रविवार, 29 नवंबर 2009

नाजुकी लव की क्या कहिये


"मीर इन नीम बाज आँखों की सारी मस्ती शराब की सी है !
नाजुकी लव की क्या कहिये, पंखुरी एक गुलाब की सी है !!"


शायरों और कवियों की कोमल कल्पनाओं के सहज पात्र 'अरुण-अधर', केवल सौन्दर्यबोधक ही नहीं हैं। ये कोमल, प्रत्यास्थ, प्रेक्षनीय अधर वस्तुतः हमारी शारीरिक क्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भोजन ग्रहण करने, सर्दी-गर्मी का अहसास कराने से ले कर हंसने-बोलने तक में, होठों की भूमिका अनिवार्य है। जरा सोचिये कि 'ये भींगे होंठ तेरे....' नहीं होते तो 'प्यासा दिल मेरा...' क्या करता? वस्तुतः प्रेम का प्रतीक अधर-चुम्बन भावनात्मक संबंधों को और अधिक मजबूती देता है। यदि ये नहीं होते तो प्यार के बोल एवं सौन्दर्य का मोल कहाँ से आते ?

होंठ बयान करते हैं आपका मूड !
दरअसल होंठों की स्थिति आपकी प्रकृति और मनःस्थिति के अनुसार बदलती रहती है। आँखों के समान आपके होंठों में भी राज खोलने की काबिलियत होती है। अब देखिये, मीर साहब कहते हैं, कि होंठ गुलाब की पंखुरी सी है, तो कई और कवि इसे लाल कमल की पंखुरी कहते हैं, लेकिन आज तक होंठों की उपमा किसी भी कवि ने चाँद से नहीं की। जबकि आपके होंठ एक दिन में ही कई बार चाँद से नजर आते हैं। लेकिन संभल के इस चाँद का मुंह सीधा है बोले तो ऊपर की ओर खुल रहा है तब तो ठीक है, मतलब आप ख़ुशी में हैं। मुस्करा रहे हैं। लेकिन कहीं आपके होठों के चाँद का मुंह लटक गया मतलब नीचे की ओर खुल रहा है तो मामला गड़बड़ है। यह आपके दुःख या तनावग्रस्त होने का द्योतक है। अगर आप किसी रहस्य को सुलझा रहे हैं तो अनायास ही आपके होंठ ग्रहण ग्रसित पूर्ण चन्द्र के बलय की तरह गोल हो जाते हैं। जबकि होंठो का सूखना एवं बार-बार उन्हें चाटना आपकी चिंता एवं घबराहट को दर्शाता है। लियो नारदो दा विन्ची की अमर कृति 'मोनालिसा' की अभिव्यक्ति लाखों कला-प्रेमियों को सदियों से दीवाना बनाती आ रही है। आखिर माजरा क्या है जो कोई भी पारखी अभी तक मोनालिसा की अभिव्यक्ति को परिभाषित नहीं कर पाया। हकीकतन जब आप मोनालिसा की पृष्ठभूमि तथा अंग-विन्यास पर नजर डालते हैं तो उसमे खुशी की झलक मिलती है परन्तु मुस्कराहट रहित नीचे झुके होंठ आपकी अवधारणा को तुरत बदल देते हैं। सदियाँ गुजर गयी लेकिन लियो नारदो द्वारा बनाया गया होंठो का यह रहस्य आज भी न केवल कायम है बल्कि सौन्दर्य-प्रेमियों के सर चढ़ कर बोल रहा है।
ये होंठ हैं या अंगारे ?
वस्तुतः शरीर के अन्य अंगो की अपेक्षा होंठों की त्वचा बहुत ही पतली होती है। अतः त्वचा के नीचे मौजूद रक्तबाहिकाओं के कारण होठों का रंग अन्य अंगो की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही लाल होता है। कुछ लोग जिनकी त्वचा बहुत ज्यादा सफ़ेद होती है, उनके होंठ सामान्य से अधिक लाल दिखाई देते हैं। आपको पाता है इसका कारण 'मेलानोसाईट' नाम की एक विशेष कोशिका है।
क्या कहते हैं होंठों के रंग?
लाल-गुलाबी होंठ तो सामान्य आकर्षण का केंद्र होते हैं लेकिन होंठों के अलग-अलग रंग कुछ अलग संकेत भी करते हैं।
  • आईला.. आपके होंठ सफ़ेद पड़ रहे हैं ?? अरे हजूर ! जाइए अपने रक्त में 'हेमोग्लोबिन' की मात्र की जांच करवाइए। हो सकता है आपके शारीर मे रक्त की कमी हो।
  • होंठ पीले पड़ रहे हैं ?? सावधान !!! होंठों पे छाले या किसी अन्य चर्मरोग की संभावना है।
  • काले होंठ चुगली करते हैं आपके धुम्रपान की आदत का।कुछ भी हो लेकिन होंठ नीले न पड़े.... अरे ! यह विषाक्तता या सर्दी लगने का लक्षण है।
ये सूखे होंठ तेरे...
उफ़ ओह ! सर्दी आ गयी। सूखे होंठ... का जुमला आम हो गया। लेकिन क्यूँ ? अरे भाई! हमारे शरीर के अन्य अंगों की त्वचा के नीचे स्वेद ग्रंथियां होती हैं, जिनसे पसीना आता है और त्वचा की नमी बनी रहती है। लेकिन बालविहीन होंठों के त्वचा के नीचे स्वेद-ग्रंथियां नहीं होती हैं। यही वजह है कि अन्य अंगों के मुकाबले होंठ जल्दी सूखने लगते हैं। ख़ास कर मौसम खुश्क हो तो और भी ज्यादा... जैसे कि शरद ऋतु में। भींगे-भींगे से गुलाबी होंठ जितने आकर्षक होते हैं, सूखे होंठ उतने ही अनाकर्षक और पीड़ादाई भी। विशेष कर जब आपको मुस्कराना पड़े।

