tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post9125184225670484163..comments2024-03-21T16:36:38.774+05:30Comments on मनोज: भारतीय भाषाओं में प्रयुक्त होने वाली ध्वनियाँ - एक परिचर्चामनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-48858481881382710352011-08-13T01:28:37.675+05:302011-08-13T01:28:37.675+05:30उदात्त आदि नहीं सुना था पहले कभी। लेकिन यह क्या शु...उदात्त आदि नहीं सुना था पहले कभी। लेकिन यह क्या शुरु में क्ष, त्र और ज्ञ से बात आगे और ही। उसका इन्तजार है। सूचित अवश्य कीजिएगा। अगर यह होता है तो। महाप्राण के लिए बस अंग्रेजी में एच अक्षर्काफ़ी है पहचानने के लिए<br /><br />अंग्रेजी के अक्षरों आदि का कारण है, उसे समझना और उस पर ध्यान देना। हमारे यहाँ तो लोग कहते हैं कि हिन्दी पढ़ने की जरूरत ही नहीं है जैसे सब के सब विद्वान ही पैदा होते हैं। मातृभाषा का मतलब यह नहीं कि हमें उसे पढ़ना ही न पड़े। इस मानसिकता से लोग मुक्त हों तब तो।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-34987440613555457342011-08-05T19:35:27.973+05:302011-08-05T19:35:27.973+05:30ज्ञानवर्धक आलेख. आभार.
सादर,
डोरोथी.ज्ञानवर्धक आलेख. आभार.<br />सादर, <br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-42593185964640269372011-08-05T17:30:29.475+05:302011-08-05T17:30:29.475+05:30अपनी प्रतिक्रिया में मैं उपर्युक्त सभी विचारों से ...अपनी प्रतिक्रिया में मैं उपर्युक्त सभी विचारों से सहमति रखता हूँ।<br /><br />यह पोस्ट ब्लोग-जगत के लिये अमूल्य धरोहर है। आप तो धरोहरों के संरक्षण के लिये नेट-प्रसिद्ध हो गये हैं। धन्यवाद॥करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-15426045408203573282011-08-05T13:33:26.670+05:302011-08-05T13:33:26.670+05:30बहुत सुन्दर...बहुत सुन्दर...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14167053354313199541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-85117200325578269032011-08-05T11:23:45.050+05:302011-08-05T11:23:45.050+05:30ज्ञानवर्धक एवं प्रशंसनीय आलेख।
आभार,ज्ञानवर्धक एवं प्रशंसनीय आलेख।<br /><br />आभार,good_donehttps://www.blogger.com/profile/15110617932419017381noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-87284773842191324832011-08-05T09:33:10.018+05:302011-08-05T09:33:10.018+05:30वाह वाह.
बहुत ही ज्ञानवर्धक आलेख है.
आभार.वाह वाह.<br />बहुत ही ज्ञानवर्धक आलेख है.<br />आभार.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-44408168749434929152011-08-05T06:57:58.631+05:302011-08-05T06:57:58.631+05:30सहज लेकिन वैज्ञानिकता से स्पष्ट किया गया, क्ष-त्...सहज लेकिन वैज्ञानिकता से स्पष्ट किया गया, क्ष-त्र-ज्ञ की प्रतीक्षा है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-11762807616106500232011-08-04T23:56:42.738+05:302011-08-04T23:56:42.738+05:30पहली बार इतने विस्तार से जाना। बहुत शोधपूर्ण और श्...पहली बार इतने विस्तार से जाना। बहुत शोधपूर्ण और श्रमसाध्य। अवश्य ही,कहीं संदर्भ देने के काम आएगा।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-42106187766675268102011-08-04T20:40:22.224+05:302011-08-04T20:40:22.224+05:30महेश्वर के सूत्र को बहुत अच्छे ढंग से समझाया है आच...महेश्वर के सूत्र को बहुत अच्छे ढंग से समझाया है आचार्य जी ने!<br />प्रणाम करता हूँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-33716252782542645002011-08-04T20:26:22.271+05:302011-08-04T20:26:22.271+05:30बहुत ही सार्थक आलेख है। इन सब बातों से भी हमें अवग...बहुत ही सार्थक आलेख है। इन सब बातों से भी हमें अवगत होना चाहिए ही। ब्लोगजगत को यह आपकी अमूल्य देन है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-63312453814556993682011-08-04T19:43:41.327+05:302011-08-04T19:43:41.327+05:30आचार्य जी!
