सोमवार, 15 अगस्त 2011

हे मातृभूमि शत कोटि नमन!

हे मातृभूमि शत कोटि नमन!

करण समस्ती पुरी

 

हे मातृभूमि शत कोटि नमन!

 

करते हैं रवि-शशि-तारक गण,

निशि-दिन तेरा पूजन-वंदन।

हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!

 

गिरिवर मुकुट, सुवन मेखला, सागर पाँव पखारे।

संतति को पयपान कराते गंग-यमुन युग धारे ॥

शस्य श्यामला आँचल तेरा, तू बसुधा का दर्पण।

हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!

 

कोमल-कठिन सहज सूरत पर षडऋतु का शृंगार ।

साँस तुम्हारे सुरभित करते, शीतल मलय बयार ।

हरित वसन में परम सुसज्जित, निर्मल-सुंदर कमल वदन।

हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!

 

अल्लाह-अलख कण-कण में तेरे, मधुर समन्वित ईश-इसा।

बाइबिल-गुरुग्रंथ कुराण-पुराण से गुँज रही हैं दसों दिशा ॥

सर्वधर्म समभाव समेटे, सहज सुखद तेरा सुमिरण ।

हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!

 

सत्य-अहिंसा सस्त्र तुम्हारे, विश्व-शांति है मंत्र तुम्हारा ।

तू युग-सर्जक, तू पथ-दर्शक, अखिल जगत है शिष्य तुम्हारा ।

स्वर्ण-विहग के कल-कल रव से, गुंजित तेरा उपवन ।

हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!

35 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर .....हे मातृभूमि शत कोटि नमन!

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  2. मातृभूमि है तो हम है, यह हमसे छिन जाएगी तो हमारा वजूद भी नहीं रहेगा। बहुत अच्‍छी कविता है, मातृभूमि को नमन।

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  3. 'स्वतत्रता दिवस ' के पुनीत अवसर पर भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति को अपने में पूर्ण रूप से आत्मसात करती हुई आपकी कविता " हे मातृभूमि शत कोटि नमन " की प्रस्तुति अच्छी लगी ।
    धन्यवाद ।

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  4. स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।

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  5. सत्य-अहिंसा सस्त्र तुम्हारे, विश्व-शांति है मंत्र तुम्हारा ।

    तू युग-सर्जक, तू पथ-दर्शक, अखिल जगत है शिष्य तुम्हारा ।

    स्वर्ण-विहग के कल-कल रव से, गुंजित तेरा उपवन ।

    हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!

    शत कोटि नमन!!शत कोटि नमन!!शत कोटि नमन!!

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  6. बहुत सुंदर .
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..

    मात्र भूमि को शत शत नमन .

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  8. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां

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  9. अति सुंदर.

    स्वतंत्रता दिवस की घणी शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    65वें स्वतन्त्रतादिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ!

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  11. बहुत सार्थक प्रस्तुति
    , स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  12. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  13. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

    आहा हा...अप्रतिम रचना...बधाई स्वीकारें.

    नीरज

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  14. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  15. सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ भावपूर्ण कविता लिखा है आपने! शानदार प्रस्तुती!
    आपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

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  16. बहुत सुंदर भावनाप्रधान रचना.....!!
    मातृभूमि को शत-शत नमन......!!

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  17. आपकी पोस्ट "ब्लोगर्स मीट वीकली "{४) के मंच पर शामिल की गई है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें ,यही कामना है /सोमवार १५/०८/११ को आपब्लोगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं /

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  18. मातृभूमि को शत कोटि नमन ...
    सुन्दर गीत !

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  19. खूबसूरत और भाव प्रवण रचना... हे मातृभूमि शत कोटि नमन!! स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...
    सादर,
    डोरोथी.

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  20. आदरणीय मनोज जी प्यारा वर्णन सुन्दर दृश्य दिखाती लाजबाब रचना -निम्न में गजब का बंध ....
    स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं
    भ्रमर ५
    भ्रमर की माधुरी
    रस-रंग भ्रमर का
    अल्लाह-अलख कण-कण में तेरे, मधुर समन्वित ईश-इसा।

    बाइबिल-गुरुग्रंथ कुराण-पुराण से गुँज रही हैं दसों दिशा ॥

    सर्वधर्म समभाव समेटे, सहज सुखद तेरा सुमिरण ।

    हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!

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  21. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  22. मनोज जी स्वतंत्रता दिवस पर देश प्रेम से ओत-प्रोत कविता पढवाने के लिए शुक्रिया...

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  23. बहुत सुन्दर... स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  24. vande matram ,ati uttam
    सत्य-अहिंसा सस्त्र तुम्हारे, विश्व-शांति है मंत्र तुम्हारा ।

    तू युग-सर्जक, तू पथ-दर्शक, अखिल जगत है शिष्य तुम्हारा ।

    स्वर्ण-विहग के कल-कल रव से, गुंजित तेरा उपवन ।

    हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!

    jai hind ,aapko bhi badhai is pavan parv par

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  25. बहुत सुंदर रचना के लिए आभार आपका !

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  26. स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मातृभूमि को शत - शत नमन।

    आभार,

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  27. बहुत ही सुन्दर .. अनुपम ... मात्री भूमि को सजीव कल्पना में उतारती रचना ...

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  28. देश भक्ति से पूरित सुंदर सृजन।
    वंदेमातरम्!

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  29. तत्सम शब्दों से युक्त इतनी सरस और प्रभावी रचनाएं कम देखने मिलती है । मातृभूमि की वन्दना में उत्कृष्ट गीत है

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  30. शत कोटि नमन🙏🙏🙏🙏
    लाजवाब
    बहुत ही लाजवाब ।

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  31. जननी. जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसि।

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