नूतन वर्षाभिनन्दन!!
आ गया है साल नूतन, ख़ुशियों
की सौगात लेकर,
करें इसका मिलके स्वागत जोश और ज़ज़्बात लेकर।
याद मन में अपने कर लें, मुस्कुराते
बीते कल को
उम्र-भर रोना नहीं, बिगड़े हुये
हालात लेकर।
आओ नज्मों में मिला लें, सबसे मीठी
प्रेम-भाषा,
हो ग़ज़ल कामिल हर शै, क़लम और
दावात लेकर।
दुनिया में बस हो मोहब्बत, प्यार में
विश्वास अपना,
स्नेह का आँचल लिए, आये घटा
बरसात लेकर।
हो न मैली जग की चादर, मन-चमन ऐसे
बुहारें,
साल का हर सुबह आये, चैन-ओ-अमन
की रात लेकर।
हो न उनसे वास्ता, जिनकी
फितरत हो दबी सी,
तिरछे-आड़े जो चलें, शतरंज की बिसात लेकर।
मिल-जुल रहें ‘मसरूफ़’ सब, हो प्यार
का अहसास हरदम,
दो हज़ार बीस है आया, उम्मीद की
बारात लेकर।
- मनोज ‘मसरूफ़’