tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post8424645849246409920..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: फ़ुरसत में ... सबसे बुरा दिनमनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-30283421591628011142011-10-19T23:30:41.598+05:302011-10-19T23:30:41.598+05:30यादें याद आती हैं.....
फस्ट इयर की छुट्टियाँ अक्सर...यादें याद आती हैं.....<br />फस्ट इयर की छुट्टियाँ अक्सर ऐसे ही मौसम के साथ आती थीं.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-35282663320952432992011-10-19T17:35:52.516+05:302011-10-19T17:35:52.516+05:30यादें भी क्या चीज़ होती हैं ... पीछा नहीं छोडती .....यादें भी क्या चीज़ होती हैं ... पीछा नहीं छोडती ... व्यंगात्मक शैली लाजवाब है आपकी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-59060645927711769892011-10-17T11:30:57.293+05:302011-10-17T11:30:57.293+05:30आपके व्यंग्य-विधा की विशेषता यह है कि आप साधु शब्द...आपके व्यंग्य-विधा की विशेषता यह है कि आप साधु शब्दावली में हल्की-फ़ुल्की बातों से शुरु कर उत्तरोत्तर विषय-गांभीर्य को प्रकट करते हैं परंतु आलेख का प्रवाह और मूड यथावत रहता है। संतुलित हास्य आपके लेखन में स्वतः आता है। <br /><br />धन्यवाद!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-36962234874610088202011-10-16T11:15:04.259+05:302011-10-16T11:15:04.259+05:30बहुत ही अच्छा :)बहुत ही अच्छा :)निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-5181218655465272712011-10-16T09:17:31.946+05:302011-10-16T09:17:31.946+05:30हवाओं का रुख इस तरह बदला ...सहानुभूति है !
टिनापो...हवाओं का रुख इस तरह बदला ...सहानुभूति है !<br />टिनापोल , केयोकार्पिन , सुलेखा स्याही , फ्लोर फाउन्टेन पेन ...कितना जाना पहचाना लग रहा है यह वक्त !<br />चुलबुली यादें !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11699276783941968412011-10-16T07:50:42.556+05:302011-10-16T07:50:42.556+05:30वे दिन भी क्या दिन थे.वे दिन भी क्या दिन थे.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-74557448165733908822011-10-15T22:20:44.998+05:302011-10-15T22:20:44.998+05:30बहुत खूब।
छुट्टियों के बाद आने पर हवाएं ऐसी बदल ...बहुत खूब। <br /><br />छुट्टियों के बाद आने पर हवाएं ऐसी बदल जाएंगी, सोचकर बड़ी हैरानी होती है। पर, है तो वास्तव में बुरी लगने वाली ही बात। लेकिन, खूबी तो इसे सच्चाई और ईमानदारी के साथ स्वीकार करने की है। <br /><br />हा... हा... हा..। आज जरा सँभलकर रहिएगा। <br /><br />आपके लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-26243669495328770882011-10-15T19:40:03.093+05:302011-10-15T19:40:03.093+05:30शीर्षक तो बहुत अटपटा है मगर पोस्ट चटपटी है!
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इस ...शीर्षक तो बहुत अटपटा है मगर पोस्ट चटपटी है!<br />--<br />इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी की गई है!<br />यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> का भी प्रयास सफल होगा।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-32703102284347838062011-10-15T18:08:00.384+05:302011-10-15T18:08:00.384+05:30behtarin...chemistry lab se baapas aane me badhi h...behtarin...chemistry lab se baapas aane me badhi hui samaybadhi swabhavik hai..purane daur ka ekdam jewant chitran karte hue shandaar tarike se likhi behtarin rachna..sadar pranam ke sathDr.Ashutosh Mishra "Ashu"https://www.blogger.com/profile/06488429624376922144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-64136313104566359902011-10-15T17:10:44.357+05:302011-10-15T17:10:44.357+05:30lolz..हा हा हा ..च च च ...मजा आ गया ..
