सोमवार, 8 मार्च 2010

फैसला

-हरीश प्रकाश गुप्त

सुजय की शादी में वे सारे तामझाम हुए जो उसके परिवार की मान और ठसक के अनुरूप थे। बरात में नाचनेवालियाँ न हो तो रुतबे में आँच आती है। सो, नाचनेवालियाँ भी बुलाई गईं। बरात अपने शबाब पर थी। गाजे-बाजे के साथ जगह जगह रुक कर भड़कीले गानों की तेज धुन पर नाच शुरू हो जाता । नाचनेवालियों के साथ दूल्हे के दोस्त आदि भी लय मिला कर नाच रहे थे तो घर के लोगों ने उन पर रुपए न्यौछावर करने में अपना दिल खुला रख छोडा़ था। उस लम्बी वाली नाचनेवाली की नजर नाच में कम न्यौछावर के रुपयों पर ही टिकी रहती। जैसे ही रुपए वाला कोई हाथ उठता, वह अपनी लय भंग किए बिना हाथ ऊपर ले जाती, रुपए पकड़ती, मुंह से दबाती और थिरकती भी रहती। जैसे सब कुछ उसके नृत्य का ही अंग हो।

कमली सहित उसकी टोली मखाने के साथ लुटाए जाने वाले सिक्कों को बीनने में लगी थी। नजरें जमीन पर, भीड़ में घुसकर, धक्के और ठोकर की परवाह किए बिना। थोड़ी-थोड़ी देर में बरातियों की झिड़क और दुत्कार भी मिलती रहती।

सहसा कमली की नजर उस लम्बी नाचनेवाली पर पड़ी। मुँह में भरे नोट। मुठ्टी में फंसे नोट। चोली में घुसे मुड़े-तुड़े नोट। आसमान में तैर रहे नोट ही नोट। चेहरा अवाक। आंखे फटी की फटी। सम्मोहन सा हो गया था उस पर। जड़ बनी बस निहारती रही।

भीतर का बवंडर जब शांत हुआ तो उसने पाया कि उसके पैर गाने की धुन के साथ थिरक रहे हैं।

***

12 टिप्‍पणियां:

  1. kharbooje ko dekh kharbooja rang badal leta hai isee kahavat ko charitarth karatee kahanee acchee lagee .vaise paristhitee kitna majboor kar detee hai insaan ko....?

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  2. भीतर का बवंडर जब शांत हुआ तो उसने पाया कि उसके पैर गाने की धुन के साथ थिरक रहे हैं।
    .....बेहद प्रसंशनीय अभिव्यक्ति,सुन्दर लघुकथा!!

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  3. अच्छी लघु कथा....मानसिक स्थिति का अच्छा वर्णन है

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  4. बढिया.इसकी समीछा का इन्तज़ार रहेगा.

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  5. PARISTHI LOGON KO MAJBUR NI KARTI..LOG KHUD HE MAJBUR HO JATE HAI...AUR DOSH PARISTHI KO DETE HAI..
    AGAR LOG HAR PARISTHI ,CHAHE WO BURI HE KYUN NA ...POSITIVE WAY ME LE TO KOI UNHE MAJBUR NI KAR SAKTA KISI GALAT KAM KE LIYE ..
    NOTHING SPECIAL IN DIS LAGHU KATHA...

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  6. "भीतर का बवंडर जब शांत हुआ तो उसने पाया कि उसके पैर गाने की धुन के साथ थिरक रहे हैं".............

    इस एक पंच-लाइन ने कथा को असाधारण बना दिया है !

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