रविवार, 23 जून 2024

अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक दिवस

 

अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक दिवस

मनोज कुमार

23 जून, आज अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। ओलंपिक खेल हर चार साल बाद होने वाला अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल आयोजन है जिसे दुनियाभर के लोग वैश्विक खेल उत्सव के रूप में मनाते हैं ये खेलों का सबसे बड़ा उत्सव है जिसमें बड़ी संख्या में विभिन्न राष्ट्रों के खिलाड़ी और लोग एक ही स्थान पर एक ही समय में इकट्ठा होते हैं

पहला ओलम्पिक खेल:

पहला ओलम्पिक खेल ओलम्पस नामक यूनानी देवता के सम्मान में 776 ईसा पूर्व ग्रीस (यूनान) के ओलंपिया में आयोजित किया गया था। इसी से इसका नाम ओलंपिक खेल पड़ा। इसे ओलंपियाड के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह आयोजन एक एथलेटिक और कलात्मक उत्सव था जो देवताओं की पूजा को समर्पित था

ओलम्पिक खेल बंद:

उन दिनों ओलंपिक का आयोजन एक उत्सव के तौर पर होता था और इसमें सभी तरह के धर्मों के लोग हिस्सा लेते थे। शुरू में केवल एथलेटिक्स के खेल ही आयोजित किए जाते थे। धीरे-धीरे अन्य खेल भी शामिल किए गए। यूनानियों और रोमनों के बीच युद्ध के कारण 394 ई. में ओलम्पिक खेल बंद हो गए थे। रोमन लोग एथलेटिक्स को तिरस्कार की नज़र से देखते थे, नग्न होकर सार्वजनिक रूप से प्रतिस्पर्धा करना उनकी नज़र में अपमानजनक था। चौथी शताब्दी ईस्वी में रोमन शासक सम्राट थियोडोसियस प्रथम ने इस उत्सव के धार्मिक तत्व के कारण ग्रीक ओलंपिक पर प्रतिबंध लगा दिया था। सम्राट थियोडोसियस प्रथम का मानना था कि इसमें मूर्तिपूजा की जाती है और उसने मूर्ति पूजा वाले सभी धार्मिक त्योहार प्रतिबंधित कर दिए थे। इसके बाद ओलंपिक खेल खत्म हो गया।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति:

खेलों के महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल 23 जून को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है  अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति अप्रैल 1896 में आधुनिक युग के पहले ओलंपिक खेलों से ठीक दो साल पहले 23 जून 1894 को बनाया गया। पहली बार 23 जून 1948 को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया गयाअंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ओलंपिक खेलों की संरक्षक और ओलंपिक आंदोलन की नेता है। यह समिति  एक गैर-लाभकारी स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो खेल के माध्यम से एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समिति दुनिया भर में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों के प्रशासन की देखभाल करती है। समिति ओलंपिक खेलों के नियम और विनियम तय करती है। यह भी तय करती है कि अगला ओलंपिक आयोजन कब और कहाँ होगा। वर्तमान में इस समिति में 103 सदस्य, 45 मानद सदस्य और 2 सम्मान सदस्य हैं। 2016 में नीता अंबानी को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति में शामिल किया गया। वह पहली भारतीय महिला हैं जिन्हें इस समिति में शामिल किया गया है। आईओसी का मुख्यालय लुसाने, स्विटजरलैंड में स्थित है। अध्यक्ष का चुनाव आईओसी सदस्यों के बीच गुप्त मतदान द्वारा किया जाता है। वर्तमान में, अध्यक्ष का चुनाव आठ वर्ष की अवधि के लिए किया जाता है, जिसे एक बार चार वर्ष की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है। वर्तमान अध्यक्ष थॉमस बाक हैं। डेमेत्रियास विकेलस पहले अध्यक्ष थे।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष

नाम

देश

साल

दिमित्रियोस विकेलास

यूनान

1894–96

पियरे बैरन डी कुबर्टिन 

फ्रांस

1896–25

हेनरी, बैलेट-लाटौर

बेल्जियम

1925–42

जे सिगफ्रिड एडस्ट्रॉम

स्वीडन

1946–52

एवरी बुन्डेज

संयुक्त राज्य अमेरिका

1952–72

माइकल मॉरिस लॉर्ड किलन

आयरलैंड

1972–80

जुआन एंटोनियो समरंच 

स्पेन

1980–2001

जैक्स रोगे

बेल्जियम

2001–13

थॉमस बाख

जर्मनी

2013–वर्तमान

 

आधुनिक ओलम्पिक खेल: 

सम्राट थियोडोसियस प्रथम के प्रतिबंध लगाने के बाद इन खेलों को एकदम भुला ही दिया लगभग 1500 सालों तक ये खेल आयोजित नहीं किए गए 19वीं शताब्दी में एक बार फिर से ये खेल आयोजित किए गए 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में आधुनिक ओलम्पिक खेल को फ्रांस के शिक्षाविद् बैरन पियरे डी कॉबर्टिन के प्रयासों से शुरू किया गया इसके बाद सालों तक ओलंपिक आंदोलन का स्वरूप नहीं ले पाया 1900 में पेरिस और 1904 में सेंट लुई में ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ भव्य आयोजन की कमी के कारण ये खेल ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो पाए फिरभी इन तमाम सुविधाओं की कमी, आयोजन की मेजबानी की समस्या और खिलाड़ियों की कम भागीदारी-इन सभी समस्याओं के बावजूद धीरे-धीरे ओलंपिक अपने मक़सद में क़ामयाब होता गया 1908 में लंदन में आधुनिक ओलंपिक के चौथे संस्करण का आयोजन किया गया तो इसमें 2000 धावकों ने शिरकत की इसके बाद से ओलम्पिक खेलों की लोकप्रियता बढ़ती गयी ओलंपिक खेलों के आयोजन का सम्मान किसी देश को नहीं बल्कि शहर को सौंपा जाता है। 

