शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

शिवस्वरोदय -62

शिवस्वरोदय -62

- आचार्य परशुराम राय

जिह्वां विष्णुपदं ध्रुवं सुरपदं सन्मातृमण्डलम्।

एतान्येवमरुन्धतीममृतगुं शुक्रं ध्रुवं वायेक्षणम्।

एतेष्वेकं स्फुटं न पुरुषः पश्येत्पुरः प्रेषितः।

सोSवश्यं विशतीह कालवदनं संवत्सरादुर्ध्वतः।।341।।

भावार्थ - जो व्यक्ति अपनी जीभ, आकाश, ध्रुवतारा, मातृमंडल, अरुन्धती, चन्द्रमा अथवा शुक्र तारा प्रयास करके भी न देख पाए, तो एक वर्ष के अन्दर उसकी मृत्यु निश्चित है।

English Translation – A person who cannot see his tongue, sky, pole star (evening star), Matrimandal (a group of divine star), Arundhati (a star near Saptarshimandal/plough), moon or morning star (Shukra) even after making good effort, he cannot survive more than one year.

अरश्मिबिम्बं सूर्यस्य वह्नेः शीतांशुमालिनः।

दृष्ट्वैकादशमासायुर्नरश्चोर्ध्वं न जीवति।।342।।

भावार्थ यदि किसी व्यक्ति को सूर्य, चन्द्रमा अथवा अग्नि के प्रकाश न दिखाई दे, तो समझना चाहिए कि उसका जीवन ग्यारह माह से अधिक नहीं है।

English Translation – If someone cannot visualize light of the sun, moon or fire, his life is left only for eleven months.

वाप्यां पुरीषमूत्राणि सुवर्णं रजतं तथा।

प्रत्यक्षमथवा स्वप्ने दशमासान्न जीवति।।343।।

भावार्थ यदि किसी व्यक्ति को जाग्रत अवस्था अथवा स्वप्न में बावड़ी या कुएँ में सोना, चाँदी, मूत्र या विष्ठा दिखाई दे, तो उसकी आयु दस माह से अधिक नहीं समझनी चाहिए।

English Translation – If gold, silver, stool or urine is seen by a person in a well or tank either in dream or awaken state, life of that person is left for ten months.

क्वचित्पश्यति यो दीपं सुवर्णं श्याममेव वा।

विरूपाणि च भूतानि नवमासान्न जीवति।।344।।

भावार्थ यदि किसी को सोने अथवा काले रंग का दीपक दिखाई दे और वस्तुएँ अपने वास्तविक रूप में न दिखकर विकृत रूप में दिखाई पड़ें, तो समझना चाहिए कि उसका जीवन नौ माह से अधिक नहीं है।

English Translation – If a lamp of gold or black colour is seen by a person and the things are not seen by him in their natural shape, his life is not left for more than nine months.

स्थूलाङ्गोSपि कृशःकृशोSपि सहसा स्थूलत्वमालम्बते

प्राप्तो वा कनकप्रभो यदि भवत्क्रूरोSपि कृष्णच्छवि।

शूरो भीरुसुधीरधर्म निपुण शांतो विकारी पुमा-

नित्यैव प्रकृतिः प्रयाति चलनं मासाष्टकं जीवति।।345।।

भावार्थ यदि किसी को मोटा व्यक्ति दुबला, दुबला मोटा, श्याम वर्ण का गौर, गौर वर्ण का श्याम, सज्जन व्यक्ति दुर्जन, वीर व्यक्ति कायर, शान्त व्यक्ति विकार से भरा दिखे, तो समझना चाहिए कि उसकी आयु केवल आठ माह शेष है।

English Translation – If a stout person appears like a lean and thin one, a person of dark complexion as fair, fair as dark, gentle man as cruel, brave as coward and a person of peaceful nature appears as unbalanced to someone, it should be understood that his life is left only for eight months.

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8 टिप्‍पणियां:

  1. सच्ची वाणी ..
    अमूल्य वचन ...
    तमसोमाज्योतिर्गमय .

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  2. कितनी विचित्र बात है कि मल-मूत्र देखने वाला भी उतना ही जीता है जितना सोना-चांदी देखने वाला!

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  3. विजय दशमी मुबारक .अच्छी पोस्ट .

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  4. हम्म थोड़ी अजीब हैं बातें ..पर कोई न कोई सत्य तो होगा ही.

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  5. आज इस शास्त्र के सूत्रों को देखते हुए मुझे अपने गुरु श्री बेंगलुरु वेंकट रामन की पुस्तक पर अंकित एक श्लोक स्मरण हो आया:
    फलानी ग्रहचारेण, सूचयन्ति मनीषिनः
    को वक्ता तारतम्यस्य, तमेकम वेधसम विना!

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  6. शास्त्रों में बहुत कुछ ऐसा दिया है जिस पर सहज विश्वास नहीं होता। लेकिन शास्त्र तो शास्त्र ही हैं। जिन्हें बिना सिद्धि के अप्रामाणिक भी नहीं कहा जा सकता।

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  7. बड़ा बारीक हिसाब-किताब है.

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