मंगलवार, 27 अक्टूबर 2009

तुम्ही बताओ....

-- करण समस्तीपुरी

इस झूठे चक-मक मे सच का हर्ष कहाँ से लाऊं ?
तुम्ही बताओ बचपन के वो वर्ष कहाँ से लाऊं ??
जिन आंखों के मधुर स्वप्न पर,

मैंने किया सहज विश्वास !
आज उन्ही आँखों से कैसे,
बरस रहा निर्मम उपहास !
इस मिथ्या में सपनों का उत्कर्ष कहाँ से लाऊं ?
तुम्ही बताओ बचपन के वो वर्ष कहाँ से लाऊं ??

मेरा मूक निवेदन, हाये !
अंश मात्र भी समझ ना पाए !!
जब-जब अधर खुले मेरे,
तुम केवल कल्पित कथा बताये !
संप्रेषण के संकट मे विमर्श कहाँ से लाऊं ?
तुम्ही बताओ बचपन के वो वर्ष कहाँ से लाऊं ??

समय और सरिता की धारा,
आगे बढ़ती जाती !
आज सफलता चरण चूमती,
गीत मेरे है गाती !!
किन्तु सफलता में सच्चा संघर्ष कहाँ से लाऊं ?
तुम्ही बताओ बचपन के वो वर्ष कहाँ से लाऊं ??

19 टिप्‍पणियां:

  1. असाधारण शक्ति का पद्य, बुनावट की सरलता और रेखाचित्रनुमा वक्तव्य सयास बांध लेते हैं, कुतूहल पैदा करते हैं। कवि का सत्य से साक्षात्कार दिलचस्प है जिसका जरिया समय के रूप में हाजिर है।

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  2. ba cpan kbhi laout ke nhi aata aur isiliye hmko bhata hai .bahutsundar kavita .

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  3. समय और सरिता की धारा,
    आगे बढ़ती जाती !
    बहुत अच्छी रचना।

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  4. Karan Ji

    Bahut achi rachna hai apki..aur sahi b hai bachpan ke varsh kabi wapas aa b ni sakte..aur hum apne bachpan ke din kabi bhul b ni sakte.

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  5. अच्‍छे भाव .. बहुत सुंदर रचना है .. बधाई !!

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  6. जिन आंखों के मधुर स्वप्न पर,
    मैंने किया सहज विश्वास !
    आज उन्ही आँखों से कैसे,
    बरस रहा निर्मम उपहास !
    इस मिथ्या में सपनों का उत्कर्ष कहाँ से लाऊं ?
    तुम्ही बताओ बचपन के वो वर्ष कहाँ से लाऊं ??

    Sahi kaha aapne. Bachpan ke sunhare dino ki baat hi kuch or hoti hai, basarte ki bachpan achha beeta ho.
    Badhai

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  7. एक अच्छी और संतुलित रचना के लिए आप बधाई के पात्र हैं।

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  8. समय बीत जाता है, यादें रह जाती हैं।
    शमीम

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  9. वाह......वाह......वाह !!!!

    आपकी इस रचना ने तो मुग्ध ही कर लिया.....

    भावः और अभिव्यक्ति दोनों ही अप्रतिम हैं....
    अतिसुन्दर इस महत रचना को पढ़वा इतना आनंद देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार..

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  10. किन्तु सफलता में सच्चा संघर्ष कहाँ से लाऊं ?
    तुम्ही बताओ बचपन के वो वर्ष कहाँ से लाऊं ??

    बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों का चयन भावपूर्ण प्रस्‍तुति, बधाई ।

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  11. सुदृढ़ शब्द चयन, उत्तम भाव, सरस भाषा, एक अतिउत्तम रचना। बधाई।

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  12. बहुत ही ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने ! वक्त किसी के लिए नहीं ठहरता है और यादें हमेशा रह जाती हैं !

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  13. बहुत सुन्दर भाव ..कश्मकश साफ़ दिखती है ..अच्छी रचना

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