शनिवार, 1 जनवरी 2011

साल ग्यारह आ गया है !!

सलिल भाई की नज़रे इनायत कि इसे अब ग़ज़ल कह सकता हूं और आपके सामने पेश करने गुस्ताख़ी कर सकता हूं नए साल ग्यारह के आगाज़ पर।

साल ग्यारह आ गया है !!

साल ग्यारह आ गया है खुशियों की सौग़ात लेकर,

आइये  स्वागत  करें  हम  जोश  के  जज़्बात लेकर.

मुस्कुराते बीते   पल   की   याद  बस  मन  में रहे

उम्र  भर  रोना  नहीं,    बिगड़े  हुए  हालात लेकर.

प्रेम  की ख़ुशबू  से  मँहकी  नज़्म  उड़ती  हर   तरफ

फूल लिखते हों ग़ज़ल जब कलम और दावात लेकर.

प्यार  हो  दुनिया  का  मजहब,  प्रेम  में  हो आस्था

स्नेह  का  आँचल  लिये,  आये  घटा बरसात लेकर.

जग  की चादर  हो न  मैली,  मन चमन ऐसे खिलें

साल की हर सुबह आए, अमन की एक रात लेकर.

ऐ  ख़ुदा,  उनसे  बचाना  जिनकी  फ़ितरत  हो छिपी

तिरछी चालें चलने वाले आते शह और मात लेकर.

मेल हो, एका हो,  सबमें प्यार का  जज़्बा ‘मनोज’

दो हज़ार ग्यारह है आया मिलन की बारात लेकर.

36 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय मनोज कुमार जी
    नमस्कार !
    नूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो...

    जवाब देंहटाएं
  2. बिलकुल सही कहा..सार्थक अभिव्यक्ति
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...!!

    जवाब देंहटाएं
  3. सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
    यह हमारी आकाशगंगा है,
    सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
    कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
    आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
    किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
    मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
    आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
    मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
    उनमें से एक है पृथ्वी,
    जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
    इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
    भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
    मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
    भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
    एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
    नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
    शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
    यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
    -डॉ एपीजे अब्दुल कलाम

    नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  4. नव वर्ष के आगमन पर आपको परिजनों सहित हार्दिक शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  5. गजल कुछ यों कहती है
    सदा मंगल हो जीवन में
    सबके।
    नव वर्ष 2011 आप सभी के लिए कल्याणकारी हो।

    जवाब देंहटाएं
  6. मेल हो, एका हो, सबमें प्यार का जज़्बा ‘मनोज’ दो हज़ार ग्यारह है आया मिलन की बारात लेकर. [
    --
    शुभभावनाओं से ओत-प्रोत सुन्दर रचना!
    --
    नववर्ष 2011 आपको और आपके पूरे परिवार को मंगलमय हो!
    --
    झट से यहाँ पोस्ट लाने के लिए फट से क्लिक कोड अपने ब्लॉग पर लगाएं! http://blogsmanch.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  7. सद्भावना और सौहार्द्र का सकारात्मक और सार्थक सन्देश देती बहुत ही सुन्दर रचना ! मेरा अभिनन्दन एवं नव वर्ष की शुभकामनायें स्वीकार करें !

    जवाब देंहटाएं
  8. नमस्कार.
    नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  9. नववर्ष --2011-- की हार्दिक शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  10. सुन्दर ग़ज़ल। नववर्ष मंगलमय हो।

    जवाब देंहटाएं
  11. आप जहाँ भी रहे,आबाद रहें,
    वैभव, सुख-शांति साथ रहे,
    पुनीत हृदय से कहता हूं
    जग की खुशियां पास रहे।
    नव वर्ष-2011 आपके जीवन-पथ को सदा रौशन रखे। मंगलमय एवं पुनीत भावनाओं के साथ। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  12. नया साल शुभा-शुभ हो, खुशियों से लबा-लब हो
    न हो तेरा, न हो मेरा, जो हो वो हम सबका हो !!

    जवाब देंहटाएं
  13. आपको नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें...स्वीकार करें
    बहुत खूब ...अंदाज -ए- वयां पसंद आया

    जवाब देंहटाएं
  14. bahut badiya..
    Each age has deemed the new born year
    The fittest time for festal cheer..
    HAPPY NEW YEAR WISH YOU & YOUR FAMILY, ENJOY, PEACE & PROSPEROUS EVERY MOMENT SUCCESSFUL IN YOUR LIFE.

