tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post4294233802376334765..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: फ़ुरसत में … अमृता प्रीतम जी की आत्मकथा “अक्षरों के साये”मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger55125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-40185508302454005132010-09-16T01:32:32.968+05:302010-09-16T01:32:32.968+05:30बहुत बहुत आभार |बहुत बहुत आभार |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-84069462668677987522010-09-13T23:30:23.119+05:302010-09-13T23:30:23.119+05:30सारगर्भित उम्दा पोस्ट के लिए आभार। अमृता प्रीतम की...सारगर्भित उम्दा पोस्ट के लिए आभार। अमृता प्रीतम की किसी पुस्तक को जब भी पढ़ कर खतम करता . ..लगता कि पूरी पढ़ ली..तभी मन कहता...अभी और पढ़ो!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-27550749934060297622010-09-13T18:50:09.510+05:302010-09-13T18:50:09.510+05:30ये सच है विभाजन के सच को जीतने सहज रूप से अमृत जी ...ये सच है विभाजन के सच को जीतने सहज रूप से अमृत जी ने लिखा है ..... कोई सानी नही है उसका ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-84459386178981958702010-09-13T17:33:29.428+05:302010-09-13T17:33:29.428+05:30@ अमृता जी, अदा जी, हास्यफुहार जी, करण जी, रीता जी...@ अमृता जी, अदा जी, हास्यफुहार जी, करण जी, रीता जी, जुगल जी, प्रेमसरोवर जी।<br /><br />धन्यवाद!<br />प्रोत्साहन के लिए आभारी हूँ...मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-48860867542272176872010-09-13T11:11:46.803+05:302010-09-13T11:11:46.803+05:30बहुत बढ़िया, सार्थक और रूचिवर्द्धक. अब तो रसीदी टि...बहुत बढ़िया, सार्थक और रूचिवर्द्धक. अब तो रसीदी टिकट कता के अक्षरों के साए में आना ही पड़ेगा... ! सुन्दर !! धन्यवाद !!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-41920236973105867022010-09-13T00:56:53.965+05:302010-09-13T00:56:53.965+05:30अमृता प्रीतम जी के बारे में
आपने जनकारीपरक पोस्ट ...अमृता प्रीतम जी के बारे में <br />आपने जनकारीपरक पोस्ट लगाई है!<br />--<br />बहुत-बहुत बधाई!रीताhttps://www.blogger.com/profile/17969671221868500198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-46630099558281216232010-09-13T00:52:20.096+05:302010-09-13T00:52:20.096+05:30अमृता प्रीतम जी के बारे में इतनी बढ़िया जानकारी के...अमृता प्रीतम जी के बारे में इतनी बढ़िया जानकारी के लिए आभार!प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70695178333578251212010-09-13T00:46:30.634+05:302010-09-13T00:46:30.634+05:30बेहद आभार अमृता जी से जुड़े इस सुन्दर और रोचक आलेख...बेहद आभार अमृता जी से जुड़े इस सुन्दर और रोचक आलेख के लिए..!जुगल किशोरhttps://www.blogger.com/profile/13301162594819383710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-7706761712243142542010-09-12T20:51:48.657+05:302010-09-12T20:51:48.657+05:30मेल से प्राप्त टिप्पणी
Ashish Verma to me
show det...मेल से प्राप्त टिप्पणी<br />Ashish Verma to me<br />show details 1:02 PM (7 hours ago)<br />मनोज जी, कुछ posts पढ़े आपके ब्लॉग पर. वाकई उम्दा थे. खासकर अमृता प्रीतम जी पर आपका post.<br /><br />पढने का शौक तो मुझे बचपन से है पर अभी तक ज्यादा तर अंग्रेजी किताबें ही पढ़ी थी. हाल ही में हिंदी साहित्य पढना शुरू किया है. अमृता प्रीतम जी को नहीं पढ़ पाया हू अब तक, अब आपकी post पढने के बाद उनको भी पढूंगा.<br />हिंदी में जिन लेखकों को मैंने अभी तक पढ़ा है वो हैं रही मासूम रज़ा, धरमवीर भारती, प्रेमचंद, भगवती चरण वर्मा. इनके उपन्यास काफी पसंद आए मुझे.