हे मातृभूमि शत कोटि नमन!
करण समस्ती पुरी
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!
करते हैं रवि-शशि-तारक गण,
निशि-दिन तेरा पूजन-वंदन।
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
गिरिवर मुकुट, सुवन मेखला, सागर पाँव पखारे।
संतति को पयपान कराते गंग-यमुन युग धारे ॥
शस्य श्यामला आँचल तेरा, तू बसुधा का दर्पण।
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
कोमल-कठिन सहज सूरत पर षडऋतु का शृंगार ।
साँस तुम्हारे सुरभित करते, शीतल मलय बयार ।
हरित वसन में परम सुसज्जित, निर्मल-सुंदर कमल वदन।
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
अल्लाह-अलख कण-कण में तेरे, मधुर समन्वित ईश-इसा।
बाइबिल-गुरुग्रंथ कुराण-पुराण से गुँज रही हैं दसों दिशा ॥
सर्वधर्म समभाव समेटे, सहज सुखद तेरा सुमिरण ।
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
सत्य-अहिंसा सस्त्र तुम्हारे, विश्व-शांति है मंत्र तुम्हारा ।
तू युग-सर्जक, तू पथ-दर्शक, अखिल जगत है शिष्य तुम्हारा ।
स्वर्ण-विहग के कल-कल रव से, गुंजित तेरा उपवन ।
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
बहुत सुंदर .....हे मातृभूमि शत कोटि नमन!
जवाब देंहटाएंमातृभूमि है तो हम है, यह हमसे छिन जाएगी तो हमारा वजूद भी नहीं रहेगा। बहुत अच्छी कविता है, मातृभूमि को नमन।
जवाब देंहटाएं'स्वतत्रता दिवस ' के पुनीत अवसर पर भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति को अपने में पूर्ण रूप से आत्मसात करती हुई आपकी कविता " हे मातृभूमि शत कोटि नमन " की प्रस्तुति अच्छी लगी ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ।
स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसत्य-अहिंसा सस्त्र तुम्हारे, विश्व-शांति है मंत्र तुम्हारा ।
जवाब देंहटाएंतू युग-सर्जक, तू पथ-दर्शक, अखिल जगत है शिष्य तुम्हारा ।
स्वर्ण-विहग के कल-कल रव से, गुंजित तेरा उपवन ।
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
शत कोटि नमन!!शत कोटि नमन!!शत कोटि नमन!!
बहुत सुंदर .
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंमात्र भूमि को शत शत नमन .
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां
जवाब देंहटाएंअति सुंदर.
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की घणी शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं65वें स्वतन्त्रतादिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ!
बहुत सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं, स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआहा हा...अप्रतिम रचना...बधाई स्वीकारें.
नीरज
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जवाब देंहटाएंबड़ी ही सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति के साथ भावपूर्ण कविता लिखा है आपने! शानदार प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बहुत सुंदर भावनाप्रधान रचना.....!!
जवाब देंहटाएंमातृभूमि को शत-शत नमन......!!
आपकी पोस्ट "ब्लोगर्स मीट वीकली "{४) के मंच पर शामिल की गई है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें ,यही कामना है /सोमवार १५/०८/११ को आपब्लोगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं /
जवाब देंहटाएंमातृभूमि को शत कोटि नमन ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत !
खूबसूरत और भाव प्रवण रचना... हे मातृभूमि शत कोटि नमन!! स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
जवाब देंहटाएंआदरणीय मनोज जी प्यारा वर्णन सुन्दर दृश्य दिखाती लाजबाब रचना -निम्न में गजब का बंध ....
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं
भ्रमर ५
भ्रमर की माधुरी
रस-रंग भ्रमर का
अल्लाह-अलख कण-कण में तेरे, मधुर समन्वित ईश-इसा।
बाइबिल-गुरुग्रंथ कुराण-पुराण से गुँज रही हैं दसों दिशा ॥
सर्वधर्म समभाव समेटे, सहज सुखद तेरा सुमिरण ।
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंमनोज जी स्वतंत्रता दिवस पर देश प्रेम से ओत-प्रोत कविता पढवाने के लिए शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर... स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंvande matram ,ati uttam
जवाब देंहटाएंसत्य-अहिंसा सस्त्र तुम्हारे, विश्व-शांति है मंत्र तुम्हारा ।
तू युग-सर्जक, तू पथ-दर्शक, अखिल जगत है शिष्य तुम्हारा ।
स्वर्ण-विहग के कल-कल रव से, गुंजित तेरा उपवन ।
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
jai hind ,aapko bhi badhai is pavan parv par
बहुत सुंदर रचना के लिए आभार आपका !
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मातृभूमि को शत - शत नमन।
जवाब देंहटाएंआभार,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर .. अनुपम ... मात्री भूमि को सजीव कल्पना में उतारती रचना ...
जवाब देंहटाएंदेश भक्ति से पूरित सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंवंदेमातरम्!
तत्सम शब्दों से युक्त इतनी सरस और प्रभावी रचनाएं कम देखने मिलती है । मातृभूमि की वन्दना में उत्कृष्ट गीत है
जवाब देंहटाएंशत कोटि नमन🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंलाजवाब
बहुत ही लाजवाब ।
जननी. जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसि।
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