tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post4733675274370267423..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: देसिल बयना – 86 : जो रोगी को भाया, वही वैद्य फ़रमाया...मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-62829379354284184892011-06-24T23:40:59.937+05:302011-06-24T23:40:59.937+05:30जो रोगी को भाया .....
। करण जी कथानक को अपने अनुकू...जो रोगी को भाया .....<br />। करण जी कथानक को अपने अनुकूल ढालने में आपका कोई जवाब नहीं। मजेदार वृत्तांतहरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-63516984645432453392011-06-24T12:34:40.488+05:302011-06-24T12:34:40.488+05:30अपने विवाह का वर्णन शायद ही किसीने इस तरह से किया ...अपने विवाह का वर्णन शायद ही किसीने इस तरह से किया होगा आजतक....<br /><br />बहुत बहुत लाजवाब !!!!<br /><br />कुछ और पोस्टें ऐसे ही आयीं तो फोटो देखने की साध बहुत हद तक पूरी हो जायेगी.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-44479069052878227512011-06-23T11:12:29.865+05:302011-06-23T11:12:29.865+05:30बहुत मज़ा आया पढकर.
सादरबहुत मज़ा आया पढकर.<br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-18821269399381638972011-06-23T10:03:21.360+05:302011-06-23T10:03:21.360+05:30करण ...
सियावर रामचंद्र की जय ... विस्तृत वर्णन ....करण ...<br /><br />सियावर रामचंद्र की जय ... विस्तृत वर्णन ..पूरे विवाह में शामिल रहे :):) <br /><br />बदिया रहा यह देसिल बयना .. जो रोगी को भाया ..अब रोगी ही तो थे न तुम ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-736155185846969262011-06-22T23:27:57.487+05:302011-06-22T23:27:57.487+05:30करन बाबू, न आप बियाह का बरनन करने अघा रहे हैं और न...करन बाबू, न आप बियाह का बरनन करने अघा रहे हैं और न हम पढ़ने से। जौने रोगिया भावे, तौने बैदा बतावे। बिलकुल सही है। यह बयना हम लोगों के यहाँ कुछ इस प्रकार कहा जाता है। सब होवे शुभे शुभे।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-28899811863190666862011-06-22T23:16:06.043+05:302011-06-22T23:16:06.043+05:30मनोज जी ज़वाब नहीं आपका इतना सजीव वर्रणआपकी कलम का ...मनोज जी ज़वाब नहीं आपका इतना सजीव वर्रणआपकी कलम का ही जादू है एक रस्म को शब्दों में जस का तस बुनना किसी अच्छे बुनकर के ही बूते की बात है .इस लोक कला को जीवित रखिये आंचलिक कथा वृतांतों को भी .आशीष और आभार दोनों .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-3284310249171944952011-06-22T22:53:14.102+05:302011-06-22T22:53:14.102+05:30रोगी के अनुसार वैद्य का फरमाना तो वास्तव में शादी ...रोगी के अनुसार वैद्य का फरमाना तो वास्तव में शादी के बाद शुरू होता है। मैं परेशान हूं। आपके लिए शुभकामनाएं हैं।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-12647077752096751622011-06-22T22:44:42.427+05:302011-06-22T22:44:42.427+05:30करन भाई,
तोहार देशिल बयना के गमक कभी-कभी मन के एत...करन भाई,<br />तोहार देशिल बयना के गमक कभी-कभी मन के एतना मनजबूर कर देला कि पूरा के पूरा पोस्ट एक सुरीकिए पढ़े के पड़ जाला। हम त कलकत्ता में ऱाउर पोस्ट पढीला लेकिन मन बिहार में अपने गांव पर चल जाला। आपके एक-एक शब्द में हम बहुत सारा फोटो देख लीहिला। बहुत ही नीमन लागल ऱाउर पोस्ट। धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-48657292571806486112011-06-22T22:34:42.618+05:302011-06-22T22:34:42.618+05:30बहुत सुन्दर और रोचक प्रस्तुति!