शुक्रवार, 24 सितंबर 2010

स्वरोदय विज्ञान - 10

स्वरोदय विज्ञान – 10


आचार्य परशुराम राय

स्वरोदय विज्ञान के कतिपय अंकों में पाठकों ने स्वरोदय विज्ञान की साधना के विषय में जिज्ञासा व्यक्त की थी। उसी के परिणामस्वरूप यह अंक लिखने का विचार आया, अन्यथा नौवे अंक के बाद इस विषय पर अत्यन्त प्रामाणिक एवं प्राचीन ग्रंथ 'शिवस्वरोदय' का हिन्दी भाष्य सहित ब्लॉग पर प्रकाशित करने का विचार था। अब यह कार्य इस अंक के बाद किया जाएगा।

स्वरोदय विज्ञान में जो दावे किए गए हैं, वे कहाँ तक सत्य हैं, इसका निर्णय इस विज्ञान के सक्षम साधकों के सान्निध्य में उनके निर्देशों के अनुरूप साधना करने के बाद ही किया जा सकता है। यही वैज्ञानिक तरीका भी है। जब कुछ पाठकों की प्रतिक्रियाएँ स्वरोदय विज्ञान की साधना के सम्बन्ध में आयीं, तो मैंने भी इस दिशा में अपनी खोज बढ़ा दी। इंटरनेट पर कुछ सम्पर्क-सूत्र मिले हैं, जिन्हें यहाँ दिया जा रहा है।

इंटरनेट पर वेबसाइट http://swarayoga.org/ पर अंग्रेजी भाषा में इस सम्बन्ध में बहुत सी जानकारियाँ दी गयीं हैं, यथा - स्वरचक्र (Swara Cycle), स्वर लयबद्धता से लाभ (Benefits of Swar Rhythms), भौतिक शरीर, सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर के स्वर चक्र (Physical Subtle and causal body Swar Cycles), स्वर बदलने के तरीके (Methods to change Swara), जन्म नाड़ी और तत्व गणक (Birth Nadi and Element Calculator), पंचांग गणक (Panchang Calculator), स्वर पंचाग गणक (Swar Panchang Calculator), जन्म काल में कारण शरीर का स्वर गणक (Causal Body Swar Calculator during birth), आदि को बड़े ही सुन्दर और सरल ढंग से समझाया गया है। भाषा में अशुद्धियाँ होने के बावजूद भी विषय सुगम्य है। यह संगठन सन्यासिन चरणाश्रित जी महाराज द्वारा संचालित होता है। बंगलोर स्थित रामाचन्द्रपुरम में एक स्वर योग केन्द्र भी ये संचालित करते हैं जहाँ जिज्ञासुओं को स्वर योग की साधना सिखायी जाती है। वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार प्रारम्भिक साधना प्रक्रिया 06 घंटें - प्रात: 10.00 बजे से अपराह्न 4 बजे तक सिखायी जाती है। पर्याप्त जिज्ञासुओं के आने की पुष्टि के बाद ही प्रशिक्षण के लिए दिन निश्चित किया जाता है। इस पर दिए गए सम्पर्क सूत्र (आत्मवन्दना जी, दूरभाष सं0 080 - 23422575) पर बात करने के बाद पता चला कि स्वर योग की उच्च साधना हेतु साधकों के अभाव में उच्च स्वर साधना का प्रशिक्षण फिलहाल आयोजित नहीं किया गया है।

दूसरी वेबसाइट श्री प्रेम निर्मल जी द्वारा दी गयी है। इनका पता नीचे दिया जा रहा है:-

http://www.premnirmal.com/

TAO, Krishna Building,

Laxmi Industrial Complex,

Vartak Nagar,

Pokhran Road, - I,

THANE

फोन सं0 25363118, 9892572804 भारती जी 9224127682 श्री प्रेम निर्मल जी

इस वेबसाइट पर स्वर योग कार्यशाला के भाग हैं। भाग-1 में प्रारम्भिक प्रशिक्षण 6 सत्रों का है जिसमें निम्नलिखित विषय अभ्यास के लिए रखे गए हैं -

(1) परिचय (2) सूर्य और चन्द्र नाड़ियाँ एवं ग्रहों से इनका सम्बन्ध (3) दाहिने और बाएँ मस्तिष्क के सम्बन्ध और कार्य (4) पाँच प्राण और उप प्राण (5) स्वर के तीन भेद (6) नासाछिद्र (Nostril) और चन्द्र (7) स्वरों को बदलने का तरीका (8) स्वर को कब बदलें (9) स्वर के अनुसार विशेष कार्य (10) सुषुम्ना क्रियाशीलन और इसकी विशेषता (11) स्वर योग और पंच महाभूत (आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी) (12) पंच महाभूतों का निरीक्षण, पहिचान और अनुभव करना (13) स्वर योग का शरीर और मस्तिष्क से सम्बन्ध (14) स्वर योग के विभिन्न व्यावहारिक प्रयोग (15) स्वरयोग द्वारा बीमारियों को दूर करना (16) स्वर योग द्वारा शरीर और मन को स्वस्थ रखना।

