ऊन्न्ह्ह............... !!!!
सज्जनों एवं सजनियों,
राम-राम !!!
ऊंन्ह्ह्ह......... कल होली थी और आज धुलेंदी......... ! खुम्हारी अभी भी नहीं टूट रही है ! ब्लॉग पर कुछ तो लिखना है..... तो पढ़िए क्या हुआ होली में..... कैसी रही होली ?
-- करण समस्तीपुरी
यह होली सचमुच होली थी,
मेरा तन भी रंगा मेरा मन भी रंगा !
होली के प्रेम पगे रंग में,
पोर-पोर जीवन भी रंगा !
यह होली सचमुच होली थी....... !!1!!
प्रेम पुरातन-नूतन पाया,
मस्त फाग ने मन हर्षाया !
अलस बसंत प्रेम वर्षाया,
प्रेम पुलक मेरा मन गया !!
उमगे उर में आनंद क्षण-क्षण,
क्षण में मन-कानन भी रंगा !
यह होली सचमुच होली थी....... !!2!!
पाया जितना नहीं सोचा कभी,
सौभाग्य है मेरे साथ अभी !
खुश देख मुझे हैरान सभी,
कहता हूँ उर उन्मुक्त तभी !
होली के रंग तरंगन में,
रंगी वसुधा व गगन भी रंगा !
यह होली सचमुच होली थी....... !!3!!
चहुँ ओर चाँदनी व्याप्त हुई,
ऐसी प्रसन्नता प्राप्त हुई !
वर्षों से जिसकी प्यास मुझे,
वो नीर बिंदु अब प्राप्त हुई !!
मन-सुमन खिला, क्या नहीं मिला ?
पर प्रेम सुधा रस और पीला !!
जिस बंधन से हम बंधे हुए,
जगती का वह बंधन भी रंगा !!
यह होली सचमुच होली थी,
मेरा तन भी रंगा मेरा मन भी रंगा !!4!!
*****
वाह....बहुत सुन्दर गीत....इतना सुन्दर होली का एहसास ....बहुत खूब
जवाब देंहटाएंमेरा तन भी रंगा मेरा मन भी रंगा !
जवाब देंहटाएंहोली के प्रेम पगे रंग में,
पोर-पोर जीवन भी रंगा !
har varsh aapke liye holi itnee hee ulhas bharee ho
aisee shubhkamna hai ...........
बहुत सुन्दर गीत है होली के रंगों की तरह और ये रंग ऐसे ही बरसते रहें जीवन भर शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंयह सुख सदा संजोए रखें। बधाई।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अवश्य रही होगी - यह एक ब्लॉगर की होली थी! शायद इस दृष्टिकोण से पिछली होलियां न देखी हों।
जवाब देंहटाएंWaahji, bahut sundar varanan hali ki khushiyon ka ....ishwar se prathana hai ki khushiyon ke ye rang sada aapake jivan ko rangin banae rakhe!!
जवाब देंहटाएंShubhkaamnae
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
प्रेम पुरातन-नूतन पाया,
जवाब देंहटाएंमस्त फाग ने मन हर्षाया
....बहुत सुन्दर !!
Bahut sundar bhavpoorna rachana.Holee kee hardik mangalkamnayen.
जवाब देंहटाएंPoonam
बहुत सुन्दर गीत...आनन्द आया.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना,बधाई.
जवाब देंहटाएंआपको सुनकर आनंद आया.
जवाब देंहटाएंKaran ji....
जवाब देंहटाएंBahoooooooooooooooot he achi kavita...kavita padhkar he apki khusi jhalak rai hai...I wish ki har holi me apka tan aur man dono isi tarah rang jaye...
Dil se likhi is kavita ke liye dil se dhanyawad...
सुन्दर रचना ! शुभकामनायें !!
जवाब देंहटाएंकविता आप सभी को पसंद आयी ............. बहुत-बहुत धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंआपको होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं....बहुत ही सुन्दर रचना,बधाई......
जवाब देंहटाएंचहुँ ओर चाँदनी व्याप्त हुई,
जवाब देंहटाएंऐसी प्रसन्नता प्राप्त हुई !
वर्षों से जिसकी प्यास मुझे,
वो नीर बिंदु अब प्राप्त हुई ...
सुंदर गीत है होली का ... आपकी होली लाजवाब रही जान कर बहुत अच्छा लगा ...