मंगलवार, 15 दिसंबर 2009

जीवन पथ पर

-- करण समस्तीपुरी

मैं जीवन पथ पर चल-चल कर,
क्यूँ बार-बार रुक जाता हूँ ?
है कोई शक्ति अदृश्य कि मैं,
उसके आगे झुक जाता हूँ ??
मैं जीवन पथ पर...... !!

क्या इस पथ का उद्देश्य भला ?
मैं क्यूँ इस पथ पर आन चला ??
आगे का पथ है ज्ञात नहीं !
कोई पथ-प्रदर्शक साथ नहीं !!
मैं चरण-चिन्ह किनके चूमूं,
हर मोर पे आ चुक जाता हूँ !
मैं जीवन पथ पर.... !!

न सखा कोई न है सहचर !
है लक्ष्य दूर अज्ञात डगर !!
एक ओर भीड़, एक निर्जन है !
किस पथ से जाऊं उलझन है!!
हर ओर कदम दो-एक चल कर,
किस भय से मैं घबराता हूँ ?
मैं जीवन पथ पर.... !!

पर लेता हूँ मैं आज शपथ !
चाहे जितना लम्बा हो पथ !!
संकट-कंटक से भीत नहीं !
मैं थक बैठूं यह रीत नहीं !!
ये आश-निराश का धूप-छाँव,
विश्वास से मैं ठुकराता हूँ !
मैं जीवन पथ पर चल-चल कर,
क्यूँ बार-बार रुक जाता हूँ ??
*******

19 टिप्‍पणियां:

  1. चाहे जितना लम्बा हो पथ !!
    संकट-कंटक से भीत नहीं !
    मैं थक बैठूं यह रीत नहीं !

    वाह बहुत प्रेरक रचना...बधाई...मनोज जी...आप बहुत अच्छा लिखते हैं.
    नीरज i

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  2. जब तक जीवन है, तब तक संघर्ष है । बंधु , बहुत अच्छी रचना ।

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  3. Wakai rachna bahut sundar hai. Yeh hame aage badne ka sandesh deta hai.BADHAI....

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  4. करण जी ,शानदार प्रस्तुति । कविता लाजवाब है ।

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  5. आपकी साफ़गोई और निष्पक्ष तेवर देखते ही बनता है।

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  6. चरैवेति की भावना को प्रकारांतर से कहती कविता।
    चरैवेति।

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  7. "पर लेता हूँ मैं आज शपथ !
    चाहे जितना लम्बा हो पथ !!
    संकट-कंटक से भीत नहीं !
    मैं थक बैठूं यह रीत नहीं !!"

    बहुत सुंदर पंक्तियाँ । शुभकामनाएं !!

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  8. bahut achhe!aapki har kavita har lekh bahut hi aashawadi aur preranatmak hoti hain. This is wat is called adding one more milestone to ur journey of tales. It's wonderful keep it up n keep on going on ur way NONSTOP............................

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  9. हो मुकम्मल तीरगी ऐसा कभी देखा न था
    एक शम्अ बुझ गई तो दूसरी जलने लगी
    बहुत सुंदर। शुभकामनाएं !!

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  10. यह कविता एक प्रकार से निराशावादिता के विरुद्ध आशावादिता का प्रचार है।

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  11. हौसला-अफजाई के लिए तह-ए-दिल से शुक्रिया... ! याद रखें, आपकी प्रतिक्रिया ही हमारी रचनात्मकता का संबल है !!

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  12. बहुत ही प्रेरक और जीवन में कर्म पथ पर अग्रसर रहने का न्योता देती रचना ............

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