शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

फ़ुरसत में ….. “क्या आज कल आलतू-फ़ालतू कविता लिखने लगे हो!”

फ़ुरसत में …..

``आज कल क्या आलतू-फ़ालतू कविता लिखने लगे हो!’’

जिनके लिए यह कविता लिखी उन्हें जब इसे सुनाया तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी और मुंह से निकला, “आज कल क्या आलतू-फ़ालतू कविता लिखने लगे हो!”

मेरे मुंह से अनायास निकला, “आपके इस कंप्लीमेंट के लिए समझ नहीं आ रहा कैसे करूं आभार प्रकट!”

वैसे हमें जो न मिला होता है, उसके लिए तो ढेरों कविताएं, गीत, ग़ज़लें, नज़्म लिख डालते हैं, पर जो है, उसके लिए कम से कम मैंने, … सोचा ही नहीं कभी लिखने को, खास कर कविता। जेठ-वैशाख की फुहार की तरह फाल्गुन माह में 23 साल पहले हमारी ज़िन्दगी में उनका सुखद पदार्पण हुआ था। उन्होंने अपने प्रेम की स्वर्णिम ज्योति से मेरी धड़कनों के हर कोने-अंतरे को प्रकाशित किया। अपनी कड़क-मुलायम हथेलियों से हमारे अन्तरमन के आंगन को संवारा, सजाया।

इस शुष्क दुनिया में जी पाने के लिए प्रेम का सहारा बहुत ज़रूरी है। लेकिन प्रेम की निरंतरता बनी रहे, वह फलता-फूलता रहे, इसके लिए ज़रूरत होती है एक उत्तम सोच-समझ रखने वाले जीवन साथी की। अपने ऐसे  जीवन साथी के लिए, कविता लिखना, एक कवि के लिए उन असंख्य कोणों को याद करना है, जिसे उसने (जीवन संगिनी ने) बिना कुछ कहे,  दिखाए, सुनाए, पूरी तरह केवल महसूस ही नहीं कराया,  बल्कि धीरे-धीरे उन्होंने अपने जीवन के प्रेम की अनुभूति हममें रूपांतरित किया और वह भी बिना कुछ बताए। इसके लिए मैं आकंठ उनकी कृतज्ञता में डूबा हूं । --- यह महज भावुकता नहीं, बल्कि एक जीता-जागता यथार्थ है …..

कैसे करूं आभार प्रकट!
IMG_0867मनोज कुमार

 

IMG_0565            एकाकीपन के
भीषण तप्त अहसास में
नम, हसीन, बारिश की बूंदों-सा
हुआ पदार्पण तेरा
मेरे जीवन में !

 

सृजन की
सुंदरतम रचना तुम
इस अंतरतम में
करती वास
खजाना ख़ुशियों का
लुटाती रही हो
मेरे हाथ !

 

 

जीवन उदधि की
अतल गहराई में
प्रगाढ़-प्रेम,
सुख-शांति के
रंग भरे तुमने,
दो-दशक से भी अधिक
इस अंतराल में
उसे सजाया,
संवारा
और
संभालकर रखा
तुमने।

IMG_0861

 

जिसे भेद न सकीं,
न कर सकीं आहत
क्रोध और अविश्वास की
छिछली सतह पर
शैवाल-सी बहुतेरी उलझनें
मन की,
बोझ-सी लगती
ज़िन्दगी की हलचल।

 

ऐसा नहीं कि
आँधियाँ नहीं आईं,
ज्वार नहीं उठे
पर, उनसे बचाना
इस पावन रिश्ते को
लक्ष्य रहा तेरा।

 

अपनी अच्छाइयों से
गहराई दी
सात फेरों,
सात-वचनों और
सौ जन्मों के
इस अटूट बंधन को।

 

                                 मधुर मुस्कान,IMG_0784
खिला मन
ज्यों सवेरा क्वार का
तुम बिन जीवन अधूरा
कहाँ से लाऊँ
वह शब्दावलि
जो दे सके आभार
तुम्हारा !
--

राय जी आपका आदेश सर माथे पर।

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50 टिप्‍पणियां:

  1. सुखी दांपत्य को हमारी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ। ईश्वर आप दोनो के जीवन में अपार खुशियाँ देता रहे।

    काव्यमय आभार बहुत अच्छा है।

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  2. बहुत सुंदर ...मनोज जी अपनी जीवन संगिनी के लिए इतनी सुंदर सार्थक रचना रची है आपने.....
    आपको बधाई शुभकामनायें.....चित्र भी खूब जमे हैं....

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत-बहुत धन्यवाद त्रिपाठी जी!

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  4. वाह! बहुत उम्दा एवं संपूर्ण समर्पित रचना....

