नया जब साल आया है…
-- करण समस्तीपुरी
जश्न हो, खूब मस्ती हो।
हर महंगी चीज सस्ती हो।
ये भ्रष्टाचार मिट जाए ।
भले सरकार मिट जाए।
नया जब साल आया है।
तो दिन खुशहाल आ जाए।
न हो टू जी, सी डब्ल्यू जी।
एक जन लोकपाल आ जाए।
नया जब साल आया है।
तो दिन खुशहाल आ जाए।
शतकों
पे शतक जल्दी,
सचिन के बल्ले से निकले।
रनों से हो, विकेट से हो,
या अंपायर की गलती से।
न हारें मैच कोई हम,
कोई फ़ार्मेट, कोई दल हो।
विजय धोनी के हाथों में,
मगर हर हाल आ जाए।
नया जब साल आया है।
तो दिन खुशहाल आ जाए।
भले दुल्हन बने कोई,
हो शादी सल्लू मियाँ की।
अनुपम खेर के सर पे,
भी अब कुछ बाल आ जाए!
न कोई दामिनी हो,
ना घटे दिल्ली की दुर्घटना,
हवश चढ़ने से पहले उसका,
अंतिम काल आ जाए,
बहन-बेटी की अस्मत के,
लूटेरे छूट जाएँ गर,
जले दुनियाँ, गिरे बिजली,
या फिर भूचाल आ जाए।
रहे कायम अमीरों की अमीरी,
ऐ मेरे मौला!
मगर मुफ़लिस की थालीं में भी,
रोटी दाल आ जाए।
तरसता है जो सदियों से करण,
इक-पैसे की खातिर,
उसके घरों में स्वीस बैंक का,
माल आ जाए।
नया जब साल आया है,
तो दिन खुशहाल आ जाए ।
नव वर्ष 2013 आप सबों के लिये अतिशय मंगलमय हो!