ओलम्पिक ध्वज:

1914 में बैरन पियरे डी कॉबर्टिन की सलाह पर ओलम्पिक ध्वज बनाया गया। ध्वज सिल्क का बना होता है। यह सफ़ेद रंग का होता है। इस पर आपस में जुड़े नीले, पीले, काले, हरे और लाल रंग के पांच छल्ले होते हैं। ये पांच छल्ले पांच महाद्वीपों की मित्रता और एकता के प्रतीक हैं। नीला छल्ला यूरोप, पीला एशिया, काला अफ्रीका, हरा आस्ट्रेलिया और लाल अमेरिका महाद्वीप का प्रतीक है।

आदर्श वाक्य

19वीं शताब्दी में खेल संगठन नियमित रूप से एक विशिष्ट दर्श वाक्य चुनते थे। ओलंपिक खेलों के आधिकारिक आदर्श वाक्य के रूप में, कोबेर्टिन ने "सिटियस, अल्टियस, फोर्टियस" को अपनाया, जिसका लैटिन में अर्थ है "तेज़, ऊँचा, मजबूत"। ओलंपिक खेलों में सबसे महत्वपूर्ण बात जीतना नहीं बल्कि भाग लेना है।

ओलम्पिक शुभंकर

शुभंकर खेलों के प्रतिनिधि होते हैं और प्रतियोगियों और दर्शकों में उत्साह लाते हैं। इंसान या जानवर की आकृति वाला यह शुभंकर मेजबान देश की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। ओलम्पिक खेलों का पहला शुभंकर 1968 के ओलम्पिक के दौरान आया, हालांकि ये अनाधिकारिक था। आधिकारिक रूप से ओलम्पिक खेलों का पहला शुभंकर 1972 के खेलों में शामिल हुआ। 

ओलम्पिक मशाल:

ओलंपिक खेलों के शुरू होने से कई महीने पहले जलाई जाने वाली ओलंपिक मशाल ओलंपिक का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है और पूरे समारोह के दौरान जलाई जाती है। 1928  के एम्सटर्डम ओलम्पिक से मशाल जलाने की शुरुआत हुई। ओलंपिक मशाल प्राचीन और आधुनिक ओलंपिक खेलों के बीच निरंतरता का प्रतीक है, जिसे ग्रीस के ओलंपिया में जलाया जाता है और खेलों के दौरान जलती रहती है। ओलंपिक मशाल को आज भी ग्रीस के हेरा मंदिर में एक प्राचीन कालीन समारोह में पुराने ढंग से ही जलाया जाता है। इसके बाद यह मशाल मेजबान शहर की ओर बढ़ती है, जिसे आमतौर पर धावक ले जाते हैं।

ओलम्पिक मेडल:

1896 और 1900 के ओलम्पिक खेलों में गोल्ड मैडल नहीं दिए गए थे। विजेता और उपविजेता को चांदी और ताम्बे के मैडल दी गए थे।

ओलम्पिक खेल रद्द हुए:

1916 का छठा बर्लिन ओलम्पिक पहले विश्व युद्ध के कारण रद्द कर दिया गया था। 1940 का 12वां हेलसिंकी (फिनलैंड) ओलम्पिक दूसरे विश्वयुद्ध के कारण रद्द कर दिया गया। 1944 का 13वां लन्दन ओलम्पिक भी रद्द कर दिया गया था। 2020 में COVID-19 महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक रद्द कर दिया गया। इतिहास में यह तीसरी बार था जब ओलंपिक रद्द किया गया।

आधुनिक ओलंपिक खेलों के स्थल

वर्ष

ग्रीष्मकालीन खेल

1896

एथेंस

1900

पेरिस

1904

सेंट लुईस, मिसौरी, अमेरिका

1908

लंडन

1912

स्टॉकहोम

1916

रद्द

1920

एंटवर्प, बेल्जियम।

1924

पेरिस

1928

एम्स्टर्डम

1932

देवदूत

1936

बर्लिन

1940

रद्द

1944

रद्द

1948

लंडन

1952

हेलसिंकी, फिनलैण्ड

1956

मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया।

1960

रोम

1964

टोक्यो

1968

मेक्सिको सिटी

1972

म्यूनिख, डब्ल्यू.गेर।

1976

मॉन्ट्रियल

1980

मास्को

1984

देवदूत

1988

सियोल, एस.कोर.

1992

बार्सिलोना, स्पेन

1996

अटलांटा, गा., यू.एस

2000

सिडनी, ऑस्ट्रेलिया।

2004

एथेंस

2008

बीजिंग

2012

लंडन

2016

रियो डी जनेरियो

2020

टोक्यो

2024

पेरिस

 भारत का पहला स्वर्ण पदक:

भारत ने 1900 के पेरिस ओलम्पिक में पहली बार भाग लिया था। इसमें महिला खिलाड़ी भी शामिल हुई थीं। इसमें भारत ने एथलेटिक्स में दो रजत पदक जीते थे। भारत को पहला स्वर्ण पदक 1928 में एम्सटर्डम ओलम्पिक में हॉकी में मिला था।

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