    Lyrics Mantra

    जवाब देंहटाएं
  15. नए साल में खूबसूरत गज़ल ...


    ऐ ख़ुदा, उनसे बचाना जिनकी फ़ितरत हो छिपी

    तिरछी चालें चलने वाले आते शह और मात लेकर.

    बहुत खूब ...

    नव वर्ष की शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत सुन्दर मंगलकामना।
    आपको तथा आपके पूरे परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  17. आदरणीय मनोज जी एवं कारन समस्तीपुरी जी को
    नव-वर्ष की हार्दिक बधाई!!

    जवाब देंहटाएं
  18. मनोज जी,
    नव वर्ष पर आपने इतनी अच्छी ग़ज़ल का तोहफा दिया,इसके लिए धन्यवाद !
    ग़ज़ल का यह शेर तो बहुत ही खूबसूरत बन पड़ा है ,

    मुस्कुराते बीते पल की याद बस मन में रहे
    उम्र भर रोना नहीं, बिगड़े हुए हालात लेकर.

    आपको भी सपरिवार नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएँ !
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

    जवाब देंहटाएं
  19. सुंदर प्रस्तुतिकरण..नया साल मुबारक हो।

    जवाब देंहटाएं
  20. सुन्दर प्रस्तुति,बधाई। नव वर्ष की शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  21. नये वर्ष की अनन्त-असीम शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  22. भाई जी! कमाल का भाव लेकर आए हैं आप इस गज़ल में... और साथ ही ख़ूबसूरत संदेश!
    कोटिशः मंगलकामनाएँ!!

    जवाब देंहटाएं
  23. मंगलमय नववर्ष और सुख-समृद्धिमय जीवन के लिए आपको और आपके परिवार को अनेक शुभकामनायें !
    सुन्दर ग़ज़ल !

    जवाब देंहटाएं
  24. बाऊ जी,
    नमस्ते!
    खूबसूरत कविता. आपको भी नया साल मुबारक.
    आशीष
    ----
    हमहूँ छोड़के सारी दुनिया पागल!!!

    जवाब देंहटाएं
  25. आपको एवं आपके समस्त परिवार को भी नव-वर्ष २०११ मंगलमय ,सुखद तथा उन्नत्तिकारक हो.

    जवाब देंहटाएं
  26. ऐ ख़ुदा, उनसे बचाना जिनकी फ़ितरत हो छिपी

    तिरछी चालें चलने वाले आते शह और मात लेकर.

    बहुत प्यारा शेर है .बधाई इस शेर की और नए साल की भी

    जवाब देंहटाएं
  27. शानदार गज़ल है, मनोज बाबू!!

    और यह पंक्तियां तो तलस्पर्शी है………
    ऐ ख़ुदा, उनसे बचाना जिनकी फ़ितरत हो छिपी,
    तिरछी चालें चलने वाले आते शह और मात लेकर॥

    शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  28. आशा की उजास और उर्जा से लबरेज खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.

    अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
    तय हो सफ़र इस नए बरस का
    प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
    सुवासित हो हर पल जीवन का
    मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
    करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
    शांति उल्लास की
    आप पर और आपके प्रियजनो पर.

    आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
    सादर,
    डोरोथी.

    जवाब देंहटाएं
  29. नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  30. sunder shabdo aur nirmal bhaavon se saji umda gazal paish ki aapne.

    nav varsh mangalmay ho.

    जवाब देंहटाएं
  31. सुन्दर और जीवंत ग़ज़ल . आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये .

    जवाब देंहटाएं
  32. ख़ुदा, उनसे बचाना जिनकी फ़ितरत हो छिपी तिरछी चालें चलने वाले आते शह और मात लेकर.

    सुंदर भावों को बेहतरीन ग़ज़ल में पिरोया है, सलिल जी को धन्यवाद जिनके स्पर्श से इसने ग़ज़ल का रूप अख्तियारकिया । मनोज जी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

    जवाब देंहटाएं
  33. प्यार हो दुनिया का मजहब, प्रेम में हो आस्था
    स्नेह का आँचल लिये, आये घटा बरसात लेकर...

    मनोज जी ... आप और सलिल जी मिल कर चार चाँद लगा रहे है ग़ज़ल में ... मज़ा आ रहा है ...
    आपको और परिवार में सभी को नव वर्ष मंगलमय हो ...

    जवाब देंहटाएं

आपका मूल्यांकन – हमारा पथ-प्रदर्शक होंगा।