पापी मन जाल हो गया
श्यामनारायण मिश्र
अभी अभी आपने क्या मांग भरी है?
बिखरा सिन्दूर
व्योम लाल हो गया
उषा काल हो गया।
केशों में गुंथी नहीं अभी वेणियां
देह के ढ़लान ढ़के, ढ़की श्रेणियां
यहीं, कहीं आपकी मुस्कान छुपी है,
कमल-कमल खिले
धन्य ताल हो गया
व्योम लाल हो गया।
आय-हाय कोरों तक काजल का आंजना
थोड़ा सा फहराना फिर आंचल का बांधना
नौका सी डोलती जो आप चलीं तो
फहर-फहर
आंचल भी पाल हो गया
उषा काल हो गया।
दांतों से कुतर-कुतर नख तराशना
देख भंग हुई जन्म-जन्म की उपासना
मैना सी चहक चहक आप उठीं तो
सुबह-सुबह
पापी मन जाल हो गया
उषा काल हो गया।
इस टिप्पणी को लेखक ने हटा दिया है.
जवाब देंहटाएंमिश्रा जी, बहुत ही सुन्दर और प्यारा सा गीत, व्योम लाल हो गया वाह वाह।
जवाब देंहटाएंअहा,
जवाब देंहटाएंव्योम लाल हो गया,
बस कमाल हो गया।
वाह्…………श्रृंगार रस मे पगी बहुत ही भावभीनी रचना…………आनन्द आ गया।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत्\ धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत ..उतनी ही सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंआय-हाय कोरों तक काजल का आंजना
थोड़ा सा फहराना फिर आंचल का बांढना
नौका सी डोलती जो आप चलीं तो
फहर-फहर
आंचल भी पाल हो गया
उषा काल हो गया।
क्या बात है
आय-हाय कोरों तक काजल का आंजना
जवाब देंहटाएंथोड़ा सा फहराना फिर आंचल का बांढना
नौका सी डोलती जो आप चलीं तो
फहर-फहर
आंचल भी पाल हो गया
उषा काल हो गया।
श्रृंगार रस की अनुपम अभिव्यक्ति !
सुन्दर गीत !
Bahut sundar.
जवाब देंहटाएं-------------
क्या ब्लॉगिंग को अभी भी प्रोत्साहन की आवश्यकता है?
bahut khoob... :)
जवाब देंहटाएंव्योम लाल हो गया
जवाब देंहटाएंदिल बाग बाग हो गया...
vaah kya baat hai prem ras se nikalti shringaar rash me dubi rachna acchhi lagi.
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 12 - 04 - 2011
जवाब देंहटाएंको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.blogspot.com/
रात गई और बात गई है,
जवाब देंहटाएंमौसम फिर खुशहाल हो गया!
चहल-पहल हो गई धरा पर,
जीवन उषाकाल हो गया!
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बहुत सुन्दर रचना!
बहुत सारी परिभाषाएँ मिल गईं जीवन की!
श्यामनारायण मिश्र जी के सुन्दर गीत के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंमिश्र जी की जितनी रचनाएं पढ़ीं..आनंदित हुए!!
जवाब देंहटाएंह्रदय प्रेम व्यक्त करता हुआ -श्रृंगारित सुमधुर गीत .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर .
बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंहृदयस्पर्शी रचना है |
जवाब देंहटाएंउम्दा शब्दों का इस्तेमाल किये हैं
बहुत बहुत धन्यवाद|
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एक मजेदार कविता के लिए यहाँ आयें |
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श्रृंगार रस का प्यारा सा गीत.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत !
जवाब देंहटाएंएकदम अभिभूत करने वाली रचना
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