tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post5124268921773822591..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: कविता :: दु:खमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger44125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-69451719775604017962019-10-20T21:52:02.383+05:302019-10-20T21:52:02.383+05:30प्रतिभाजी आपके सुझाव को मैंने मन में रखा है पर व्य...प्रतिभाजी आपके सुझाव को मैंने मन में रखा है पर व्याख्यात्मकता जैसे मेरी शैली बन गयी हो . मुझे हमेशा लगता है की कही मेरी बात अधूरी तो नहीं रह गयी . पर मैं मानता हु की अगर काव्य लेखन करना है तो सांकेतिकता और संक्षेपण सीखना ही होगा . बहुत बहुत धन्यवाद . मैंने हाल में ही अपने ब्लॉग में शेक्सपीयर की कविताओं का हिंदी काव्य रूपांतरण डाला है. उसपर आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रया प्रार्थित है .Anil Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/03169676097927790304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24291432384799499982010-12-16T17:51:48.800+05:302010-12-16T17:51:48.800+05:30दुख में हमारे अपने दूर होते हैं
सुख में हम अपनों ...दुख में हमारे अपने दूर होते हैं<br /><br />सुख में हम अपनों से दूरी बनाते हैं<br /><br />दुख में दुख के बढ़ने का<br /><br />सुख में सुख के घटने का<br /><br />डर हमेशा घेरे रहता है,<br /><br />कोई दुख से पागल होता है<br /><br />तो किसी का सुख से सिर फिर जाता है,<br /><br />Ekdam satya vachan.....sabhi liye prerak aur moolywaan ek shiksha milti hai jo sabhi ke liye saman roop se upyogi hai...Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-23032787608511756822010-12-15T21:44:34.763+05:302010-12-15T21:44:34.763+05:30मेरी इस साधारण सी रचना पर इतने सारे प्रबुद्ध लोगों...मेरी इस साधारण सी रचना पर इतने सारे प्रबुद्ध लोगों की नज़र गई और अप्रत्याशित सराहना भी मिली. इसका सारा श्रेय मैं मनोज जी को देता हूँ.साथ ही तमाम पाठकों से मिले प्रोत्साहन के लिये मै उनका अत्यंत आभारी हूँ.मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की हुई कि हमारे मन मे सामाजिक मापदंडों के विपरीत जो भावनाएँ आती हैं उनके जिक्र पर किसी को ऐतराज़ नही हुआ . बल्कि समर्थन ही मिला. पाठकों की इस परिपक्वता और समायोजनशीलता के सम्मुख मै नतमस्तक हूँ.श्रीमती प्रतिभा सक्सेना की टिप्पणी से मुझे बड़ा मार्गदर्शन मिला है काव्यत्मकता मे कमी और सक्षिप्तता की आवश्यकता को मै स्वीकार करते हुए उसे आगामी रचनाओं मे पूरा करने का भरसक प्रयास करूंगा . मनोज जी के मंच से मुझे जोड़्ने हेतु मै श्री जितेन्द्र त्रिवेदी और श्री परशुराम राय जी का सदा ऋणी रहुंगा.Anil Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/03169676097927790304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-83436641871403153832010-12-15T13:27:55.235+05:302010-12-15T13:27:55.235+05:30बहुत ही खूबसूरत कविता है सुख और दुख की गहन अभिव्यक...बहुत ही खूबसूरत कविता है सुख और दुख की गहन अभिव्यक्तिरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-61996507058746411272010-12-14T20:02:00.684+05:302010-12-14T20:02:00.684+05:30dukh me dukh badhne ka ,sukh me sukh ghatne ka -bh...dukh me dukh badhne ka ,sukh me sukh ghatne ka -bhay.....shashvat satya ko abhivyakt karti kavita .avinash ji v aapko bahut -bahut shubhkamnaye .Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-71597523007673554022010-12-14T19:29:30.723+05:302010-12-14T19:29:30.723+05:30बिलकुल व्यवहारिक बातें बताती कविता -सत्य वर्णन कर ...बिलकुल व्यवहारिक बातें बताती कविता -सत्य वर्णन कर रही है.सुख -दुःख तो कुँए के रहट की तरह हैं :-एक आता है ,दूसरा जाता है.मेजर जर्नल (रिटायर्ड ) पी .दत्ता सा :ने वृद्ध जन समारोह में आगरा में २००५ में यह शेर सुनाया था -<br />सुख ने कहा दुःख से जाते -जाते <br />जब मैं नहीं रहा ,तुम भी नहीं रहोगे.<br />अतः दुःख से निराश नहीं होना चाहिए,दूसरों के दुःख अगर कम कर सकें तो करें वर्ना मजाक नहीं उड़ाना चाहिए.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-12093305600016620412010-12-14T16:02:03.065+05:302010-12-14T16:02:03.065+05:30क्या बात कही है..ओह !!!
