फ़ुरसत में …
नए साल के अवसर पर मंगल-कामना है!
आज पुराना (2011) जा रहा है और नया (2012) आ रहा है।
यह जो साल बीत रहा है, किसी और बात के लिए याद रहे न रहे भ्रष्टाचार के लिए तो अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवा कर ही जा रहा है। साल में देश ने एक से एक भ्रष्टाचरण देखे। और देखा सुना एक से एक भ्रष्टोपदेश! सब कुछ देखने के बाद वह न देख पाई जनता जिसे देखना चाहती थी। वह तो, जैसा कि सूर्खियों में आया लड़खड़ा कर गिर ही गया। हर चीज़ में एक ‘गुड’ होता है जी। कहते हैं जो गिरता है वही तो फिर से उठकर चलता है।
हर शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
हर रात परवाने को जलना सिखाती है,
गिरने पर होती है हमें तकलीफ़ मगर
ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।
अब भाषणों का दौर चल रहा है। चलेगा। किसी ने सही कहा है “जहां विचारों की कमी हो वहां भाषणों की बहुतायत होती है।”
हो भी क्यों नहीं? यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। यह लोकतंत्र है। यहां गिनती का खेल चलता है। अब गिनती के खेल में कभी पासा इस करवट तो कभी उस करवट।
जमहूरियत इक तर्ज़े-हुक़ूमत है कि जिस में,
बंदों को गिना करते हैं तोला नहीं करते।
हम भी किन उलझनों में फंस गए। आज तो हम नए साल की बात करें, नए संकल्प लें। हम सदाचारी बनें यहीं नए साल का संकल्प है। क्योंकि सदाचार सुखमय जीवन की कुंजी है।
जो शरीर, वाणी तथा मन से संयत है, मन से भी कोई पाप कर्म नहीं करता, तथा स्वार्थ के लिए झूठ नहीं बोलता, ऐसे व्यक्ति को सदाचारी कहते हैं।
सदाचार मानव जीवन को कल्याण प्रदान करता है। सदाचार से बुरे लक्षणों का नाश होता है। दूसरों की निन्दा, चुगली, बदनामी, हम कभी न करें। क्रूरताभरी बातें न बोलें। बाणों से बिंधा हुआ, फरसे से कटा हुआ वन पुनः अंकुरित हो जाता है, पर दुर्वचन रुपी शस्त्र से किया हुआ भयंकर घाव कभी नहीं भरता। भीतर और बाहर, दोनों प्रकार, शान्त रहने वाला ही प्रसन्न रहता है। शान्त भाव, शिव भाव और अद्वैत भाव का मिलन ही सदाचार समझना चाहिए।
गर्दन काटने वाला शत्रु भी उतनी हानि नहीं करता, जितनी हानि दुराचार में प्रवृत्त अपना ही स्वयं का कर सकता है।
नए साल के अवसर पर मंगल-कामना है –
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
और ...
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
मनोज कुमार
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
जवाब देंहटाएंसर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
nav varsh aap sab k liye mangalmay ho.
फुरसत में सम्यक विचार , नव वर्ष की मंगलकामनाएं .
जवाब देंहटाएंसार्थक और सामयिक पोस्ट, आभार.
जवाब देंहटाएंनूतन वर्ष की मंगल कामनाओं के साथ मेरे ब्लॉग "meri kavitayen " पर आप सस्नेह/ सादर आमंत्रित हैं.
बीत गया वो जाने दें,
जवाब देंहटाएंनवपल को अब अपनाने दें।
यह राष्ट्र हमारा
जवाब देंहटाएंअमर रहे.
गणतंत्र रहे,
स्वतंत्र रहे...
यही एक
अपेक्षा अपनी,
आनेवाले इस
नए वर्ष से.
अपने प्यारे देश,
भारत वर्ष से.
परन्तु कभी न
स्व' का 'तंत्र' रहे.
हाँ! कभी न
स्व' का 'तंत्र' बने.
नये साल के लिये मंगलकामनायें।
जवाब देंहटाएंआशा है २०१२ ढेरों खुशियां लेकर आयेगा.
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.
आपके ब्लॉग पर मय के प्याले आज ब्लॉग की शोभा बड़ा रहे हैं साथ ही साथ निमंत्रण भी दे रहे हैं :) चलो नए साल का बहाना सही.
जवाब देंहटाएंनव वर्ष पर फुरसत में सार्थक रचना
जवाब देंहटाएं.......नववर्ष आप के लिए मंगलमय हो
शुभकामनओं के साथ
संजय भास्कर
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
Nav varsh kee anek shubh kamnayen!
जवाब देंहटाएंनव वर्ष मंगलमय हो...सबका कल्याण हो।
जवाब देंहटाएंआमीन !
जवाब देंहटाएंसर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
जवाब देंहटाएंसर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
नए वर्ष में सब शुभ ही शुभ हो....
सादर बधाईयां और शुभकामनाएं...
आप और आप के परिवार को नव वर्ष की खूब सारी शुभकामनाएं ....
जवाब देंहटाएंनव वर्ष के आगमन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ...
जवाब देंहटाएंये काम आपने बहुत अच्छा किया.. फुर्सत में बैठकर आराम से लोगों को नए साल की शुभकामनाएं दे डालीं.. हमारी भी शुभकामनाएं क़ुबूल करें!!
जवाब देंहटाएंसलिल वर्मा - चैतन्य आलोक
शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंनववर्ष की अनंत शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
जवाब देंहटाएंगए और नए दोनों का स्वागत !
जवाब देंहटाएंnav varsh mangalmay ho!
जवाब देंहटाएंnav varsh kee anant shubhkaamnayen.. gat varsh kee bhanti hi is varsh bhi aapka sneh aur aashish mile.. yahi kaamna hai...
जवाब देंहटाएंसर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
जवाब देंहटाएंसर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
और ...
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
नव वर्ष की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएँ।
नववर्ष मंगलमय हो।
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं......
जवाब देंहटाएंसंकल्पित हैं। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं