tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post8219980431560104679..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: गज़ल :: कुछ बढाई गयी कुछ घटाई गयीमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger38125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72255109364314635792011-10-14T12:47:19.936+05:302011-10-14T12:47:19.936+05:30bahut hi auda ghazal likhi hai....aabhaar.. :)bahut hi auda ghazal likhi hai....aabhaar.. :)pratima raihttps://www.blogger.com/profile/10373748671728693574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-47029769848192293682010-12-01T18:32:19.668+05:302010-12-01T18:32:19.668+05:30
थोड़ा देर से, परंतु अच्छी रचना के लिए बधाई कुबू...<br />थोड़ा देर से, परंतु अच्छी रचना के लिए बधाई कुबूल करें।<br />फ़ेंक दो ये किताबें अंधेरों की हैं,<br />जिल्द उजली किरण की चढ़ाई गयी।तदात्मानं सृजाम्यहम्https://www.blogger.com/profile/17998161682045005502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-43403931736566862412010-12-01T15:59:40.635+05:302010-12-01T15:59:40.635+05:30जब भी आँखों से बहे आंसूं मान लो , मुस्कुराने की ...जब भी आँखों से बहे आंसूं मान लो , मुस्कुराने की कीमत चुकाई गयी...<br /><br />एक -एक पंक्ति दर्द की ताबीर है !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32602117067777779232010-11-30T20:44:13.181+05:302010-11-30T20:44:13.181+05:30जब भी आँखों से आंसू बहे जान लो,
मुस्कुराने...जब भी आँखों से आंसू बहे जान लो,<br /><br />मुस्कुराने की कीमत चुकाई गयी। <br /><br />Behatreen rachna !<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-15242654981848908192010-11-30T09:50:52.667+05:302010-11-30T09:50:52.667+05:30संगीता जी ,
ग़ज़ल को चर्चा मंच पर स्थान देकर मुझे उ...संगीता जी ,<br />ग़ज़ल को चर्चा मंच पर स्थान देकर मुझे उत्साहित करने के लिए धन्यवाद और आभार !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-82239743531846643952010-11-30T06:48:20.990+05:302010-11-30T06:48:20.990+05:30Yatharth ko darshata yah Ghazal manbhavan laga.Bah...Yatharth ko darshata yah Ghazal manbhavan laga.Bahut khub.प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-42013955221019396972010-11-30T06:41:54.283+05:302010-11-30T06:41:54.283+05:30"देश की हर गली में भटकती मिली वह दुल्हन जो ति..."देश की हर गली में भटकती मिली वह दुल्हन जो तिरंगे को व्याही गई"बहुत मर्म स्पर्शी भाव लिए पंक्ति |बधाई <br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-52570650348226939932010-11-29T22:57:20.783+05:302010-11-29T22:57:20.783+05:30wah--wah, bahut sundar ghazal---badhai, marmagya j...wah--wah, bahut sundar ghazal---badhai, marmagya ji.महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-56156540343891114012010-11-29T22:27:13.929+05:302010-11-29T22:27:13.929+05:30बेहतरीन ग़ज़ल, बेहतरीन शेर हैबेहतरीन ग़ज़ल, बेहतरीन शेर हैरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-65664942624750629602010-11-29T21:00:15.593+05:302010-11-29T21:00:15.593+05:30जब भी आँखों से आंसू बहे जान लो,
मुस्कुरान...जब भी आँखों से आंसू बहे जान लो, <br /><br />मुस्कुराने की कीमत चुकाई गयी। <br /><br />बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल .....वाहVIJAY KUMAR VERMAhttps://www.blogger.com/profile/06898153601484427791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-62528959910529883542010-11-29T19:42:06.415+05:302010-11-29T19:42:06.415+05:30किस शेर की तारीफ़ की जाए,किस शिल्प की प्रशंसा करें,...किस शेर की तारीफ़ की जाए,किस शिल्प की प्रशंसा करें,किस भाव के लिए वाह करें और कहाँ कहाँ दाद दें... एक मुकम्मल बाबहर गज़ल!<br />मर्मज्ञ जी ग़ज़ल के मर्म तक पहुँच गए हैं!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-51789865748944872112010-11-29T19:20:06.529+05:302010-11-29T19:20:06.529+05:30बेहतरीन ग़ज़ल
इस ग़ज़ल की तारीफ़ पहले ही कर चुका हूँ
...बेहतरीन ग़ज़ल <br />इस ग़ज़ल की तारीफ़ पहले ही कर चुका हूँ <br />मेरी तारीफ़ अभी भी वहीँ कायम है<br />जब भी, जहाँ भी यह ग़ज़ल नजर आएगी, मैं अपनी राय बदलूँगा नहीं .. वादा है :)उस्ताद जीhttps://www.blogger.com/profile/03230688096212551393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-62480762762940035142010-11-29T18:48:22.741+05:302010-11-29T18:48:22.741+05:30बहुत ही सुन्दर गज़ल.बहुत ही सुन्दर गज़ल.ज़मीरhttps://www.blogger.com/profile/03363292131305831723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-31785007023225674862010-11-29T18:32:52.257+05:302010-11-29T18:32:52.257+05:30"
