बापू, एक मंत्र दो
आचार्य परशुराम राय
निकला फिर आज
बापू का जन्म-दिन।
सद्ग्रंथों से
प्रार्थना की बूँद ले
राजनीति के
हाथों आचमन कर
दुकान से लाए गए-
मातहत के हाथ,
बुके चढ़ाकर
बापू की समाधि पर
सन्तुष्ट मैं।
जो कुछ कहा-सुना बापू ने
वह
आप समझें,
मेरे लिए बस, इतना ही।
वैसे भी,
आफिस में टाँगी गई
सदा मुस्कराती
बापू की प्रतिमा से
आशीर्वचनों की वर्षा
रोज सहते हम।
भ्रष्ट भूत का उपचार
अभी शेष था
कि सत्य और अहिंसा
की लाश लिए
धरने पर आ बैठा कोई
रामलीला मैदान में,
जनलोकपाल बिल के तर्पण से
जाग गए प्रेत दोनों,
गायब थी - आँखों से नींद,
मन में बेचैनी थी
रात-दिन एक से,
टोटके भी बहुत किए,
पर काम न आए।
इन भूतों से पिंड छूटे,
बापू !
आज अपने जन्मदिन पर
एक मंत्र ऐसा दो।
*****
काश मंतर मिले.
जवाब देंहटाएंआशीष
--
लाईफ़?!?
सच में, एक मंत्र जो मन को अभय दे।
जवाब देंहटाएंवर्षों की फाइल से
जवाब देंहटाएंनिकला फिर आज
बापू का जन्म-दिन।
.... ab to kitno ko yaad bhi nahin rahta
एकदम सामयिक,सटीक और सुन्दर रचना आज के अवसर पर.
जवाब देंहटाएंइन भूतों से पिंड छूटे,
जवाब देंहटाएंबापू !
आज अपने जन्मदिन पर
एक मंत्र ऐसा दो।
सभी को इस तरह के मन्त्र का इंतज़ार है. सुंदर कविता के लिये आभार.
बापू और शास्त्री जी जैसे सपूत फिर पैदा हों और देश को सही दिशा दें
जवाब देंहटाएंआज बापू का जन्म दिन है । हर जगह मौन अनुष्ठान होगा लेकिन वास्तविकता यह है कि हमारा गांधी छपे हुए विचारों में ही नही है, राजघाट की समाधि के भीतर ही नही है, स्मरण तिथियों में ही नही है, वह इस देश की कार्य-पद्धति में है । .हम गांधी का नाम न लें पर हमें कभी आत्म निरीक्षण के लिए समय निकालना पड़ेगा । आज गाधी जी के आदर्श के ठीक विपरीत "समरथ को नही दोष गुसाई" का भाव प्रबल हो उठा है । राष्ट्र पिता के प्रति असीम श्रद्धा के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ । काश ! इस देश को कोई दूसरा गांधी मिल जाता । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 03-10 - 2011 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में ...किस मन से श्रृंगार करूँ मैं
सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकाश हमें ऐसे मंतर मिल सके.....
जवाब देंहटाएंaabhar ise padhane k liye.
जवाब देंहटाएंबस, एक मंत्र की आस सभी को...
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक/सामयिक/सटीक प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंसादर..
आजकल अग्रणी लोग ऐसे ही किसी मंत्र की तलाश में हैं। देखें, बापू उनकी कितनी मदद कर पाते हैं।
जवाब देंहटाएंसार्थक एवं सामयिक प्रस्तुति।
आभार,
बहुत अच्छा लिखा है सर!
जवाब देंहटाएंसादर
वह मंत्र दे ही दो बापू !
जवाब देंहटाएंकिस गाँधी की बात कर रहे है आप वही जिसने साउथ-अफ्रीका में प्रवास के समय वहाँ की ट्रांसवॉल सरकार ने भारतीयों को परमिट लेकर ही रहने का आदेश दिया, जिस पर गाँधी जी समेत सभी भारतीयों ने विरोध किया. जब यह आंदोलन पूरे ज़ोर पर था तो एक दिन गाँधी जी अचानक चुपके से जनरल स्मटस के पास जाकर अपनी दसों अंगुलियों की छाप देकर यह परमिट प्राप्त कर लिया. सभी ने गाँधी जी इस आचरण की भर्तसना की. या आप उस गाँधी की बात कर रहे है जिसने विदेशी का बहिष्कार और स्वदेशी को अपनाने की प्रेरणा दी, जिससे प्रभावित होकर लाखों भारतीयों ने अपने-अपने विदेशी वस्तुओं की होली जलाई, किंतु गाँधी जी अपनी विदेशी घड़ी का मोह न त्याग सके और अंत तक उसे अपने पास रखा. या फिर आप उन गाँधी के बारे में बोल रहे है जो अँग्रेज़ी पढ़े लिखे बुद्धिजीविओं को ही भारत के गुलाम होने का कारण मानते रहे, किंतु अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में हैरो एवं कैंब्रिज में पढ़े नेहरू को राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने में अपने लोभ का संवरण न कर सके. इसी तरह गाँधी जी अपने को लोकतंत्र का पुरोधा मानते रहे किंतु सन 1938 कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में बहुमत से जीते हुए सुभाष चंद्र बोस को स्वीकार नहीं कर सके. या आप उस महात्मा की बात कर रहे है जिसने भगत सिंह जी की फंसी का विरोध नहीं किया क्यूंकि भगत सिंह जी हिंसा के मार्ग पर थे और महात्मा जी हिंसा के पछधर नहीं थे. किन्तु उसी गाँधी ने भारत के नौजवानों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया ताकि भारत के नौजवान अंग्रेजो की तरफ से पहले और दुसरे विश्व युद्ध में लड़ सके. ये कैसी अहिंसा है जिसमे देश के लिए लड़ने वाले भगत सिंह का साथ तो गाँधी ने नहीं दिया किन्तु युद्ध में अंग्रेजो का साथ महात्मा ने दिया. बाकी गाँधी में देश की आजादी में बोहोत बड़ा योगदान दिया है ये बात तो कई जगह पढ़ी है किन्तु आज तक समझ नहीं पाया गांधी ने आखिर आजादी के लिए किया क्या था.
जवाब देंहटाएंमंत्र मिलने की सम्भावना जागते हैं अन्ना जैसे कुछ लोंग ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति!
वर्षों की फाइल से
जवाब देंहटाएंनिकला फिर आज
बापू का जन्म-दिन।
...
इतना कुछ होने पर भी किताब-फाइल में बंद मुस्कराते बापू भले लगते है...
वर्तमान हालातों के सजीव चित्रण प्रस्तुति हेतु आभार!