<br />कृपया बताएं की और कौन कौन से लेखक हैं जिन्हें मै पढू. दरअसल अंग्रेजी उपन्यासों के reviews के लिए हजारों sites हैं लेकिन हिंदी उपन्यासों और लेखकों के बारे में जानकारी कम उपलब्ध है. मेरे दोस्तों और जानकारों में भी हिंदी साहित्य के शौक़ीन कम हैं. अगर आप मेरा मार्गदर्शन करें तो बहुत मेहेरबानी होगी.<br /><br />मेरा blog 'आवारा सजदे' पढने और टिप्पणियां देने के लिए तहे दिल से आभार.<br /><br />- आशीषमनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-73477206319371971012010-09-12T19:03:52.183+05:302010-09-12T19:03:52.183+05:30वाह! बहुत सुंदर। अमृता जी के बारे में बहुत अच्छी ज...वाह! बहुत सुंदर। अमृता जी के बारे में बहुत अच्छी जनकारी प्राप्त हुई।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-34508089055647871882010-09-12T16:29:40.518+05:302010-09-12T16:29:40.518+05:30अमृता जी के बारे में इतनी जानकारी देना का आभार ..
...अमृता जी के बारे में इतनी जानकारी देना का आभार ..<br />सारगर्भित पोस्ट.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-55122495871702011132010-09-12T13:41:06.423+05:302010-09-12T13:41:06.423+05:30रोचक आलेख. अमृता प्रीतम जी के बारे में इतनी बढ़िया...रोचक आलेख. अमृता प्रीतम जी के बारे में इतनी बढ़िया जानकारी के लिए आभार.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32329351464378106732010-09-12T12:25:46.349+05:302010-09-12T12:25:46.349+05:30@ पंकज जी
यहां तो हम एक दूसरे से जनने-सीखने के लिए...@ पंकज जी<br />यहां तो हम एक दूसरे से जनने-सीखने के लिए आए हैं, इसमें हर्ज़ क्या है कि मान लिया कि मैं यह नहीं जानता था।<br />बल्कि आपने बता कर अच्छा ही किया और इसे मैं दुरुस्त कर लूंगा। न सिर्फ़ ब्लॉग पर अपनी जानकारी में भी।<br />बल्कि मुझे तो आपको आभार प्रकट करना चाहिए था, पहली बार में ही।<br />अभी कर लेता हूं।<br />धन्यवाद!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11246416797754725202010-09-12T12:24:48.986+05:302010-09-12T12:24:48.986+05:30मेल द्वारा
from Pankaj Upadhyay
बहुत अच्छा लगा आ...मेल द्वारा<br />from Pankaj Upadhyay <br /><br />बहुत अच्छा लगा आपका यूं सहजता से मुझे लिखना वरना लोग बुरा मान जाते हैं.. थैंक्स मनोज जी..मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-84481563004571594212010-09-12T12:23:23.866+05:302010-09-12T12:23:23.866+05:30@ पंकज जी
अच्छी जनकारी दी आपने। सुधार कर देता हूं।...@ पंकज जी<br />अच्छी जनकारी दी आपने। सुधार कर देता हूं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-84666059538633865642010-09-12T12:22:19.532+05:302010-09-12T12:22:19.532+05:30मेल से प्प्तराप्त हुआ पंकज उपाध्याय के विचार
010/...मेल से प्प्तराप्त हुआ पंकज उपाध्याय के विचार<br /><br />010/9/12 Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) <br />Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) ने आपकी पोस्ट " फ़ुरसत में … अमृता प्रीतम जी की आत्मकथा “अक्षरों के... " पर एक टिप्पणी छोड़ी है: <br /><br />अमृता जी को और अच्छे से जानकर और आपकी पारखी नज़र से जानकर अच्छा लगा..<br />बस निम्न पंक्ति के साथ अपनी एक बात जोडनी/कहनी थी..<br /><br />" जिस जमाने में महिलाओं में बेबाकी कहीं नहीं थी, <br />उस समय उन्होंने स्पष्टवादिता दिखाई। यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था। "<br /><br />इस दौर की शुरुआत शायद इस्मत चुगताई कर चुकी थीं.. ’कमला दास’ ने भी तब तक केरला में एक अनामी नाम से बेबाक लेखन शुरु कर दिया था इसलिये महिलाओं की बेबाकी ’कहीं नहीं थी’ की जगह शायद ’कम थी’ कहना सही हो..मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-42926685450861095112010-09-12T10:35:22.614+05:302010-09-12T10:35:22.614+05:30jankari kai liya sadhanavadjankari kai liya sadhanavadAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72258462109743546092010-09-12T07:53:42.601+05:302010-09-12T07:53:42.601+05:30उपयोगी ज्ञानवर्धक आलेख।
