिन ते मुख फेरि हरे हँसि <br />हेरि हियो जू लियो हरि जू हरि. <br /><br />.... आचार्य जी, कृपया स्पष्ट करें. <br /><br />मैं अब तक जानता था कि जो व्यभिचारी भाव हास के होते हैं वे सभी शृंगार में शामिल हो ही जाते हैं जबकि आप 'आलस्य' को शृंगार से छूट दे रहे हैं. क्या कारण है? <br /><br />.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-71060329767909790622011-03-06T14:50:41.628+05:302011-03-06T14:50:41.628+05:30बहुत सुंदर और उपयोगी पोस्टबहुत सुंदर और उपयोगी पोस्टराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49234765415927720852011-03-06T12:07:17.889+05:302011-03-06T12:07:17.889+05:30एक और उम्दा, ज्ञानवर्धक प्रस्तुति।एक और उम्दा, ज्ञानवर्धक प्रस्तुति।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-1615709187992480972011-03-06T12:05:01.997+05:302011-03-06T12:05:01.997+05:30आजकी पोस्ट तो बहुत सामिग्री समेटे हुए है और वो भी ...आजकी पोस्ट तो बहुत सामिग्री समेटे हुए है और वो भी तुलनात्मक चार्ट के माध्यम से उदहारण के साथ. बहुत आभार आचार्य जी का. बहुत ही उपयोगी शृंखला रही है यह और अन्य भी.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51189676874373643622011-03-06T09:53:57.931+05:302011-03-06T09:53:57.931+05:30बड़े वैज्ञानिक तरह से ,चार्ट की मदद से विस्तृत समझ...बड़े वैज्ञानिक तरह से ,चार्ट की मदद से विस्तृत समझाते हुए काव्य रसों पर चर्चा आसानी से ग्राह्य और ज्ञानवर्धक बन पड़ी है.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-22027986308110203932011-03-06T09:35:53.074+05:302011-03-06T09:35:53.074+05:30बहुत अच्छी जानकारी ...धन्यवादबहुत अच्छी जानकारी ...धन्यवादरजनीश तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/10545458923376138675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-44145525326591307582011-03-06T09:31:03.049+05:302011-03-06T09:31:03.049+05:30निश्चय ही साहित्य नेट पर उतर रहा है... यह ब्लॉग बह...निश्चय ही साहित्य नेट पर उतर रहा है... यह ब्लॉग बहुत से जिज्ञासु पाठकों का पथ प्रशस्त करेगापद्म सिंहhttp://padmsingh.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24290069023244685192011-03-06T08:43:59.663+05:302011-03-06T08:43:59.663+05:30बहुत सुंदर। आज का अध्याय बहुत ही उपयोगी और महीन वि...बहुत सुंदर। आज का अध्याय बहुत ही उपयोगी और महीन विश्लेषन भरा है। टेबल में आप ने विभिन्न रस और उसकी सामग्री परोस कर जिग्यासु पाठकों का मार्ग सुगमतर कर दिया है। कोटि-कोटि धन्यवाद!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-69268492000154569262011-03-06T08:24:39.828+05:302011-03-06T08:24:39.828+05:30साहित्य में अभिरुचि रखने वाले भद्रजनों के लिए बहुत...साहित्य में अभिरुचि रखने वाले भद्रजनों के लिए बहुत ही उपयोगी शृंखला है। यह निरंतर जारी रहे।<br />आभार,हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-39546369017608470292011-03-06T08:10:07.314+05:302011-03-06T08:10:07.314+05:30बहुत उपयोगी पोस्ट!
आचार्य परशुराम जी की विद्वता के...बहुत उपयोगी पोस्ट!<br />आचार्य परशुराम जी की विद्वता के आगे नतमस्तक हूँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com