tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post5455975538015019402..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: नवगीत– बंजारे बादलमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-81515699891931247252011-03-29T11:04:51.444+05:302011-03-29T11:04:51.444+05:30सुन्दर नवगीत पढवाने के लिए ..मनोज जी आपका आभारसुन्दर नवगीत पढवाने के लिए ..मनोज जी आपका आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-82841040181552692222011-03-29T09:28:33.176+05:302011-03-29T09:28:33.176+05:30"बंजारे बादलों" ने धरा-जीवन के समारोहों ..."बंजारे बादलों" ने धरा-जीवन के समारोहों को चारुता से सामने ला कर प्रस्तुत कर दिया .<br />जन-जीवन की सोंधी सुवास से भरी रचना मन में सरसता का संचार कर गई .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-59393688044555493792011-03-28T23:16:11.912+05:302011-03-28T23:16:11.912+05:30खांटी माटी के सोंधेपन ने
किया है सबको सराबोरखांटी माटी के सोंधेपन ने <br />किया है सबको सराबोरबस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-61381774819021160882011-03-28T22:46:44.019+05:302011-03-28T22:46:44.019+05:30गीत की एक-एक पंक्ति मानो उस वातावरण को दृश्यमान कर...गीत की एक-एक पंक्ति मानो उस वातावरण को दृश्यमान करती है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-38941853601943185812011-03-28T21:31:23.466+05:302011-03-28T21:31:23.466+05:30खेतों की पाटी पर
हरखू लिखने लगा ककहरा।
चौपालों पर ...खेतों की पाटी पर<br />हरखू लिखने लगा ककहरा।<br />चौपालों पर बैठा<br />आल्हा ऊदल का पहरा।.....<br /><br />श्याम नारायण मिश्र जी के नवगीत की बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक बधाई।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-33766172858101557472011-03-28T20:49:07.844+05:302011-03-28T20:49:07.844+05:30बादल को लेकर बहुत ही बढ़िया नवगीत लिखा है श्री श्य...बादल को लेकर बहुत ही बढ़िया नवगीत लिखा है श्री श्यामनारायण मिश्र जी ने!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-29475346486088227102011-03-28T17:56:10.526+05:302011-03-28T17:56:10.526+05:30बहुत ही सुंदर रचनायें हैबहुत ही सुंदर रचनायें हैnirmal singhhttps://www.blogger.com/profile/00663073055175070484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-5690471191132698432011-03-28T14:02:25.677+05:302011-03-28T14:02:25.677+05:30खेतों की पाटी पर
हरखू लिखने लगा ककहरा।
चौपालों प...खेतों की पाटी पर<br /><br />हरखू लिखने लगा ककहरा।<br /><br />चौपालों पर बैठा<br /><br />आल्हा ऊदल का पहरा।<br /><br />मटकी और मथानी<br /><br />बोलें कजरी वाले बोल।<br /><br /> अभिनव प्रतीकों ने गीत को नव-गीत की अग्रणी श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है !शब्दों और भावों का संतुलन अदभुत है !<br /><br />मनोज जी, मिश्र जी की इस भावपूर्ण रचना को पाठकों तक पहुंचाने के लिए साधुवाद !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32953724319290161802011-03-28T13:35:24.663+05:302011-03-28T13:35:24.663+05:30मेरे लिए तो इस महान रचनाकार का हर नवगीत एक प्रसाद ...मेरे लिए तो इस महान रचनाकार का हर नवगीत एक प्रसाद के समान है.. मनोज जी आपने उनका साक्षात्कार हमसे करवाकर एक बड़ा पुण्य-कार्य किया है!! हर गीत जैसे सीपी में सजा एक धवल मुक्ता कण!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32347980446548494322011-03-28T12:30:52.431+05:302011-03-28T12:30:52.431+05:30मिश्रजी के गीतों में प्रयुक्त शब्द-योजना के कारण स...मिश्रजी के गीतों में प्रयुक्त शब्द-योजना के कारण सामान्य और प्रचलित शब्द बिलकुल नये से लगने लगते हैं। प्रतिभा-सम्पन्न और सहृदय कवि की यही पहिचान है। <br />यह गीत वर्षों बाद पढ़कर काफी सुखद रहा।<br />आभार।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-26251657296016503972011-03-28T12:20:39.688+05:302011-03-28T12:20:39.688+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-4686798744203212852011-03-28T11:19:50.423+05:302011-03-28T11:19:50.423+05:30जब भी मैं स्वर्गीय मिश्रजी की रचनाएँ पढ़ता हूँ, जी ...जब भी मैं स्वर्गीय मिश्रजी की रचनाएँ पढ़ता हूँ, जी कचोटता है कि संभावना होते हुए भी इनका सानिध्य नहीं मिल पाया. एक ही बात संतोष देती है दूरभाष पर ही सही एक बार इस नवगीत के कुशल चितेरे का आशीष प्राप्त हुआ था.करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-69137661694642747822011-03-28T10:13:28.267+05:302011-03-28T10:13:28.267+05:30श्याम नारायण मिश्र द्वारा रचित नवगीत-'बंजारे ...श्याम नारायण मिश्र द्वारा रचित नवगीत-'बंजारे बादल' में प्रयोग किए गए देशज बिंब अपनी पूर्ण समग्रता में सार्थक सिद्ध हुए हैं। कविता के अनुरूप भाव प्रधान बिंबों का सटीक प्रयोग अच्छा लगा। धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-37284009884266479672011-03-28T09:31:54.004+05:302011-03-28T09:31:54.004+05:30kitna saundarya ghol rahe hain banjare badal-bahut...kitna saundarya ghol rahe hain banjare badal-bahut sunder rachna -Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-50741635456434001782011-03-28T09:12:12.281+05:302011-03-28T09:12:12.281+05:30बंजारे बादल - कितना मनोहारी है। किसी एक पद को श्र...बंजारे बादल - कितना मनोहारी है। किसी एक पद को श्रेष्ठ चुनना बहुत ही मुश्किल है। पूरा का पूरा गीत ही हृदयस्पर्षी है। आभार,good_donehttps://www.blogger.com/profile/15110617932419017381noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-33625263206742303452011-03-28T09:06:32.658+05:302011-03-28T09:06:32.658+05:30बंजारे बादल भी कितने राज छिपाये फिरते हैं।बंजारे बादल भी कितने राज छिपाये फिरते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32649308869685959782011-03-28T09:06:27.173+05:302011-03-28T09:06:27.173+05:30देशज बिम्बों से अटा पड़ा बेहद आकर्षक और मनमोहक नवग...देशज बिम्बों से अटा पड़ा बेहद आकर्षक और मनमोहक नवगीत।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-78101953719155139262011-03-28T08:49:04.165+05:302011-03-28T08:49:04.165+05:30बेहतरीन कविताये , संवेदनशील विषय बधाईबेहतरीन कविताये , संवेदनशील विषय बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.com