5 फरबरी 1954 को उत्तर प्रदेश मेंजन्मे श्री परशुराम राय ने सम्पूर्नानद संस्कृत विश्वविद्यालय से साहित्याचार्य की उपाधि प्राप्त की! तदुपरांत बी।एड। और फिर रूसी भाषा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा! मन की उड़ान को विराम तब लगा जब 5 जनवरी 1984 को जनाब पहुँच गए भारत सरकार की सेवा में ! सम्प्रति आयुध उपस्कर निर्माणी, कानपुर में 'कनिष्ठ कार्यशाला प्रबंधक' पद को सुशोभित कर रहे हैं। पर हाय रे अभिरुचि ! बन्दूक बनाने वाले के हाथ मे कलम पकडा दिया ! यह इस ब्लॉग पर परशुराम जी की पहली रचना है !
-- करण समस्तीपुरी
-- परशुराम राय
असहाय हो जाती
प्रजा की चेतना जब
भीष्म के भीषण भयानक बाण से
बनकर शिखण्डी
मोड़ देती रुख हवा का
वरदान के इतिहास का।वादों के बाणों से तेरे
बिंधा आज फिर भारत
हे पितामह !
अब शिखण्डी चुन लिया है।
दुर्योधन की रक्षा की
तेरी एक भूल ने
अपने मतों की चोट से
जांघें उसकी तोड़ दीं।
चलती रहें सांसें तुम्हारी
जनतंत्र के मैदान में
उत्तरायण की किरण तक
इसलिए तेरे मतों की
राह हमने छोड़ दी।
कुरु क्षेत्र के मैदान में
एक शिखण्डी की किरण
निगल जाएगी तमस
आज कुरूराज का।
*** ***
vicharottejak !!
जवाब देंहटाएंआपने विषय की मूलभूत अंतर्वस्तु को उसकी समूची विलक्षणता के साथ प्रस्तुत किया है।
जवाब देंहटाएंकुरु क्षेत्र के मैदान में
जवाब देंहटाएंएक शिखण्डी की किरण
निगल जाएगी तमस
आज कुरूराज का।
sampoorn kavita bahut achchi lagi..... vichaarottejak...
शिखंडी के मिथ्क का यहाँ अच्छा प्रयोग है ।
जवाब देंहटाएंkavitha padhne ko achcha lagtha hai.
जवाब देंहटाएं-thyagarajan
Kavita bahut hi sunder hai.Aur aapne bhasha ko bade hi sahityik rup me prastut kiya hai. Dhanyawaad. MOHSIN
जवाब देंहटाएंAchi Kavita Hai...
जवाब देंहटाएंdesh ki rajnitik vyavastha ki pol kholti kavita ke liye dhanyawad !
जवाब देंहटाएंआपकी रचना में भाषा का विशिष्ट रूप, तथा यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागरूकता भी स्पष्ट है।
जवाब देंहटाएंek nayi disha ki rachna ...kafi pasand aayi ...
जवाब देंहटाएंशब्द और कथ्य का अद्भुत संगम, रचना उत्तम।
जवाब देंहटाएंबनकर शिखण्डी
जवाब देंहटाएंमोड़ देती रुख हवा का
वरदान के इतिहास का ।।
अति सुन्दर यथार्थपरक रचना...
आभार!!!
आपने बहुत अच्छा लिखा है ...... बहुत से बिन्दु महाभारत के महाग्रंथ में ऐसे हैं जो नयी सोच को जन्म देते हैं .....
जवाब देंहटाएंThe poem sounds like an eye-opener !
जवाब देंहटाएंthanks !
जवाब देंहटाएंek achhi rachnaa
जवाब देंहटाएंjyotishkishore.blogspot.com
bahut sundar !
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंकम ही ऐसी रचनाएं पढने को मिलती हैं
शुभकामनाएं