ऐसे सँवारे होंठों को
  • अधिक पानी पीयें।
  • सर्दियों में होंठो की नमी बरकरार रखने के लिए 'जैली' लगाएं।
  • होठों को काटना, चाटना, चूसना बंद करें।
  • लिपिस्टिक के प्रयोग मे सावधानी बरतें।
  • गहरे रंगत वाली चेहरों के लिए हलके रंग की लिपिस्टिक ही मुफीद है।
  • रंगत साफ़ है तो कोई भी लिपिस्टिक फबेगा।
  • लिप-लाइनर का इस्तेमाल सूरज से दहकते होंठो पर चार चाँद लगा देता है।
  • होंठ बहुत पतले हों तो लिप-लाइनर न लगाना ही बेहतर।

हिंदी फ़िल्मी गीतों में होंठ
  • छू लेने दो नाज़ुक होंठो को....
  • होंठों से छू कर तुम.....
  • लाल-लाल होंठों पे गोरी किसका नाम है....
  • ये भींगे होंठ तेरे....
  • तेरे लिए हम हैं जिए, होंठों को सीये....
  • होंठो पे ऐसी बात मैं दबा के चली आयी...
  • आप जो मेरे मीत न होते, होंठों पे मेरे गीत न होते...
  • हांथो में चाबुक होंठों पे गालियाँ...
  • होंठो पे सच्चाई रहती है, जहां दिल मे अच्छाई रहती है....
  • तेरे होठों के दो फूल प्यारे-प्यारे....
  • ये होंठ क्या हैं गुलाबी कमल हैं....
  • माथे पे सिंदूरी सूरज, होंठों पे दहकते अंगारे......

13 टिप्‍पणियां:

  1. होठों के बारे में अच्छी जानकारी। इनका महत्व इसलिये भी है ,क्योंकि इन्ही के जरिये इजहारे मुहब्बत और चुम्बन नसीब होता है

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  2. ...कमाल की प्रस्तुति, अदभुत!!!!!

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  3. मजे दार जी आप ने बहुत अच्छा लेख लिख दिया इन होंटो पर.
    धन्यवाद

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  4. Kya bat hai karan ji apne to hume hothon ke bare me bahot kuch naya bata diya..Ye article kuch hat ke raha...bole to kuch naya padhne ko mila aplogo ke is blog par..Dhanyawad

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  5. Bat to sahi kaha apne, Dhayan to rakhna chaiye hume apne hothon ki..achi jankari ke liye dhanyawad.

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  6. Hontho par inni achi bat apne kaise likh dali..jaise b likh dali apko badhai ho badhai.

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  7. HOTH HI HOTH MAHAK RAHE HAIN AAJ BLOG PAR SIR ..... VISTRAT JAANKAARI HOTH KE HAR PAHLOO KO CHUVA HAI AAPNE ...

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