अनुभव का निचोड़ रख दिया ग...क्या बात कही है..ओह !!!<br /><br />अनुभव का निचोड़ रख दिया गया है रचना में..एकदम सत्य कहा है !!!<br /><br />बहुत बहुत बहुत ही सुन्दर रचना...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72201345883700844222010-12-14T13:58:34.712+05:302010-12-14T13:58:34.712+05:30दुख और सुख सर्वथा भिन्न नहीं हैं
साम्य रखते हैं क...दुख और सुख सर्वथा भिन्न नहीं हैं<br /><br />साम्य रखते हैं कई<br /><br />दुख में हमारे अपने दूर होते हैं<br /><br />सुख में हम अपनों से दूरी बनाते हैं<br /><br />दुःख और सुख का बहुत ही सार्थक विवेचन...बहुत सुन्दर प्रस्तुतिKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-65071147714894715962010-12-14T13:15:12.090+05:302010-12-14T13:15:12.090+05:30सुख के सब साथी , दुःख का न कोय।
अनिल जी से परिचय ...सुख के सब साथी , दुःख का न कोय।<br />अनिल जी से परिचय कराने के लिए आभार।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-23854158979522289722010-12-14T12:47:38.001+05:302010-12-14T12:47:38.001+05:30sukh-dukh milakar sunder kavita.sukh-dukh milakar sunder kavita.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-52476328752906918812010-12-13T23:07:58.497+05:302010-12-13T23:07:58.497+05:30main shayad jitni tareef karungi is rachna ki kam ...main shayad jitni tareef karungi is rachna ki kam hi hogi...pura sukh dukh ka vrataant sunate hue jivan darshan kara diye is rachna ne aur sab baaten ek dam sach...kuch aur likhne ko prerit karti hui prabhaavshali rachna.<br /><br />aabhar ise ham tak pahuchane ke liye.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-80117908863178853132010-12-13T22:35:31.770+05:302010-12-13T22:35:31.770+05:30जिंदगी के कई शेड्स इस कविता में ऐसी काव्यभाषा में...जिंदगी के कई शेड्स इस कविता में ऐसी काव्यभाषा में संभव हुए हैं, जो आज लगभग विरल हो चुकी है। विवाद से परे भी यह कहना उचित होगा कि आप आज के समय का समर्थ कवि हैं ।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72897745386654681492010-12-13T22:04:03.344+05:302010-12-13T22:04:03.344+05:30गम्भीर दर्शन व्यक्त करती कविता।गम्भीर दर्शन व्यक्त करती कविता।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-76682608470409543632010-12-13T22:03:19.848+05:302010-12-13T22:03:19.848+05:30सुख दुख का अहसास करवाती एक बहुत सुंदर रचना. धन्यवा...सुख दुख का अहसास करवाती एक बहुत सुंदर रचना. धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-79233480722522684282010-12-13T21:04:59.137+05:302010-12-13T21:04:59.137+05:30सुख और दुख का संबंध मन से है और मन भला कब पकड़ में...सुख और दुख का संबंध मन से है और मन भला कब पकड़ में आता है! ज्ञानी लोग इसीलिए स्थितप्रज्ञता की बात करते हैं जहां सुख और दुख की अनुभूति शून्य हो जाती है।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57516637413331029422010-12-13T18:53:23.654+05:302010-12-13T18:53:23.654+05:30मनोज जी
