तम्बाकू निषेध दिवस पर कुछ बातें
मनोज कुमार
- आज यानी 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस है। फिर भी बढ़ रहा है तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल और यह तम्बाकू धीमे जहर के रूप में समाज के सभी वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रहा है।
- सार्वजनिक स्थानों पर खुले आम धूम्रपान से अनजाने में ही धूम्रपान नहीं करने वालों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
- भारत का हर दूसरा व्यस्क पुरूष बीड़ी, सिगरेट या तंबाकु के नशे का गुलाम है।
- अंतराष्ट्रीय व्यस्क तंबाकू सर्वेक्षण के मुताबिक भारत की 34.6 फीसदी व्यस्क आबादी को तंबाकू की लत है।
- इनमें से 47.9 फीसदी आबादी पुरूषों की है। महिलाओं में यह आंकड़ा 20.3 फीसदी है।
- धुआं रहित तम्बाकू (खैनी, ज़र्दा, गुटखा) इस्तेमाल करने वालों की संख्या 40% से अधिक है।
- देश में 32.9% पुरुष और 18.4% महिलाएं धुएं रहित तम्बाकू का सेवन करती हैं। इनमे से व्यस्क 26% और युवा 12.5% हैं। युवाओं में 16.2% लड़के और 7.2% लड़कियां है।
- एक रिपोर्ट के अनुसार 132 देशों में 13 से 15 वर्ष की उम्र के स्कूली बच्चे धुआं रहित तम्बाकू का उपयोग करते हैं।
बीमारी
- तंबाकू चबाने से मुंह, गला, अमाशय, यकृत और फेफड़े के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। तंबाकू जनित रोगों में सबसे ज्यादा मामले फेफ़ड़े और रक्त से संबंधित रोगों के हैं जिनका इलाज न केवल महंगा बल्कि जटिल भी है।
कैंसर
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान (ICMR) की रिपोर्ट मे इस बात का खुलासा किया गया है कि पुरुषों में 50% और स्त्रियों में 25% कैंसर की वजह तम्बाकू है। इनमें से 90% मुंह के कैंसर हैं। धुएं रहित तम्बाकू में 3000 से अधिक रासायनिक यौगिक हैं, इनमें से 29 रसायन कैंसर पैदा कर सकते हैं।
- मुंह के कैंसर के रोगियों की सर्वाधिक संख्या भारत में है। गुटका, खैनी, पान, सिगरेट के इस्तेमाल से मुंह का कैंसर हो सकता है।
- बहरहाल तंबाकू के खतरे को नजरअंदाज करना न सिर्फ भयानक होगा बल्कि आत्मघाती भी होगा।
- तंबकू सेवन से होने वाले कैंसर से हर छह सेकेंड में एक मरीज़ की मौत हो जाती है। (डॉ. आशीष मुखर्जी, नेताजी कैंसर इंस्टीच्यूट, कोलकाता)
तंबाकूजनित कुछ आंक़ड़ों पर भी गौर कर लें।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन का आंक़ड़ा कहता है कि 1997 के मुकाबले वर्ष, 2005 तक तंबाकू निषेध कानूनों के लागू करने के बाद वयस्कों में तंबाकू सेवन की दर में 21 से 30 प्रतिशत की कमी आई थी, लेकिन इसी दौरान हाईस्कूल जाने वाले 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में तंबाकू का सेवन 60 प्रतिशत ब़ढ़ गया था।
- अमेरिकन कैंसर सोसायटी का आंक़ड़ा है कि प्रत्येक 10 तंबाकू उपयोगकर्ता में से 9 महज 18 वर्ष की उम्र से पहले तंबाकू का सेवन शुरू कर चुके होते हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि सन 2050 तक 2.2 अरब लोग तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे होंगे। इस आकलन से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तंबाकू के खिलाफ कानूनी और गैर सरकारी अभियानों की क्या गति है और उसका क्या हश्र है।
मौत
- तंबाकू के खतरे को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। धूम्रपान तथा तम्बाकू जनित उत्पादों के सेवन से मरने वालों का आंकड़ा विगत कुछ वर्षों में बढा है।
- दुनिया में सर्वाधिक मौतें तम्बाकू उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियों से हो रही है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों के कारण भारत में हर साल दस लाख लोग मर जाते हैं।
- तंबाकू के इस्तेमाल से पूरी दुनिया में हर साल 50 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
- दुनिया में होने वाली हर 5 मौतों में से एक मौत तंबाकू की वजह से होती है।
- हर 8 सेकेंड में होने वाली एक मौत तंबाकू और तंबाकू जनित उत्पादों के सेवन से होती है।
- 2030 तक तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा सालाना एक करोड़ तक पहुंच जाएगा।
राजस्व