बहुत सुन्दर और रोचक प्रस्तुति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-15982351233906791272011-06-22T19:20:33.874+05:302011-06-22T19:20:33.874+05:30अब हमको अफसोस नहीं है कि हम बिआह मिस कर गए थे.. ई ...अब हमको अफसोस नहीं है कि हम बिआह मिस कर गए थे.. ई त साच्छात कैसेट्वे देख लिये हम.. रहा सहा "अनकट सीन" मनोज बाबू देखा दिये कि कइसे चित्कोह्रा गोलम्बर पर फेरा लगा दिये थे.. <br />पूरा पोस्ट का महौल एकदम बियाह वाला बन गया है.. जे बिहार का बिआह देखा होगा उस्को भरपूर मजा आया होगा.. तब्बे न मनोज जी बेस्ट रेटिंग दे दिये.. मगर हम्को कुछ कमी बुझा रहा है.. सोचिये आप करन बाबू!! का कमी है.. मगर मजा जबरजस्स आया!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-44285082341690744802011-06-22T18:33:32.225+05:302011-06-22T18:33:32.225+05:30इसे मैं आपका आज तक का बेस्ट देसिल बयना रेट करता हू...इसे मैं आपका आज तक का बेस्ट देसिल बयना रेट करता हूं। हास्य का पुट जो है वह लाजवाब है, पूरे प्रसंग को पढ़्ते वक़्त मुंह पर हंसी तैरती रही, कई बार तो ठहाके लगा कर हंसा। और हमारे यहां के विध-व्यवहार का जो चिरे आपने खींचा है उसका तो जवाब नहीं।<br />दुलहिन और आपको आशीष।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-42990280251752966592011-06-22T18:28:14.419+05:302011-06-22T18:28:14.419+05:30@ सार… तीन परिक्रमा तो चितकोहरे गोलंबर का करवा दिय...@ सार… तीन परिक्रमा तो चितकोहरे गोलंबर का करवा दिया। हम बोले चार और करवा ही दो…!” <br /><br />*** हा-हा-हा .....मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57625474914390377192011-06-22T17:37:00.045+05:302011-06-22T17:37:00.045+05:30अच्छा रहा आपका नाटक ! शादी के मंडप में भी देसिल बय...अच्छा रहा आपका नाटक ! शादी के मंडप में भी देसिल बयना के लिए सामग्री ढूंढ़ लिए ,कमाल की बात है !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49098214430664474732011-06-22T16:52:36.971+05:302011-06-22T16:52:36.971+05:30ह ह ह ह
देर आए दुरूस्त आए .. क्या खूब वर्णन किया...ह ह ह ह<br />देर आए दुरूस्त आए .. क्या खूब वर्णन किया है .. अपनी शादी में हमें शामिल ही कर लिया !!<br /><b>डेढ घंटा में तीसन कोस पार .. और फिर कान में ’मंगलं भगवान विष्णुः….’ के बदले “ए मुंगफ़ली चिनिया बदाम…. रामदान लाड्डू…. हाजीपुर के फ़ेमस चिनिया केला… हरा-बतिया लो…. फ़्रूटी-ठंडा… कोल्ड्रिंक" सुनते रहे।</b><br />पुल का आजकल यही हाल चल रहा है .. हमलोग भी फंस चुके हैं .. <br /><b>अब हमरा धैर्य और हिम्मत जवाब दे दिया। अनुनय-विनय से काम नहीं चलेगा। जुगत लगाये। चलो फिर रेवाखंडी नौटंकी शुरु करते हैं। लघुशंका का बहाना कर के उठे। लटपटा कर धम्म से बैठ गये। आँख बंद करके दाँत निपोर दिये। आ… हा…. हे.. हे…. पानी लाओ… पंखा घुमाओ…. वैदजी को बुलाओ…. !</b><br />सब डर गए होंगे .. आपको तो मजा आ रहा होगा .. गजब की प्रस्तुति .. सबसे मजेदार देसिल बयना !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-16513154941916817782011-06-22T13:11:22.711+05:302011-06-22T13:11:22.711+05:30आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल २३-६ २०११ ...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल २३-६ २०११ को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/" rel="nofollow">आज की नयी पुरानी हल चल - चिट्ठाकारों के लिए गीता सार </a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com