नवगीत
सहगान सजे होंगे
श्यामनारायण मिश्र
मैं यहां जलता रहूंगा दीप सा
अबकी दीवाली
तुम आंखें न भरना।
सजनी री !
कहा-सुनी-टंटे
कमी-किल्लत, रोग-ताप
याद नहीं करना।
नैहर के सुख सपने
बूढ़ी मां, मुए बाप
याद नहीं करना।
बाबू की भंडरिया
थापना गनेश
अम्मा की भंडरिया लछमी।
बइया की आंखों
दीप सजा काजल
बब्बू के माथे मल देना भस्मी।
चौरे में पांच-सात
आले में आली
एक दीप धरना।
आंखें न भरना।
साथी रे !
कातिक में कैथे के नीचे
धानों की खरही–
खलिहान सजे होंगे।
बैलों के गत्थे
दांय औ गड़ायन
घुंघरू के रुनझुन
सहगान सजे होंगे।
खिरके में
गोल-गोल
गायें बिचकाना।
ग्वालों के
हियो-तता
नाच और गाना।
तुम्हें हो मुबारक
मेरे मन पंछी को
पंख है कुतरना
अबकी दीवाली
तुम आंखें न भरना।
'कातिक में कैथे के नीचे
जवाब देंहटाएंधानों की खरही–
खलिहान सजे होंगे।'
पुरज़ोर है कबिता !
दिवाली की असीम शुभकामनाएँ !!
बड़ी भावमयी पंक्तियाँ, दीवाली की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंआप सबको धनतेरस और दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंओह! पुरजोर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंपढकर मन अभिभूत हो गया है.
धनतेरस व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत सुन्दर भावमयी रचना ...
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएँ
याद आ गयी गांव-देश की दिवाली की। अब तो चाइनीज एल ई डी की लप लुप करती रोशनी में वह आनन्द कहाँ!
जवाब देंहटाएंदीये की लौ की भाँति
जवाब देंहटाएंकरें हर मुसीबत का सामना
खुश रहकर खुशी बिखेरें
यही है मेरी शुभकामना।
भावपूर्ण प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं'बाबू की भंडरिया थापना गनेश अम्मा की भंडरिया लछमी। बइया की आंखों दीप सजा काजल बब्बू के माथे मल देना भस्मी। चौरे में पांच-सात -आले में आली एक दीप धरना। आंखें न भरना।'
जवाब देंहटाएं- कितना भावपूर्ण !
दीपावली मंगलमय हो !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.
जवाब देंहटाएंआपको भी धनतेरस और दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएंगीत की भाषा में बहुत ताजगी भरी है। यह रचना हम लोगों को सिखाती है कि भाषा में ताजगी लाने के लिए कैसी शब्दयोजना बनानी चाहिए।
जवाब देंहटाएंसभी पाठकों को धनतेरस और दीपावली की हार्दिक बधाई।
पर्व के अवसर पर मन को स्पर्श करती है मिश्र जी की यह रचना...
जवाब देंहटाएंमनोज जी,
जवाब देंहटाएंनमस्कार,
आप के लिए "दिवाली मुबारक" का एक सन्देश अलग तरीके से "टिप्स हिंदी में" ब्लॉग पर तिथि 26 अक्टूबर 2011 को सुबह के ठीक 8.00 बजे प्रकट होगा | इस पेज का टाइटल "आप सब को "टिप्स हिंदी में ब्लॉग की तरफ दीवाली के पावन अवसर पर शुभकामनाएं" होगा पर अपना सन्देश पाने के लिए आप के लिए एक बटन दिखाई देगा | आप उस बटन पर कलिक करेंगे तो आपके लिए सन्देश उभरेगा | आपसे गुजारिश है कि आप इस बधाई सन्देश को प्राप्त करने के लिए मेरे ब्लॉग पर जरूर दर्शन दें |
धन्यवाद |
विनीत नागपाल
मनमोहक सुंदर पन्तिया भावपूर्ण रचना,
जवाब देंहटाएंसपरिवार दीप पर्व की बधाई......
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना !
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
तुम आंखे न भरना ..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !!
.. आपको दीपावली की शुभकामनाएं !!