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मंगलवार, 1 जनवरी 2013

नया जब साल आया है…




नया जब  साल आया है

-- करण समस्तीपुरी


जश्न हो, खूब मस्ती हो।
हर महंगी चीज सस्ती हो।
ये भ्रष्टाचार मिट जाए
भले सरकार मिट जाए।
नया जब  साल आया है।
तो दिन खुशहाल जाए।
हो टू जी, सी डब्ल्यू जी।
एक जन लोकपाल जाए।
नया जब  साल आया है।
तो दिन खुशहाल जाए।


शतकों पे शतक जल्दी,
सचिन के बल्ले से निकले।
रनों से हो, विकेट से हो,
या अंपायर की गलती से।
हारें मैच कोई हम,
कोई फ़ार्मेट, कोई दल हो।
विजय धोनी के हाथों में,
मगर हर हाल जाए।
नया जब  साल आया है।
तो दिन खुशहाल जाए।

भले दुल्हन बने कोई,
हो शादी सल्लू मियाँ की।
अनुपम खेर के सर पे,
भी अब कुछ बाल जाए!
न कोई दामिनी हो,
 ना घटे दिल्ली की दुर्घटना,
हवश चढ़ने से पहले उसका,
 अंतिम काल आ जाए,
बहन-बेटी की अस्मत के,
लूटेरे छूट जाएँ गर,
जले दुनियाँ, गिरे बिजली,
 या फिर भूचाल आ जाए।



रहे कायम अमीरों की अमीरी,
मेरे मौला!
मगर मुफ़लिस की थालीं में भी,
रोटी दाल जाए।
तरसता है जो सदियों से करण,
इक-पैसे की खातिर,
उसके घरों में स्वीस बैंक का,
 माल जाए।
नया जब  साल आया है,
तो दिन खुशहाल जाए



नव वर्ष 2013 आप सबों के लिये अतिशय मंगलमय हो!