मंगलवार, 6 जुलाई 2010

मेरा आकाश!

मेरा आकाश

 12012010005 --मनोज कुमार

हताश न होना सफलता का मूल है और यही परम सुख है। उत्साह मनुष्य को कर्मो में प्रेरित करता है और उत्साह ही कर्म को सफल बनता है। हर व्यक्ति में प्रतिभा होती है। दरअसल उस प्रतिभा को निखारने के लिए गहरे अंधेरे रास्ते में जाने का साहस कम लोगों में ही होता है। यह सच है कि पानी में तैरनेवाले ही डूबते हैं, किनारे पर खड़े रहनेवाले नहीं, मगर ऐसे लोग कभी तैरना भी नहीं सीख पाते। जिस काम को करने में डर लगता है उसको करने का नाम ही साहस है । बिना निराश हुए ही हार को सह लेना पृथ्वी पर साहस की सबसे बडी परीक्षा है । संकट के समय ही नायक बनाये जाते है। सफलता के लिये कोई लिफ्ट नही जाती इसलिये सीढ़ीयों से ही जाना पड़ेगा। कष्ट और विपत्ति मनुष्य को शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ गुण हैं। जो साहस के साथ उनका सामना करते हैं, वे विजयी होते हैं। ऐसे लोगों के लिए आकाश ही सीमा है … –SKY IS THE LIMIT!!! imagesmalltiled_colors3

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23 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर और गहरे अर्थों वाली रचना ।

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  2. बहुत सुन्दर आगे बढने की प्रेरणा देती रचना के लिये धन्यवाद और शुभकामनायें

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  3. प्रेरक भूमिका... और उससे भी प्रेरणादायक कविता... राजा ब्रूस और मकड़ी की कथा का प्राकृतिक प्रतीकों के माध्यम से एक अनोखा एवम् मौलिक शब्द चित्र… आभार!

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  4. भाषा और शैली तथा अर्थ की दृष्टि से अद्भुत रचना।

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  5. यदि आप हर कार्य पूरी लगन से करते हैं तो आपको कभी पछताना नहीं पड़ेगा।
    गहरे अर्थों वाली रचना ।

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  6. प्रेरक भूमिका... और उससे भी प्रेरणादायक कविता! गहरे अर्थों वाली!!

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  7. बहुत सुन्दर आगे बढने की प्रेरणा देती रचना!

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  8. प्रतिकूलतम परिस्थितियों और झंझावातों का सामना करने के प्रति अदम्य साहस भरती, हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती, अपनी आत्मा के स्वर से स्पंदित और मन की कोमल भावना से अनुप्राणित मार्मिक कविता है यह।

    सरस और अर्थपूर्ण कविता अच्छी लगी।
    धन्यवाद।

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  9. @ अजय कुमार
    अजय जी हौसला आफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया।

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  10. @ निर्मला कपिला दीदी
    आपका आशिर्वाद बरकरार रहे।

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  11. @ सम्वेदना के स्वर
    आपकी प्रेरक बातें और बी कुछ नया और अच्छा करने को उत्प्रेरित करती हैं।

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  12. @ हरीश प्रकाश गुप्त
    हरीश जी आपकी समीक्षा की कसौटी पर कसने के बाद कविता अपना अर्थ ग्रहण करती है। आपका आभार। इसे आंच पर चढाया जाए, यह निवेदन है।

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  13. @ Indranil Bhattacharjee ........."सैल" जी
    कानाफ़ुसी नहीं है।
    चित्कार ... हो सकता है।

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  14. @ प्रेम सरोवर एवं हास्यफुहार जी
    आपका शुक्रिया कि आपने हमारी हौसला आफ़ज़ाई की।

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  15. प्रतिकूल परिस्थितियों में आगे बढने की प्रेरणा देती सुन्दर कृति ...कविता के साथ भूमिकाने भी चार चाँद लगा दिए... और पोस्ट करने का अंदाज़ भी बहुत सुन्दर....कुल मिला कर आठ चाँद लग गए :):)

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  16. बेहद गहन और आगे बढने को प्रेरित करती कविता।

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  17. उत्साहसम्पन्नमदीर्घसूत्रम्......
    ..... लक्ष्मी स्वयं याति निवास हेतो।

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  18. बिना निराश हुए ही हार को सह लेना पृथ्वी पर साहस की सबसे बडी परीक्षा है ।
    बहुत सुंदर भाव लिए प्रेरक रचना।
    राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।

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  19. प्रेरणा देते शब्द ... सच में आकाश को छूने का हॉंसला होना चाहिए ...

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  20. बहुत खूब ! हर रात का प्रात होता है........ ! धन्यवाद !!!

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