    आप दोनों जीवन सदा मंगलमय में हो, हार्दिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  5. तेइसवीं वैवाहिक वर्ष-गाँठ पर श्रीमती एवं श्री मनोज कुमार को हार्दिक बधाइयाँ। इस शुभ अवसर पर सुन्दर कविता से सजा आप दोनों के प्रेम का आँगन सुरभित चेतना से भरपूर है। एक बार पुनः आप दोनों को हार्दिक बधाई।

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  6. चूम ले हर खुशी आपके हर कदम !
    दरम्याँ आपके न मोहब्बत हो कम !!
    हैं बंधे सात फेरों से सातों जनम !
    दरम्याँ आपके न मोहब्बत हो कम !!

    Many-Many Happy Returns Of The Day :)

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  7. @ समीर जी, परशुराम राय जी, करण
    बहुत-बहुत आभार आपका।

    जवाब देंहटाएं
  8. इस शुष्क दुनिया में जी पाने के लिए प्रेम का सहारा बहुत ज़रूरी है। लेकिन प्रेम की निरंतरता बनी रहे, वह फलता-फूलता रहे, इसके लिए ज़रूरत होती है एक उत्तम सोच-समझ रखने वाले जीवन साथी की। अपने ऐसे जीवन साथी के लिए, कविता लिखना, एक कवि के लिए उन असंख्य कोणों को याद करना है, जिसे उसने (जीवन संगिनी ने) बिना कुछ कहे, दिखाए, सुनाए, पूरी तरह केवल महसूस ही नहीं कराया, बल्कि धीरे-धीरे उन्होंने अपने जीवन के प्रेम की अनुभूति हममें रूपांतरित किया और वह भी बिना कुछ बताए। इसके लिए मैं आकंठ उनकी कृतज्ञता में डूबा हूं । --- यह महज भावुकता नहीं, बल्कि एक जीता-जागता यथार्थ है ….
    ------------
    जीवन बगिया में खिलें, सुन्दर-सुन्दर फूल!
    माटी का रजकण कभी, नहीं कहाता धूल!!
    --
    सप्तपदी सम्वन्ध का, बन्धन रहे अटूट।
    पावन रिश्ते में सदा, पिओ प्रेम के घूँट!!

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  9. पुनःश्च, भावपूर्ण कविता के साथ चित्र संयोजन में मुझे कुछ अपूर्णता सी दिख रही है। यदि युगल चित्र भी साथ होता तो सुन्दरता बढ़ जाती।

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  10. विवाह की २३ वी वर्षगांठ पर आप दोनों के हार्दिक शुभकामना.. इतनी सुन्दर कविता जिन्हें मिले वो कितनी भाग्यशाली होंगी... और यह टिप्पणी कि आजकल क्या आलतू फालतू लिखने लगे हो.. वास्तव में आपके काव्यात्मक अनुशाशन का स्तम्भ है...

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  11. सात फेरों,
    सात-वचनों और
    सौ जन्मों के
    इस अटूट बंधन को। मेरा बहुत बहुत आशीर्वाद और शुभकामनायें। कविता दिल को छू गयी।

    जवाब देंहटाएं
  12. बढ़िया भावनाओं के लिए शुभकामनायें !!
    हार्दिक बधाई।

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  13. मनमोहक पंक्तियाँ, हार्दिक बधाई युगलद्व को।

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  14. युगल का
    मंगलमय सुखमय जीवन हो,
    ईश्वर की सद् अनुकम्पा हो,
    सात रंगों से सदा सजा हो
    जीवन का सुन्दर आँगन,
    सात सुरों में बजे सदा
    साँझ-सबेरे शहनाई
    जीवन के हर द्वार पर,
    शत-शत वसंत
    करें सुरभित
    जीवन का कोना-कोना,
    अवषाद-शून्य हों मार्ग सभी,
    न शेष रहे कोई अभिलाषा,
    कल्पतरु आँगन में हो।

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  15. आद. मनोज जी,
    आपको और भाभी जी को ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ ये पंक्तियाँ समर्पित हैं ! कृपया स्वीकार करके अनुग्रहीत करने की कृपा करें !

    स्नेह -सुरभि बरसे सदा, सुख, आनंद, उमंग !
    सौ जन्मों के बाद भी , कभी न छूटे संग !

    अनंत शुभकामनाये !

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  16. मनोज जी ,

    आपको और सविता जी को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ...कविता के माध्यम से आपने अपने हृदय के उद्दगार प्रकट किये ...भले ही सविता जी ने कह दिया हो कि आज - कल आलतू - फ़ालतू कविता लिखने लगे हो ...इसमें भी एक रोमांच है ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..