अनिल जी की इस कविता को प्रस्तुत करने क...मनोज जी <br /><br />अनिल जी की इस कविता को प्रस्तुत करने के लिए आभार. बहुत सही विश्लेषण किया है उन्होंने सुख और दुःख का. काबिले तारीफ लेखन..... <br />.<br />मेरे ब्लॉग सृजन_ शिखर पर " हम सबके नाम एक शहीद की कविता "उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-12957182002005676742010-12-13T16:15:12.883+05:302010-12-13T16:15:12.883+05:30आदमी का 75% दुःख दूसरों से ईर्ष्या के कारण होता है...आदमी का 75% दुःख दूसरों से ईर्ष्या के कारण होता है यानी दुखों से इन्सान 75% छुटकारा पा सकता है यदि वो इतनी छोटी सी बात समझ जाए तो. मेरी ग़ज़ल के कुछ शेर:-<br /><br />क्या बताएं दिख रहा क्यों आदमी हरदम दुखी,<br />ग़ैर के सुख से दुखी है,अपने दुःख से कम दुखी.<br />बाहलफ़ गीता पे रखकर हाथ कहता हूँ 'कुँवर'<br />जब कभी आँखों ने देखा तुम दुखी तो हम दुखी.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-52779140506222091792010-12-13T15:32:56.579+05:302010-12-13T15:32:56.579+05:30पूरी जिंदगी समझा गई यह कवितापूरी जिंदगी समझा गई यह कविताshikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-18368585088397500732010-12-13T14:13:26.140+05:302010-12-13T14:13:26.140+05:30जिन्दगी के रंग पर आप सभी को आलेख सुखी कौन देखने के...जिन्दगी के रंग पर आप सभी को आलेख सुखी कौन देखने के लिये भी मैं आमंत्रित करना चाह रहा हूँ.<br />http://jindagikerang.blogspot.com/Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-83237035300722229232010-12-13T14:11:41.955+05:302010-12-13T14:11:41.955+05:30बहुत उत्तम कविता.बहुत उत्तम कविता.Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11638777237369605782010-12-13T13:52:19.783+05:302010-12-13T13:52:19.783+05:30जीवन के सत्य को सुख दुख के माध्यम से कितनी खूबसूरत...जीवन के सत्य को सुख दुख के माध्यम से कितनी खूबसूरती से परिभाषित किया है और जीने का मर्म भी समझा दिया…………बेहद उम्दा और प्रशंसनीय रचना।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-54066236567596575632010-12-13T13:42:42.872+05:302010-12-13T13:42:42.872+05:30हीरा जनम अमोल था,कौड़ी बदले जाए.........हीरा जनम अमोल था,कौड़ी बदले जाए.........कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-1373441409562028852010-12-13T13:37:52.137+05:302010-12-13T13:37:52.137+05:30... sundar rachanaa ... badhaai ... sundar prastut...... sundar rachanaa ... badhaai ... sundar prastuti !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-46177802296477207712010-12-13T13:31:22.036+05:302010-12-13T13:31:22.036+05:30जीवन के यथार्थ को सुख दुख के माध्यम से लिख दिया है...जीवन के यथार्थ को सुख दुख के माध्यम से लिख दिया है ... बहुत शशक्त रचना ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51870982141646934442010-12-13T12:52:01.036+05:302010-12-13T12:52:01.036+05:30अच्छी रचना. धन्यवाद. मैं अनिल जी का इस मंच पर हार्...अच्छी रचना. धन्यवाद. मैं अनिल जी का इस मंच पर हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ !!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.com