केयो कर्पिन...lolz..हा हा हा ..च च च ...मजा आ गया ..<br />केयो कर्पिन<br />कापियों के खूबसूरत जिल्द.<br />और चमकते कपड़े <br />उफ़..पत्नीश्री को मत पढवा दीजियेगा आज के दिन ये :):)shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-15648613801355823992011-10-15T16:45:59.700+05:302011-10-15T16:45:59.700+05:30रोचक --
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
शुभ-कामनाएं ||रोचक --<br /><br />बहुत बढ़िया प्रस्तुति ||<br />शुभ-कामनाएं ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49457586859054195992011-10-15T15:57:50.350+05:302011-10-15T15:57:50.350+05:30उफ़ …………ये तो वो ही बात हो गयी बडे बेआबरू होकर तेर...उफ़ …………ये तो वो ही बात हो गयी बडे बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले……………वैसे ऐसी यादे उम्र भर याद रहती हैं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-24973650868656050102011-10-15T14:36:59.642+05:302011-10-15T14:36:59.642+05:30वाह ...बेहतरीन प्रस्तुति ।वाह ...बेहतरीन प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-9542139940864620162011-10-15T12:28:49.456+05:302011-10-15T12:28:49.456+05:30हुम्म्म्म- अच्छा है ,सहज भाव से लिखा गया ,बहुत लोग...हुम्म्म्म- अच्छा है ,सहज भाव से लिखा गया ,बहुत लोग कुछ याद करके असहज होंगे।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-88605453043457855892011-10-15T12:27:49.180+05:302011-10-15T12:27:49.180+05:30बड़ा ही रोचक आख्यान, बार बार हँसने का क्रम हो गया।...बड़ा ही रोचक आख्यान, बार बार हँसने का क्रम हो गया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-4036634152631009882011-10-15T12:15:22.941+05:302011-10-15T12:15:22.941+05:30बहुत खूब ..... :-)
शुभकामनायें !बहुत खूब ..... :-)<br />शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-1575574685745438702011-10-15T10:33:12.936+05:302011-10-15T10:33:12.936+05:30बहुत मजेदार वर्णन .. भूली बिसरी यादें ही तो रह जात...बहुत मजेदार वर्णन .. भूली बिसरी यादें ही तो रह जाती है अपने पास !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70779198787585494132011-10-15T10:01:43.737+05:302011-10-15T10:01:43.737+05:30करवा चौथ के अवसर पर नायाब पोस्ट। हा हा हाहा। कॉल...करवा चौथ के अवसर पर नायाब पोस्ट। हा हा हाहा। कॉलेज के सुनहरी दिन वापस कहाँ आते हैं?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-38193812304897932372011-10-15T09:48:13.506+05:302011-10-15T09:48:13.506+05:30गर्मी की छुतियों के बाद सबसे बुरा दिन ... न जाने क...गर्मी की छुतियों के बाद सबसे बुरा दिन ... न जाने क्या क्या सोच कर गए थे ... पर हावाओं का रुख बदल गया ..आंधी में उड़ गयी सोच ... आज फुरसत में खोला है खूब स्मृतियों का पिटारा ..लगता है आज तूफ़ान का सामना करने की तैयारी है ..<br /><br />बढ़िया संस्मरणसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-3047874888565658122011-10-15T08:55:50.080+05:302011-10-15T08:55:50.080+05:30आपने कालेज के दिनों की यादें ताज़ा करा दीं.आपने कालेज के दिनों की यादें ताज़ा करा दीं.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-34596958346644057212011-10-15T08:47:43.708+05:302011-10-15T08:47:43.708+05:30मस्त राप्चिक पोस्ट :) आनंदम्..आनंदम्।मस्त राप्चिक पोस्ट :) आनंदम्..आनंदम्।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49232320219039804372011-10-15T08:14:35.416+05:302011-10-15T08:14:35.416+05:30ये स्मृतियां भी एक अजीब सी चीज होती है । जिंदगी के...ये स्मृतियां भी एक अजीब सी चीज होती है । जिंदगी के सही संदर्भों में देखा जाए तो इन स्मृतियों का बहुत ही महत्व है । ये हमें तोड़ती नही हैं चाहे उन्हे सोचकर दुख मिले या सुख, कभी न कभी हमें विगत जीवन का एक पैमाना देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर जाती हैं । आज हम इस उम्र की दहलीज पर पहुँच कर इन स्मृतियों को महत्व नही देते हैं लेकिन सही तरह से इनके विवर में झांका जाए तो उस समय जो भाव कच्चे मन में पल्लवित एवं पुष्पित हुए थे, उनको कभी भी किसी के लिए अलग करना संभव नही हो पाएगा । बहुत अच्छा एवं मनोहारी संस्मरण प्रस्तुत करने के लिए आपका आभार ।<br />धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-49538807213786739692011-10-15T08:13:18.005+05:302011-10-15T08:13:18.005+05:30व्यंग्य बहुत ही अच्छा और कसा हुआ है।व्यंग्य बहुत ही अच्छा और कसा हुआ है।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57435984924702226442011-10-15T07:58:29.073+05:302011-10-15T07:58:29.073+05:30-अर्द्ध-वार्षिक पौशाकों का कोटा घट के वार्षिक हो ग...-अर्द्ध-वार्षिक पौशाकों का कोटा घट के वार्षिक हो गया<br />-मांड वाला कलफ<br />- केयों कार्पिन<br />और इस के बाद लिपिस्टिक, साड़ी, नेल पोलिश, माथे पर बिंदिया और माँग में सिंदूर <br /><br />हाए हाए हाये - सर जी बहुत कुछ कह गए हैं आप। अब तो याद ही करो बस, और भाभीजी को मत बताना - भाई करवा चौथ है आज।<br /><br /><a href="http://thalebaithe.blogspot.com/2011/10/blog-post_14.html" rel="nofollow">गुजर गया एक साल</a>www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-2516010251692887072011-10-15T07:57:51.465+05:302011-10-15T07:57:51.465+05:30bestbestचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.com