- लोग कहते हैं तम्बाकू उत्पाद काफ़ी सरकार को काफ़ी राजस्व मिलता है।
- हक़ीक़त पर नज़र डालें -- देश भर में बीड़ी उद्योग में लगे बीड़ी बनाने में 29 रुपए से 78 रुपए का भुगतान हो रहा है जबकि इस उद्योग के उत्पादकों को इससे कई गुना अधिक लाभ हो रहा है। यहां भी शोषण ही हो रहा है।
- तम्बाकू उत्पादों से होने वाला राजस्व महज 12 हजार करोड़ रुपए है जबकि इससे होने वाली मौत और बीमारियों से बचाव के लिए सरकार इससे कई गुना अधिक 40 हजार करोड़ रुपए हर वर्ष खर्च कर रही है।
जन जागरण
- विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई देशों में तंबाकू उत्पादों से होने वाली मौतों से बचाव के लिए जन जागरण अभियान चलाए गए हैं, फिर भी तंबाकू के उपभोग में कमी न होना मानव सभ्यता के लिए एक गंभीर सवाल है। तंबाकू के ब़ढ़ते खतरे और जानलेवा दुष्प्रभावों के बावजूद इससे निपटने की हमारी तैयारी इतनी लचर है कि हम अपनी मौत को देख तो सकते हैं लेकिन उसे टालने की कोशिश नहीं कर सकते। यह मानवीय इतिहास की एक त्रासद घटना ही कही जाएगी कि कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका की सक्रियता के बावजूद स्थिति नहीं संभल रही।
- सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर प्रतिबंध लगाए जाने, कम उम्र के बच्चों को तंबाकू उत्पाद न बेचे जाने और उल्लंघन पय ज़ुर्माने के प्रावधानों और तम्बाकू उत्पादों के सेवन के बारे में क़ानून बन जाने के के बावज़ूद भी इनकी अनुपालना नहीं हो रही है।
- तम्बाकू सेवन के खिलाफ़ जनजागरण में मीडिया के साथ ब्लॉगजगत की भी अहम भूमिका हो सकती है। रचनात्मक लेखन से आम आदमी को जागरूक किया जाना चाहिए।
Tambaku khanewalon ko jabtak khudse aqal nahee aatee aur koyi kya kar sakta hai?
जवाब देंहटाएंBada zabardast aalekh hai!
हम भी लोगों को छुड़ाने की जुगत में हैं...
जवाब देंहटाएंतम्बाकू पर सरकार की नीयत ठीक नहीं है.राजस्व के नाम पर स्वास्थ्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है !
जवाब देंहटाएं...ब्लॉग का नया लुक आकर्षक और उपयोगी है !
जानकारीपरक और लाभदायक पोस्ट.
जवाब देंहटाएंतमाम पढ़े-लिखे लोग तम्बाकू की गिरफ्त में हैं.पर वो चाहकर भी आदतवश इसे छोड़ नहीं पाते हैं.
ाच्छी जानकारी। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंतम्बाखू निषेध दिवस पर इस जानकारी के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंतम्बाखू निषेध दिवस पर,आम आदमी को जागरूक किया जाना चाहिए।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति,,,,,
RECENT POST ,,,,, काव्यान्जलि ,,,,, ऐ हवा महक ले आ,,,,,
हम तो पहले से निषेध किये हैं.. बढ़िया पोस्ट.
जवाब देंहटाएंतंबाकू सेवन मौत को जान-बूझकर दिया गया बुलावा है। मेरी ऐसी लोगों से कोई सहानुभूति नहीं है।
जवाब देंहटाएंजनउपयोगी बढ़िया पोस्ट.
जवाब देंहटाएंसामान्यतया इंसान पहले कुछ खोकर हाथ मलता है यही ऐसा क्षेत्र है जहां इंसान खोने के पहले ही हाथ मल लेता है (तंबाखू हाथ में लेकर) क्यूंकि बाद में हाथ मलने कि स्थिति भी कहाँ रह पाती है....
जवाब देंहटाएंसार्थक पोस्ट सर... सादर/
आज ही अखबार में देखा गुटखा पर प्रतिबन्ध..पर जब तक लोग स्वयं नहीं रुकेंगे तबतक कुछ नहीं हो सकता..
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी आपने साँझा की है...... काश ये सन्देश लोग अमल में लाये और कुछ सीख लेकर अपना कैंसर से अपना जीवन बचा सके..
जवाब देंहटाएंतम्बाकू निषेध दिवस पर बढ़िया पोस्ट.
जवाब देंहटाएंहम पोस्टों को आंकते नहीं , बांटते भर हैं , सो आज भी बांटी हैं कुछ पोस्टें , एक आपकी भी है , लिंक पर चटका लगा दें आप पहुंच जाएंगे , आज की बुलेटिन पोस्ट पर
जवाब देंहटाएंमित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
जवाब देंहटाएंआओ धक्का मार के, महंगा है पेट्रोल ||
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शुक्रवारीय चर्चा मंच ।
अच्छी जानकारी !
जवाब देंहटाएंजाने कितनी बार लोगों की अधजली सिगरेट फिंकवाई है लड़- झगड़कर :)
तम्बाकू निषेध दिवस पर जनउपयोगी जानकारी। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी।
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