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
हि...उपयोगी ज्ञानवर्धक आलेख।<br />बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br /><br /><b>हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है। </b><br /><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/09/3.html" rel="nofollow"> देसिल बयना – 3"जिसका काम उसी को साजे ! कोई और करे तो डंडा बाजे !!", राजभाषा हिन्दी पर करण समस्तीपुरी की प्रस्तुति, पधारें</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-52384198319893767682010-09-12T05:05:40.408+05:302010-09-12T05:05:40.408+05:30अमृता जी को और अच्छे से जानकर और आपकी पारखी नज़र स...अमृता जी को और अच्छे से जानकर और आपकी पारखी नज़र से जानकर अच्छा लगा..<br />बस निम्न पंक्ति के साथ अपनी एक बात जोडनी/कहनी थी..<br /><br />" जिस जमाने में महिलाओं में बेबाकी कहीं नहीं थी, <br />उस समय उन्होंने स्पष्टवादिता दिखाई। यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था। "<br /><br />इस दौर की शुरुआत शायद इस्मत चुगताई कर चुकी थीं.. ’कमला दास’ ने भी तब तक केरला में एक अनामी नाम से बेबाक लेखन शुरु कर दिया था इसलिये महिलाओं की बेबाकी ’कहीं नहीं थी’ की जगह शायद ’कम थी’ कहना सही हो..Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51241009863043358802010-09-12T04:04:44.460+05:302010-09-12T04:04:44.460+05:30अमृता जी के बारे में इस आलेख के लिये आभार..!अमृता जी के बारे में इस आलेख के लिये आभार..!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-45487270568303425942010-09-12T01:11:28.421+05:302010-09-12T01:11:28.421+05:30अमृता प्रीतम जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर जनकारी...अमृता प्रीतम जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर जनकारीपरक पोस्ट प्रस्तुत करने के लिये आभार....<br />गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-21414275623072372482010-09-12T00:03:30.426+05:302010-09-12T00:03:30.426+05:30@ उसय जी, बबली जी, नीलन जी, झा जी
धन्यवाद!
प्रोत्स...@ उसय जी, बबली जी, नीलन जी, झा जी<br />धन्यवाद!<br />प्रोत्साहन के लिए आभारी हूँ...मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-88674388988960951662010-09-12T00:02:27.066+05:302010-09-12T00:02:27.066+05:30@ सलिल जी,
आपके संवेदना के स्वर भीजा गए।
आब इस पर ...@ सलिल जी,<br />आपके संवेदना के स्वर भीजा गए।<br />आब इस पर "एक हाथ में अमृता प्रीतम और दूसरे हाथ में सुरेंद्र मोहन पाठक " का कहें ....<br />बस हम तो ऐसे ही है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-5070292012157953242010-09-11T23:59:58.970+05:302010-09-11T23:59:58.970+05:30@ वन्दना जी,
आपका आभार धन्यवाद!
प्रोत्साहन के लिए ...@ वन्दना जी,<br />आपका आभार धन्यवाद!<br />प्रोत्साहन के लिए आभारी हूँ...मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-63130303228465751782010-09-11T23:58:45.411+05:302010-09-11T23:58:45.411+05:30@ बुझो तो जाने, गोदियाल जी, हरदीप जी
धन्यवाद! प्रो...@ बुझो तो जाने, गोदियाल जी, हरदीप जी<br />धन्यवाद! प्रोत्साहन के लिए आभारी हूँ...मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com