फ़ेंक दो ये किताबें अंधेरों की ..."<br /><br />फ़ेंक दो ये किताबें अंधेरों की हैं,<br /><br />जिल्द उजली किरण की चढ़ाई गयी।"... अन्धोरों को चीडकर उजाला लाती ग़ज़ल उत्कृष्ट है.. बहुत सुन्दरअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-37519360263951997772010-11-29T18:10:47.329+05:302010-11-29T18:10:47.329+05:30सुन्दर प्रस्तुति!सुन्दर प्रस्तुति!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-47506621652735255232010-11-29T16:52:44.192+05:302010-11-29T16:52:44.192+05:30देश की हर गली में भटकती मिली,
वो दुल्हन जो ...देश की हर गली में भटकती मिली,<br /><br />वो दुल्हन जो तिरंगे को ब्याही गयी।<br /><br />राम की मुश्किलों में हमेशा यहाँ,<br /><br />बेगुनाही की सीता जलाई गयी<br />दिल को झकझोर देने वाली पंक्तियाँ.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-45104764141574492912010-11-29T16:52:10.537+05:302010-11-29T16:52:10.537+05:30लफ्जों के तरन्नुम से जरा देर को सही,
हो फिर से मु...लफ्जों के तरन्नुम से जरा देर को सही, <br />हो फिर से मुलाक़ात कोई छेडिये ग़ज़ल !<br />ख्वाइश हो ख़ामोशी हो ख्यालात का ख़म हो,<br />खुशियों की हो बरसात कोई छेडिये ग़ज़ल !!<br /><br />ज्ञानजी की कलम से निकली यह एक क्लासिक ग़ज़ल है. छोटे बहर में दुरुस्त रदीफ़-ओ-काफिया.... छोटे-छोटे शब्दों में बड़े मायने.... लाजवाब अशआर.... दिल बाग़-बाग़ हो गया पढ़ कर. जहां तक भाव पक्ष की बात है, ज्ञानचंद जी सच में मर्मज्ञ हैं. वे मर्म की बातों को इतनी कोमलता से उधेर कर रख देते हैं मानो फूल की पंखुरियों से बारूद का सीना चीर दीया हो.... "जब भी आँखों से आंसू बहे जान लो, मुस्कुराने की कीमत चुकाई गयी।" आपको बता दूँ कि ज्ञानजी के श्रीमुख से यह ग़ज़ल मैं ने पहले भी सुनी थी और उपर्युक्त शे'र इतना पसंद आया था कि कई महीनो तक मेरे व्यक्तिगत जी-मेल आईडी के स्टेटस मेसेज में रहा था.... ! मर्मज्ञ जी, आपको धन्यवाद देना सूर्या को दीया दिखाने जैसा होगा..... !करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-90726310042614678412010-11-29T16:05:15.400+05:302010-11-29T16:05:15.400+05:30चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी इस रचना...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी इस रचना का लिंक मंगलवार 30 -11-2010 <br /> को दिया गया है .<br />कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-79284290511826539042010-11-29T16:05:10.728+05:302010-11-29T16:05:10.728+05:30बहुत खूबसूरत गज़ल ...बहुत खूबसूरत गज़ल ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57380667545295683022010-11-29T15:40:31.720+05:302010-11-29T15:40:31.720+05:30कुछ बढाई गयी कुछ घटाई गयी,
ज़िंदगी हर...कुछ बढाई गयी कुछ घटाई गयी,<br /><br />ज़िंदगी हर अदद आज़माई गयी।<br /><br />फ़ेंक दो ये किताबें अंधेरों की हैं,<br /><br />जिल्द उजली किरण की चढ़ाई गयी। <br />बेहतरीन ग़ज़ल <br />ahleislam.blogspot.comALLAHUAKBARhttps://www.blogger.com/profile/05302540212301948384noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-9287960170083908942010-11-29T14:33:26.127+05:302010-11-29T14:33:26.127+05:30राजीव जी,सदा जी,वंदना जी,मजाल जी,हरीश जी,परशुराम ज...राजीव जी,सदा जी,वंदना जी,मजाल जी,हरीश जी,परशुराम जी,रत्ना जी,नोटी बॉय,अंकुर जी ,<br />आप सबके यशश्वी विचार मेरी प्रेरणा को नई उर्जा प्रदान कर रहे हैं!<br />आप सभी का अति कृतज्ञता पूर्वक आभार प्रकट करता हूँ !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-83800712658540598212010-11-29T14:30:34.003+05:302010-11-29T14:30:34.003+05:30देश की हर गली में भटकती मिली,
वो दुल्हन जो ...देश की हर गली में भटकती मिली,<br /><br />वो दुल्हन जो तिरंगे को ब्याही गयी...<br /><br />बहुत ख़ूबसूरत भावपूर्ण गज़ल. हरेक शेर लाज़वाब ..आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-72979332071659174962010-11-29T13:57:05.144+05:302010-11-29T13:57:05.144+05:30सुन्दर और भावप्रधान गजल के लिए बधाई।सुन्दर और भावप्रधान गजल के लिए बधाई।Ankurhttps://www.blogger.com/profile/14470794234224320950noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-63413749136910876062010-11-29T13:55:42.940+05:302010-11-29T13:55:42.940+05:30मर्मज्ञ जी बहुत अच्छी गजल है। सच ऐसा ही देखने को म...मर्मज्ञ जी बहुत अच्छी गजल है। सच ऐसा ही देखने को मिलता है चारो तरफ।<br /><br />आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/15988235447716563801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-37431269436891799772010-11-29T13:53:58.708+05:302010-11-29T13:53:58.708+05:30सुन्दर और भावप्रधान गजल के लिए बधाई।सुन्दर और भावप्रधान गजल के लिए बधाई।good_donehttps://www.blogger.com/profile/15110617932419017381noreply@blogger.com