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  17. फोटो में जोड़ी अब जँच रही है। अनुरोध का सम्मान के लिए साधुवाद।

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  18. क्या बात है...क्या बात है !!!
    उनका जन्मदिन है...
    या शादी की वर्षगाँठ है :)
    {देखिए, मैने भी तुकबंदी कर डाली :)}

    शत-वर्ष का साथ हो आप दोनों का..और आप ऐसी ही कविताएँ रचकर उन्हें समर्पित करते रहें
    असीम शुभकामनाएं

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  19. मनोज जी

    सफ़ल दाम्पत्य के 23 वर्ष पूरे करने पर आपको और आपकी जीवन संगिनी को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें……………

    “क्या आज कल आलतू-फ़ालतू कविता लिखने लगे हो!”…………ये ही तो प्रेम का चरम है जिसे उन्होंने कितनी सहजता से कह दिया…………यहीं जीवन सार्थक हो गया…………ईश्वर आप दोनो के जीवन को खुशियो से भर दे और इस भगवान करे इस जन्म के सात फेरे सात जन्मों का बंधन रहे ।कामना है ऐसे ही आपको आपकी शादी की स्वर्ण जयंती की बधाई दूँ॥

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  20. वैवाहिक जीवन के २३ वर्ष का सुखद वर्णन , भावितारेक छलक रहा है . शुभकामनाये सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए .

    जवाब देंहटाएं
  21. Sir!! hamari tuk bandi ko to ghar me padha bhi nahi jata...:D
    aapne to sach me badi faltu si rachna likhi hai, jo dil ko chhoo gayee:)
    आप दोनों जीवन सदा मंगलमय में हो, हार्दिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  22. सुखी दांपत्य जीवन जीते हुए तेईस वर्ष पूरे करने पर हार्दिक शुभ कामनाएं.
    जीवन संगिनी को समर्पित आपने अत्यंत उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत की है. आपके ह्रदय के उदगार बखूबी स्पष्ट हो रहे हैं.

    जवाब देंहटाएं
  23. रजत जयंति वर्ष की ओर अग्रसर आपका सुखद दाम्पत्य जीवन खुशनुमा पलों को सहेजते आनन्दयात्रा के नित नये पडाव स्पर्श करे ।
    सुखद दाम्पत्य जीवन की बधाईयां और शुभकामनाएँ...

    जवाब देंहटाएं
  24. श्रीमती एवं श्री मनोज कुमार जी को शादी की वर्षगांठकीहार्दिकशुभकामनाएं.हम आपके दाम्पत्य जीवन में स्वास्थ्य ,संपत्ति एवं समृद्धी की मंगल काम,नाएँ करते हैं.---
    पूनम माथुर एवं विजय माथुर

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  25. हमारी तरफ़ से आप दोनो को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।

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  26. शादी की २३ वीं वर्षगाँठ की हार्दिक शुभकामनाये आप दोनों को.
    इस अवसर पर जीवन संगिनी को समर्पित आपकी प्रस्तुत कविता लाजवाब है.
    दोनों की साथ साथ फोटो बहुत प्यारी है. पुनः बधाई.

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  27. भगवान ई जुगल जोड़ी ध्रुवतारा जईसा अडिग अऊर अबिचल बनाए रखें, एही आसीर्बाद देते हैं.. अऊर कबिता को आँच पर चढाते हुए अबहिंये कह देते हैं कि आजकल का आलतू फालतू कबिता लिखने लगे हैं आप!!
    ह्मरे तरफ से बेबी जी को भी आसिर्बाद! पहिलका फोटो में तो अँचरा रखिये ली हैं माथा पर!!

    जवाब देंहटाएं
  28. आपके समस्त सृजन के पीछे यदि उनकी मौन स्वीकृति न होती और आपके अवसाद के पलों में यदि उनका हास्य फुहार न होता तो जीवन इतना सुखद नहीं होता जितना आप अनुभव कर पा रहे हैं.. हम दोनों की ओर से आप दोनों के लिये सुखद एवम् मधुर वैवाहिक जीवन की मंगलकामनाएँ!!

    जवाब देंहटाएं
  29. विवाह की तेइसवीं वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाइयाँ साथ ही सुखद भविष्य की अनन्त शुभकामनाएं स्वीकार करें।

    सुन्दर शब्दों से सुसज्जित भावपूर्ण आभार हृदय स्पर्शी है। पुनः असीम शुभकामनाओं सहित,
    - हरीश प्रकाश गुप्त

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  30. खुशी में शामिल हूँ ! खुशी हूँ !
    हम सब ऐसी ही सुखमय कई वर्षगाठों के साक्षी बने रहें !

    अनगिन-अशेष शुभकामनाएँ !!

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  31. जीवन साथी के लिए इतनी सार्थक और भावपूर्ण रचना...हार्दिक बधाई

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  32. सुखी दांपत्य को हार्दिक बधाई। आप दोनों का जीवन सदा मंगलमय में हो, सुखमय हो, इसके लिए ईश्वर से कामना करता हूँ।

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  33. shadi ki saalgirah mubarak ho.kavita bhi pyar men pagi atyant meethi hai.

