सोमवार, 30 मई 2011

नवगीत-गूंजता होगा तुम्हारा नाम

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श्यामनारायण मिश्रश्यामनारायण मिश्र

घाटियों में

गूंजता होगा तुम्हारा नाम।

 

दूर प्राची के अधर से

सारसों की दुधिया ध्वनि

              चू रही होगी।

पत्थरों पर से फिसलती धूप

झरने की तली को

              छू रही होगी।

फुनगियों पर

चढ़ा होगा सुआ पंखी घाम।

 

ओस भीगे छप्परों पर बिछे होंगे

कोहरे में मिली

         कोमल धूप के फाहे।

कंठ तक डूबी मथानी से

दही के साथ, मथ रहे होंगे

      तुम्हारे स्वप्न अनब्याहे।

उंगलियों से

कोहनी तक अटा होगा काम।

 

यहां आशा की किरण-कोपल

कहीं दिखती नहीं, धुंध से

       डूबी हुई कॉलोनियों में।

चिलचिलों में पैक

सस्ती सभ्यता का आदमी,

      ढ़ल रहा है शिश्नजीवी योगिनी में।

सुबह है

पर चेहरों पर लिख गई है शाम।

15 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर गीत... दुधिया प्रकाश तो सुना था.. लेकिन इस गीत में दुधिया द्व्हानी का उपयोग हुआ है.. बहुत बढ़िया...

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  2. ओस भीगे छप्परों पर बिछे होंगे
    कोहरे में मिली
    कोमल धूप के फाहे।
    कंठ तक डूबी मथानी से
    दही के साथ, मथ रहे होंगे
    तुम्हारे स्वप्न अनब्याहे।
    बहुत ख़ूबसूरत गीत! हर शब्द दिल को छू गयी! इस शानदार, भावपूर्ण और मनमोहक गीत के लिए बधाई!

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  3. पत्थरों पर से फिसलती धूप
    झरने की तली को
    छू रही होगी

    क्या बात है.ज़बरदस्त नवगीत.

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  4. बहुत सुन्दर रचना!
    नवगीत गुनगुनाने में बहुत मज़ा आता है सभी को!

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  5. बहुत सुन्दर भावों से सजा नवगीत्।

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  6. गीत छू गया, नयापन भी शाश्वत भाव भी।

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  7. मोहक भाव ...
    सुन्दर शब्द ...
    मनभावन कृति !!

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  8. बहुत सुन्दर नवगीत. हलाकि गीत का लय कहीं-कहीं टूट रहा है मगर मिश्रजी के कलम की नैसर्गिक कोमलता पाठकों के मर्म को गुदगुदाती है. धन्यवाद !

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  9. बहुत सुन्दर प्रावाह के साथ सुन्दर नवगीत.

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  10. बहुत सुन्दर भावों से सजा नवगीत्। धन्यवाद|

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  11. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 31 - 05 - 2011
    को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

    साप्ताहिक काव्य मंच --- चर्चामंच

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  12. bahut khoobsurat panktiyan sukomal ahsaas jindgi ke bahut kareeb.bahut sateek rachna.

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  13. बहुत सुन्दर नवगीत ...

    ओस भीगे छप्परों पर
    बिछे होंगे कोमल धूप के फाहे

    खूबसूरत पंक्तियाँ

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  14. सुन्दर रचना ! दिलकश भाव और शब्दों का बेहतरीन प्रयोग !

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