मुझे तो हमेशा से ही आपकी पोस्ट को पढना ...आचार्य जी!<br />मुझे तो हमेशा से ही आपकी पोस्ट को पढना किसी कक्षा में बैठकर सीखने जैसा है... और सच है कि सीखने की कोइ उम्र नहीं होती! <br />आज 'आंच' पर भी समीक्षा से इतर कुछ सीखने को मिला!!<br />आभार आचार्यवर!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-70392492727196739382011-08-04T16:39:53.080+05:302011-08-04T16:39:53.080+05:30भिक्षाटन करता फिरे, परहित चर्चाकार |
इक रचना पाई इ...भिक्षाटन करता फिरे, परहित चर्चाकार |<br />इक रचना पाई इधर, धन्य हुआ आभार ||<br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-73463782747946197872011-08-04T15:22:54.802+05:302011-08-04T15:22:54.802+05:30बहुत सुन्दर बधाईबहुत सुन्दर बधाईचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-83466511229760838852011-08-04T15:14:56.377+05:302011-08-04T15:14:56.377+05:30bahut hi gahan chintan-manan..
Bahut upyogi aur gy...bahut hi gahan chintan-manan..<br />Bahut upyogi aur gynvardhak prastuti ke liye aabhar!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-87898605630516661382011-08-04T13:43:34.930+05:302011-08-04T13:43:34.930+05:30गहन विवेचन।
इस विशिष्ट कार्य के लिए आचार्य जी को ...गहन विवेचन।<br /><br />इस विशिष्ट कार्य के लिए आचार्य जी को आभार।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-76054851716078277622011-08-04T11:26:46.198+05:302011-08-04T11:26:46.198+05:30मनोज जी बहुत ही ज्ञानवर्धक आलेख है. बहुत दिनो बाद ...मनोज जी बहुत ही ज्ञानवर्धक आलेख है. बहुत दिनो बाद हिन्दीभषा का आलेख पढ़ा. आज के जमाने मे हमारे युवा वर्ग अंग्रेजी को ज्यादा महत्व दे रहे है और हिन्दी भाषा का महत्व भूलते जा रहे है.. ऐसा आलेख हमारी मातृभाषा को पुनर्जीवित करता है. <br />उम्मीद है इसी तरह आप हम-लोगो को हिन्दी भषा का ज्ञान विस्तार रूप से बांटते रहेंगे. धन्यवाद..Suresh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/14504076036909555558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-57145307321100273092011-08-04T10:16:33.938+05:302011-08-04T10:16:33.938+05:30बिलकुल, इस तरह के आलेखों को अधिक से अधिक लोगों तक ...बिलकुल, इस तरह के आलेखों को अधिक से अधिक लोगों तक पाहुचना ही चाहिए| ये टिप्पणी वाले आलेख नहीं हैं| आचार्य जी और मनोज भाई साब पुनराभिनंदनwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-67581842538795766202011-08-04T10:00:27.718+05:302011-08-04T10:00:27.718+05:30ज्ञानवर्धन हुआ. मुझे लगता है, आपको सुनना अधिक लाभ...ज्ञानवर्धन हुआ. मुझे लगता है, आपको सुनना अधिक लाभकारी रहेगा.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-43882027452471684352011-08-04T09:16:01.691+05:302011-08-04T09:16:01.691+05:30@ आशीष जी,
बिल्कुल अनुमति है जी, ये तो हमारे लिए ...@ आशीष जी,<br /><br />बिल्कुल अनुमति है जी, ये तो हमारे लिए सौभाग्य की बात है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-39045009613219719222011-08-04T09:10:50.396+05:302011-08-04T09:10:50.396+05:30भारतीय भाषाओं का स्वर-सिद्धान्त वैज्ञानिकता से परि...भारतीय भाषाओं का स्वर-सिद्धान्त वैज्ञानिकता से परिपोषित है, राजनीति के कर्कशों से मार खाता है बस।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5482943667856126886.post-7223400270557311362011-08-04T09:08:44.740+05:302011-08-04T09:08:44.740+05:30बेहतरीन लेख !
कृपया इस लेख को हिन्दी वीकीपीडीया म...बेहतरीन लेख !<br /><br />कृपया इस लेख को हिन्दी वीकीपीडीया मे डालने की अनुमति दें!Ashish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.com