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  34. तेइसवीं वैवाहिक वर्ष-गाँठ पर हार्दिक बधाइयाँ।

    इस अवसर पर सुन्दर कविता का उपहार अनुपम है।

    आलतू-फालतू की टीका में भी अपनापन समाया है।

    सदा सुखी रहें आप दोनों, यही कामना है।

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  35. अंकल, आन्टी आप दोनो को शादी की सालगिरह पर छुटकी की तरफ से बहुत बहुत बहुत बधाइयाँ।
    आप दोनो हमेशा ऐसे ही हँसते मुस्कराते रहें और ब्लाग पर ज्ञान एवं मुस्कान बांटते रहें।

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  36. मुबारक हो यह सफर । अभी मंजिलें और भी हैं। शुभकामनाएं।

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  37. वाह वाह वाह आभार प्रकट करने का और भाव उजागर करने का इतना खूबसूरत तरीका ...बहुत ही सुन्दर आपको और सविता जी को हमारी ढेर सारी शुभकामनाये.ये जोड़ी ये भाव ये खुशियाँ यूँ ही बनी रहें.

    जवाब देंहटाएं
  38. आप दोनों को हार्दिक शुभ-कामनाएँ!

    यह अनुरूप जोड़ी ऐसे ही रसमय जीवन के शत वसंत देखे !

    जवाब देंहटाएं
  39. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 01-03 - 2011
    को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

    http://charchamanch.uchcharan.com/

    जवाब देंहटाएं
  40. सुन्दर रचना...
    सुखी दांपत्य जीवन के लिये हार्दिक शुभकामनायें.

    वैसे

    प्यार में आभार के लिये स्थान कहां है ?

    जवाब देंहटाएं
  41. सुन्दर रचना...
    सुखी दांपत्य जीवन के लिये हार्दिक शुभकामनायें.

    वैसे

    प्यार में आभार के लिये स्थान कहां है ?

    जवाब देंहटाएं
  42. e-mail से प्राप्त
    Reply
    jai prakash tiwari to me
    show details 8:52 AM (2 hours ago)
    मनोज जी,
    सफल और सुखद वैवाहिक जीवन के २३ वर्ष पूर्ण करने और २४वे में पदार्पण करने पर ढेर सारी शुभ कामनाएं. आपकी व्यक्तित्व में कहाँ से इतना निखर आता है, कौन है वह असीम ऊर्जा का स्रोत - प्रेरक और प्रकाशक, इसका उत्तर आज मिला. मै उस प्रतिभा और मौन की देवी को प्रणाम करता हूँ. साथ ही सोचता हूँ 'आलतू-फालतू' जैसे शब्दों का सहजता के साथ निश्छल प्रयोग ने तो इस शब्दों के अर्थ ही बदल दिए. इस 'आलतू-फालतू' शब्द युग्म में जो सौन्दर्य भरा है, जो आसीन अघोषित स्निग्द्ध प्रेम और प्यार को लपेटे है , उसे केवल महसूस किया जा सकता है.....आप बहुत ही भाग्यशाली हैं. ईश्वर कृपा और आपके मंगल दाम्पत्य की ढेर सारी सुखद कामनाये.आज के बिखरते और कलहपूर्ण जीवन जी रहे लोगों के लिए एक अनुपम उदाहरण और प्रेरणा के स्रोत है आप दोनों. ..आप के सुखद दांपत्य को बारम्बार नमन.

    सादर
    जयप्रकाश तिवारी

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  43. आपके इतने अच्छे कवि-साहित्यकार होने का राज़ आज पता चल गया...इसके लिए भाभी जी को बधाई !

    तेइसवीं वैवाहिक वर्ष-गाँठ आपको और भाभी जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  44. आदरणीय मनोज कुमार जी
    एवम्
    आदरणीया सविता भाभीजी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    जीवन में खिलता रहे , बारह मास बसंत !
    ख़ुशियों का सुख-हर्ष का , कभी न आए अंत !!


    वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाइयां और मंगलकामनाएं !


    कविता बहुत सुंदर उपहार है …
    पुनः बधाई !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  45. बहुत ही सुन्दर रचना है । एक पत्नी के लिए इससे सुन्दर तोहफा और क्या होगा । विवाह की वर्षगाँठ पर आप दोनों कों ढेरों शुभकामनाएं ।

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  46. सुंदर ,स्वस्थ और खुशहाल जीवन की हार्दिक शुभकामनायें ।

    जवाब देंहटाएं
  47. मनोज जी आपको विवाह की वर्षगाँठ की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  48. बहुत-बहुत धन्यवाद डॉ. अजीत गुप्त जी ।

    जवाब देंहटाएं

आपका मूल्यांकन – हमारा पथ-प्रदर्शक होंगा।