उक्त प्रशिक्षण के बाद सक्षम साधकों के लिए उच्च कार्यशाला में स्थान दिया जाता है। यह आठ सत्रों का होता है और इसमें निम्नलिखित विषयों और साधनाओं का अभ्यास कराया जाता है-

(1) तत्वदर्शी से तत्वविद् (2) स्वर योग और शिशु का जन्म (3) स्वर योग और मन को पढ़ना (Mind reading) (4) स्वरयोग और छायोपासना, (5) स्वर योग और नाड़ियों और चक्रों से सम्बन्धित उच्च मानसिक (Super psychic) ज्योतिष विज्ञान तथा वास्तु (6) स्वर योग और आन्तरिक गुरु तत्व का जागरण (7) स्वर योग और जीवन, आयुष्य एवं मृत्यु और (8) स्वर योग, अभिज्ञा और ज्ञानोदय (enlightenment½

उक्त दोनों पाठयक्रमों का प्रशिक्षण 14 सत्रों में दिया जाता है। एक सत्र तीन घंटें का होता है। उक्त दूरभाषों पर आगामी कार्यशाला की जानकारी ली जा सकती है।

इसके अतिरिक्त परमहंस सत्यानन्द जी के उत्तराधिकारी परमहंस निरंजनानन्द जी द्वारा बिहार में संस्थापित योग भारती (विश्वविद्यालय) में भी इसकी साधना सिखायी जाती है। पत्राचार द्वारा सम्पर्क किया जा सकता हैं या वेबसाइट से दूरभाष संख्या प्राप्त की जा सकती हैं।

28 टिप्‍पणियां:

  1. जानकारी प्रदान के लिये शुक्रिया..

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  2. आचार्य जी,ज्ञान का एक वृहत्सागर है यह लेख...

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  3. ज्ञान का सागर बांट रहे हैं आप। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
    स्वरोदय विज्ञान – 10 आचार्य परशुराम राय, द्वारा “मनोज” पर, पढिए!

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  4. इस रोचक जानकारी के लिए आभार।

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  5. इस श्रंखला को आगे बढाने के लिये बहुत आभार आपका.

    रामराम.

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  6. पहले तो इस श्रिंखला को आगे बढाने के लिये धन्यवाद और दूसरा बाकी जगह इसकी जानकारी देने के लिये धन्यवाद। तीसरी बार धन्यवाद नही दिया जा सकता क्यों कि आपका ये प्रयास छोटा पड जायेगा। धन्यवाद तो इसके आगे बहुत तुछ सा शब्द है। इस सार्थक प्रयास को जारी रखिये। बहुत बहुत शुभकामनायें। ये मानवता की सेवा है।

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  7. हमारे लिये यह सर्वथा नई जान्कारी है... भारत के प्राचीन विग्यान का ग्यान बढ रहा है हमारा...

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  8. sarvatha nootan jaankari hai yah. ismein jo links or nos. diye gaye hai nishchay hi pathkon ke liye upyogi siddh honge.

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  9. रोचक ओर सुंदर जानकारी के लिये धन्यवाद

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  10. बहुत बढ़िया और रोचक जानकारी मिली! आपका हर एक पोस्ट से कुछ न कुछ सिखने को और नयी जानकारी मिलती है! आभार!

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  11. Kaphi acchi abhivyaki, aapka yeh prayas unko bhi kuch prerna de jata jo is vishye main kuch bhi nahi jante, or jo jante hain unhain vishleshan ka mouka pradan karta hai.

    Gyanvadhak lekhon ke liye Dhanyabaad

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  12. स्वरोदय जैसे विज्ञान को भी किसी चैनल पर लाया जाना चाहिए ताकि अनुलोम-विलोम आदि की तरह यह भी, प्रशिक्षण केंद्रों से निकलकर जन-जन के लिए सुलभ हो सके।

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  13. मनोज कुमार जी!
    इस शृंखला से बहुतों को गुण-ज्ञान मिलेगा!

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  14. यह श्रृंखला जारी रखने की कोशिश की जाए।

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  15. अति सुन्दर और ज्ञानवर्धक जानकारी ........ आभार

    यहाँ भी आये और अपनी बात कहे :-
    क्यों बाँट रहे है ये छोटे शब्द समाज को ...?

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  16. बहुत उत्तम जानकारी के लिए आभार .

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  17. गूढ़ जानकारी प्रदान करने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  18. उतसाहवर्धन के लिए अपने सभी पाठकों का आभार।

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